Mahashivratri kab hai 2025 mai, क्या करे शिवरात्रि को, कैसे कर सकते है शिव पूजा, किस प्रकार की पूजाए संभव है शिवरात्रि मे, समस्याओं का समाधान महाशिवरात्रि मे. Mahashivratri 2025: हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार शिवरात्रि एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण रात्रि होती है, साधनाओ को करने हेतु महाशिवरात्रि एक शक्तिशाली रात्रि मानी गई है. भौतिक इच्छाओं को पूरी करना हो या फिर अध्यात्मिक, शिवरात्रि बहुत महत्तवपूर्ण समय होता है अनुष्ठानो को करने के लिए | ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि की दिव्य रात्रि में की गई पूजा से हजारो वर्षों की पूजा का फल मिलता है | इस साल २०२५ में शिवरात्रि को महाकुम्भ का स्नान भी होगा | सन 2025 में महाशिवरात्रि 26 फ़रवरी बुधवार को है, चतुर्दशी तिथि 26 तारीख को दिन में लगभग 11:10 बजे से शुरू हो जायेगी और 27 तारीख को सुबह लगभग 8:56 बजे तक रहेगी | Shivratri Ko Kya Kare Jyotish Ke Hisab Se यह दिव्य रात्रि पुरुष, स्त्री, प्रेमी, रोगी सभी के लिए उपयोगी है क्योंकि शिवरात्रि को हम अपनी किसी भी मनोकामना के लिए अनुष्ठान कर सकते हैं। शिवरात्रि की रात पूजा और ध्यान करने से पाप...
Mahatma Gandhi aur safalta Sootra, Free encyclopaedia in Hindi, kya seekhe mahatma Gandhi se, गांधीजी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण , गांधीजी के लोकप्रिय होने के कारण क्या है, गांधीजी को श्रद्धांजलि.
एक व्यक्ति जिसने देश को बदलने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, एक व्यक्ति जिसने अहिंसा के सिद्धांत के शक्ति को सबको बताया. एक व्यक्ति जिसने पवित्रता, जिन्दादिली, जोश, जूनून की मिसाल पेश की, वो है महात्मा गांधी, इनको बापूजी के नाम से भी जाना जाता है, ये हैं राष्ट्रपिता.
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Mahatma Gandhi Se Kya Seekh Sakte Hain |
इनका पूरा नाम है मोहनदास करमचंद गांधी जिन्होंने राजनीति और समाज उत्थान के कार्यक्रम में अद्वितीय भाग लिया.
किसी ने सोचा भी नहीं होगा की गुजरात के पोरबंदर में 2 october 1869 को जन्म लेने वाला बालक देश में क्रान्ति ले आयेगा. एक बालक जिसने अपनी शिक्षा लन्दन विश्वविद्यालय से पूरी की ने पुरे विश्व को बताया की किस प्रकार से सहज और सदा जीवन हमे ख़ुशी देगा.
महात्मा गाँधी अपने सत्याग्रह, उपवास के लिए जाने जाते हैं. वे सिर्फ भारत में ही प्रसिद्ध नहीं है अपितु पुरे संसार में उनके सिद्धांतो को मानने वाले लोग मौजूद है. उनके पाठ स्कूल/विद्यालयों और कालेजों में पढाये जाते हैं.
ये महान संत ३० जनवरी १९४८ को ब्रह्मलीन हुए. इनको नाथू राम गोडसे ने गोली मारी थी.
2 अक्टूबर २०१४ को क्या ख़ास बात रहा है:
२०१४ में भारत देश के प्रधानमन्त्री मोदीजी ने एक विशेष आन्दोलन शुरू करने की घोषणा की है जिसमें देश में सफाई के प्रति जनजागरण शामिल है. उन्होंने स्वच्छ भारत बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए लोगो से आग्रह किया है.
एक स्वच्छ और पवित्र भारत का निर्माण ही गांधीजी के लिए सबसे अच्छा उपहार होगा, एक श्रधांजलि होगी. इसीलिए २०१४ में गांधीजी का जन्मदिवस ख़ास है.
