Vakri Budh November 2024, वक्री बुध का क्या प्रभाव होगा 12 राशियों पर, बुध की उलटी चाल से किनको रहना होगा सावधान ?, किनकी बदलेगी किस्मत ?, Reverse movement of Mercury Impacts on 12 zodias. हिन्दू पंचांग के अनुसार ग्रहों के राजकुमार बुध 26 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में वक्री होंगे और 16 दिसंबर 2024 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। वक्री बुध के कारण बहुत से लोगो को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और कुछ लोगो को काफी लाभ होने वाला है | Vakri Budh November 2024: बुध ग्रह का सम्बन्ध बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता, व्यापार, मित्र आदि से होता है इसी कारण जब भी गोचर कुंडली में बुध की चाल बदलती है या फिर राशि बदलती है तो इसका असर हमे सभी तरफ देखने को मिलता है | Vrischik Rashi Mai Vakri Budh Ka 12 Rashiyo Par Prabhav आइये जानते हैं वृश्चिक राशि में जब बुध वक्री होंगे तो 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा ? मेष राशिफल : 26 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में बुध के वक्री होने पर मेष राशि के लोगो को अपने सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरुरत होगी साथ ही जीवनसाथी के साथ भी मन मुटाव संभव है, आपको अ
Kyu hanuman jayanti manaya jata hai diwali se pehle, kaise kare hanumanji ko prasann, free mai jaane hanumanji ke bare mai.
मान्यता के अनुसार आज भी हनुमानजी सशरीर मौजूद है और भक्तो के अनुभव भी है की हनुमानजी साक्षात् नजर आते है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते है.
Hanuman Jayanti In Hindi |
इस कलयुग में हनुमानजी को प्रसन्न करना बहुत आसान है. इनको राम भक्त हनुमान के नाम से भी जाना जाता है. भक्तो में हनुमानजी का नाम बड़े आदर से लिया जाता है क्यूंकि इन्होने राम जी की भक्ति में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.
राम जी का स्मरण, ध्यान और सेवा करना ही इनका इक मात्र उद्देश्य है. इनकी कहानियां आज भी हमे हिम्मत देती है, निडर बनाती है, सेवा करने के लिए प्रेरित करती है.
इसमे कोई शक नहीं की जो हनुमानजी की साधना करते हैं उनको किसी भी बुरी शक्तियों से कोई भय नहीं है.
आइये जानते है अब की दिवाली से पहले हनुमान जयंती क्यों मनाते है.
हिन्दू धर्म के अनुसार कार्तिक मॉस के चतुर्दशी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है क्यूंकि एक तो इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में पूजा जाता है तो दूसरी तरफ इसी दिन इस धरती पर राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था माता अंजना के गर्भ से.
इसी कारण हनुमान जयंती दिवाली से ठीक एक दिन पहले बहुत धूम धाम से मनाई जाती है.
इसी कारण हनुमान जयंती दिवाली से ठीक एक दिन पहले बहुत धूम धाम से मनाई जाती है.
हनुमान जयंती के बारे में एक ख़ास बात :
सही मायने में देखा जाए तो हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है एक चैत्र महीने की पूर्णिमा को और दूसरी कार्तिक चतुर्दशी को जो की दिवाली के एक दिन पहले आती है. ऐसी मान्यता है की कार्तिक चतुर्दशी को आधीरात को श्री हनुमानजी ने जन्म लिया था.
अतः इस दिन हनुमान भक्त उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास रखते है, विशेष पूजाए करते हैं, उनका मंत्र जप करते हैं, उनको नाना प्रकार के भोग लगाते हैं.
अतः इस दिन हनुमान भक्त उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास रखते है, विशेष पूजाए करते हैं, उनका मंत्र जप करते हैं, उनको नाना प्रकार के भोग लगाते हैं.
ज्योतिष और हनुमानजी:
ज्योतिष में भी जब कई गंभीर रोगों का समाधान की बात आती है तब ज्योतिषगण हनुमानजी के पूजा और उपासना का परामर्श देते हैं क्यूंकि वो भय हरता है, पराक्रम दाता है, बुद्धि दाता हैं. हनुमानजी की साधना भय दूर करती है, इनकी पूजा से भूत प्रेत, नकारात्मक उर्जाओं से रक्षा होती है, हनुमान जी की साधना ताकत देती है, कर्ज मुक्त करती है, विभिन्न प्रकार की विद्याओं को सीखने में भी मदद करती है.
हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक आदि बहुत प्रचलित है और भक्त इनका चमत्कार साक्षात् अनुभव करते हैं.
हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक आदि बहुत प्रचलित है और भक्त इनका चमत्कार साक्षात् अनुभव करते हैं.
कैसे प्रसन्न करे हनुमान जी को ?
हनुमानजी सर्वव्यापी है , सर्वशक्तिमान है, राम भक्त है इनको भक्ति से बहुत आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है परन्तु मान्यता के अनुसार इनको कुछ ख़ास चीजो से लगाव है अतः पूजा में इनको शामिल करके हम हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
ऐसा माना जाता है की इनको चमेली का तेल, सिन्दूर, चूरमा, यज्ञो पवित्र, श्री राम का नाम, तुलसी दल आदि बहुत प्रिय है अतः पूजा में इनको शामिल करना चाहिए.
हनुमान जयंती पर सुबह प्रातःकाल नाहा धो कर हनुमान जी की पूजा करके उनको चमेली के तेल और सिन्दूर का चोला चढ़ाना शुभ होता है साथ ही भोग में चूरमा, लड्डू, तुलसी दल के साथ और पान भी अरित करना चाहिए, नारियल और दक्षिणा के साथ.
फिर हनुमान चालीसा या हनुमान अष्टक का पाठ किया जाए भक्ति से तो निश्चित ही उनकी कृपा जीवन को सुक्मय कर देती है.
सभी को हनुमान जयंती की शुभ कामनाये. हनुमान जी की कृपा सब को प्राप्त हो.
बनाइये अपने जीवन को सुखमय, करिए अपने जीवन को परेशानियों से मुक्त, पाइए हनुमान साधना से हनुमानजी की असीम कृपा.
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हनुमान जयंती पर सुबह प्रातःकाल नाहा धो कर हनुमान जी की पूजा करके उनको चमेली के तेल और सिन्दूर का चोला चढ़ाना शुभ होता है साथ ही भोग में चूरमा, लड्डू, तुलसी दल के साथ और पान भी अरित करना चाहिए, नारियल और दक्षिणा के साथ.
फिर हनुमान चालीसा या हनुमान अष्टक का पाठ किया जाए भक्ति से तो निश्चित ही उनकी कृपा जीवन को सुक्मय कर देती है.
सभी को हनुमान जयंती की शुभ कामनाये. हनुमान जी की कृपा सब को प्राप्त हो.
बनाइये अपने जीवन को सुखमय, करिए अपने जीवन को परेशानियों से मुक्त, पाइए हनुमान साधना से हनुमानजी की असीम कृपा.
हनुमान साधना सफलता लिए
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