2024 में सोमवती अमावस कब है?, सोमवती अमावस्या को क्या करना चाहिए?, सोमवती अमावस्या का महत्व क्या है?, ज्योतिष उपाय सफल जीवन के लिए, अमावस्या के लिए मंत्र. भारत मे साधारणतः ये देखा जाता है की सोमवती अमावस्या को लोग पवित्र नदियों मे स्नान करते है, विशेष पूजा पाठ करते है , दान करते है. 30 December 2024 को है "सोमवती अमावस्या" जब कुंडली में मौजूद चन्द्र दोष और पितृ दोष से छुटकारे के लिए विशेष पूजन किया जा सकता है | अमावस्या तिथि ३० दिसम्बर को तडके लगभग 4:03 बजे शुरू होगी और ३१ दिसम्बर को तडके लगभग 03:57 तक रहेगी जिससे अमावस्या की रात्री ३० की होगी | Somwati Amavasya Ka Mahattwa In Hindi आइये समझते है सोमवती अमावस्या को: जब अमावस सोमवार को आती है तब उसे सोमवती अमावस कहते हैं. ये भगवान् शिव के पूजा का विशेष दिन माना जाता है, पितरो के पूजन के लिए भी शुभ दिन है साथ ही चन्द्र देव के पूजन के लिए भी शक्तिशाली दिन माना जाता है ज्योतिष के अनुसार. Watch Video Here महाभारत मे भीष्म पितामह ने युधिस्ठिर को भी सोमवती अमावस्या के महत्त्व के बारे...
Kya Hota hai gola khisakna, nabhi hatne ka matlab kya hai, kaise thik kar sakte hain dharan ko, janiye kuch asaan tarike nabhi ko thik karne ke.
साधारण शब्दों में नाभि खिसकना :
जब हम बात करते हैं शारीर के मध्य इस्थान का तब नाभि का ध्यान आता है, जब हम योग के सन्दर्भ में मनिपुरक चक्र की बात करते हैं तब हमे ध्यान आता है नाभि का, जब भी पेट में दर्द होता है तो ध्यान आता है नाभि का. अतः नाभि हमारे शारीर का एक महात्वपूर्ण अंग है, इसी नाभि को गोला या धारण भी कहते हैं. अंग्रेजी में नाभि को Navel कहते हैं.
ये वास्तव में एक संगम है जहाँ से नाड़ियाँ गुजरती हैं हर प्रकार की , अतः यहाँ पर जाल बना हुआ है नाड़ियों का, इन नाड़ियो को सहारा देने के लिए मांसपेशियां भी होती है और जब ये अपनी जगह से कभी खिसकती हैकिसी कारण से तो उसे कहते हैं “नाड़ी का खिसकना या गोला खिसकना या धरण ”. कभी ये बाएं खिसकता है, कभी ये दायें खिसकता है, कभी ऊपर और कभी निचे खिसकता है.
इसी के साथ कुछ कुंडलीयो में मैंने सातवां और आठवां घर भी दूषित पाया है |
गोला खिसकने के ज्योतिषीय कारण:
मैंने अपने शोध में पाया है की जिन लोगो का गोला ज्यादा खिसकता है उनके कुंडली में छ्टे भाव में कमजोरी होती है अर्थात वहां या तो कमजोर ग्रह बैठा रहता है या फिर ख़राब ग्रह जिसके कारन नाभि से सम्बंधित परेशानी बार बार उठती है |इसी के साथ कुछ कुंडलीयो में मैंने सातवां और आठवां घर भी दूषित पाया है |
गोला खिसकने के कारण:
देखा जाए तो मूल में कमजोरी ही इसका कारण है जिसके कारण भरी काम करते हुए ऐसा होता है.
- नवजात शिशुओं में भी ये समस्या बहुत साधारण है.
- खेलने, कूदने, दौड़ने, भारी सामान उठाने के समय भी नाभि पर जोर पड़ने से खिसक जाता है.