आइये देखते है महात्मा गांधीजी की कुंडली:
एक प्रश्न ये भी उठता है की क्यों गांधीजी का जीवन इतना संघर्ष पूर्ण रहा . क्यों एक वकील होने के बावजूद उन्होंने देश सेवा में अपना जीवन लगा दिया. क्यों उनमे इतना सहस था, क्यों वो राजनीती में इतने प्रसिद्ध हुए. क्यों वो आज भी लोगो के दिलो में राज करते हैं.
ज्योतिष में हम ग्रहों द्वारा इन चीजो को देखने की कोशिश करते हैं. उनके कुंडली में ये चीजे स्पष्ट रूप से प्रकट करती है की उनका जीवन संघर्षमय रहा होगा. क्युकी उनके कुंडली में चंद्रग्रहण योग
दसवे घर में बन रहा है, उनका गण भी राक्षस है, जिसके कारण वो अपने कार्रिएर में स्थिर नहीं हो पाए. वकालत नहीं कर सके और राजनीती में आ गए.
स्व राशि का चन्द्रमा उनके कर्म स्थान में बैठ के उनको जीवन भर भ्रमंशील भी बनता रहा. मंगल लग्न में बैठकर उन्हें साहसी बना रहा है, एक अच्छा नेता बना रहा है, एक अच्छा राजनीतिज्ञ भी बना रहा है. उनको ताकत दे रहा है जिससे वो चुनौतियों का सामना बहादुरी से करे.
इसी के साथ गुरु की शुभता विवाह स्थानमें उनके जीवन साथी के विद्वान् होने का संकेत कर रहा है. उनके व्यक्तित्व भी बहुत आकर्षक रहा है क्यूंकि शुक्र लग्न में बैठा था स्वराशी का .
अतः हम ग्रहों की शक्ति को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, ग्रह व्यक्ति के जीवन पर पूरा पूरा असर डालते हैं. वैदिक ज्योतिष द्वारा जीवन के अनेक पहलु को जाना जा सकता है.
गांधीजी के वो कोनसे सिद्धांत हैं जिनके द्वारा हम अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं :
हालांकि गांधीजी का जीवन बहुत ही संघर्षमय रहा है परन्तु उन्होंने कभी भी शिकायत नहीं की. वो लोगो के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन गए. उनके द्वारा अपनाए हुए सिद्धांत आज भी लोगो को एक अच्छा जीवन जीने में मदद कर रहे हैं.
- वो जात पात नहीं मानते थे इसी कारण वो खुद अपना toilet साफ़ करते थे. वो कभी भी किसी नीची जाती के लोगो के साथ बैठने से नहीं कतराए. उन्होंने कभी भी पक्षपात नहीं किया, उनके दिल में सभी के लिए प्रेम था इसीलिए वो सभी के प्रिय थे.
- उनका अहिंसा का सिद्धांत जबरदस्त है. हिंसा के द्वारा हम हिंसा का अंत नहीं कर सकते हैं अतः हमे भी शान्ति के साथ विरोध करना सीखना चाहिए.
- उन्होंने हमेशा एक सदा जीवन जिया और दुसरो को भी प्रेरित किया. हमारे चेहरे पर जो झूठा मुखोटा लगा है अगर हम वो उतार दे तो बहुत अच्छा जीवन जी सकते हैं.
- सादे वस्त्र हमेशा ही सेहत के लिए अच्छे होते हैं और इसीलिए उन्होंने भी पूरा जीवन इसका पालन किया.
- अगर आपका सिद्धांत सही है तो किसी भी हालत में उसको मत छोड़िये. गांधीजी ने भी अपने सिद्धांतों से कभी समझोता नहीं किया.
- महात्मा गांधीजी हमेशा आत्मनिरीक्षण किया करते थे जिससे उन्होंने अपने आदतों को सुधार और एक सफल जीवन जिया. अतः हम भी इसे अपना कर सफलता की और बढ़ सकते हैं.
- वो सादा खाना खाते थे जो की अच्छा होता है. सदा जीवन उच्च विचार उनका एक सिद्धांत रहा है.
- गांधीजी को अगर हम वाकई में श्रधांजलि देना चाहते है तो हमे उनके सिद्धांतो को अपनाना चाहिए जिससे खुदा और देश का भला हो सके.
आइये भारत को फिर से मजबूत राष्ट्र बनाए.
जय हिन्द , जय भारत
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