- मैथुन करते हुए भी ऐसा कभी कभी हो जाता है.
- महिलायें इससे ज्यादा परेशान रहती है कमजोरी के कारण
- अत्यधिक पेट में गैस बनने से भी ऐसा होता है.
क्या समस्याएं होती है नाभि खिसकने से ?
व्यक्ति जो नाभि खिसकने से परेशान है वो विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करते हैं जैसे......
- कब्ज के कारण परेशान रहना.
- दस्त लग जाना और कारण का पता न चलना.
- कमजोरी से शीघ्रपतन भी संभव होता है
- महिलाओं को मासिक समस्याएं आती है.
- घबराहट और उलटी भी होती है किसी किसी को.
- पीछे असहनीय दर्द होता है किसी को आदि
अलग अलग प्रकार के लोगो को अलग अलग समस्याओं से जूझना पड़ता है , यहाँ जरुरी है की समस्या को पहचान कर उसका इलाज जल्द से जल्द किया जाए.
कैसे बचाए नाभि को खिसकने से?
- ज्यादा लम्बे समय तक खाली पेट न रहे.
- मांस पेशिओं को मजबूत रखने के लिए व्यायाम करें.
- अचानक से भारी सामान न उठायें.
- प्राणायाम नियम से करे साथ ही जरुरी आसन सीख कर करे.
- एक विशेष प्रकार की पाँव में पहनने की रिंग होती है उसे धारण करके भी इस समस्या से बचा जा सकता है.
- अपने पाचन को मजबूत बनाए रखने के उपाय करे.
अगर नाभि खिसक जाए तो क्या करे ?
गोला एक साधारण समस्या है परन्तु ये भी सत्य है की इसके लिए कोई दवाई नहीं है, अतः देशी तरीको का स्तेमाल आज भी कारगर है इसको ठीक करने के लिए. आइये जानते है कुछ आसान तरीके ---
- नीचे एक कम्बल बिछा के उलटा लेते और नाभि के निचे एक प्लास्टिक की बल रखे, ऐसा 5 मिनट करने से आराम होता है.
- दोनों अंगूठो को पहले खींच के बराबर करे और उस पर कला धागा बाँध दे.
- अगर आप बार बार इस समस्या से ग्रस्त हो रहे है तो पैर के अंगूठे में विशेष प्रकार के रिंग को प्राप्त करके उसे धारण करे. ये रिंग आपको यहाँ मिलेगा. अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे, call 9425078323.
- एक और तरीका भी इस्तेमाल किया जाता है जिसमे की नाभि के ऊपर वेक्यूम बनाके नसों को खीचा जाता है परन्तु अनुभवी के द्वारा करवाना चाहिए.
- इसके अलावा रोज आसान प्राणायाम करना चाहिए.
- इस समस्या में मत्स्यासन, चक्रासन, धनुरासन, उत्तानपादासन आदि लाभदायक होता है, किसी योग्य शिक्षक से सीख कर इन्हें करते रहना चाहिए.
- एक और अच्छा तरीका है उसके लिए सीधे लेट जाएँ और अपने नाभि के ऊपर एक दीपक रखके उसमे कपूर जला दे फिर उसके ऊपर से ग्लास उलट के रख दे , इससे वेक्यूम बनेगा और आसपास की मांसपेशियों को खींचेगा, ऐसा होते ही नाभि अपनी जगह पे आ जाएगा |
- इसके अलावा एक और तरीका है जो की प्रयोग किया जाता है | उसके लिए दोनों पैर के अंगूठे को मिला के देखा जाता है की कौन सा छोटा है , फिर जो छोटा होता है उसे जोर से झटके से खीचते हैं , इससे भी गोला अपने जगह पे आ जाता है |
रखिये अपने नाभि को स्वस्थ और जी लीजिये अपने जीवन को मस्ती से.
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