12 Rashiyo Ke Mantra, १२ राशियों से सम्बंधित मंत्र, ज्योतिष के अनुसार १२ राशियों के लिए बीज मंत्र, जानिए राशी मंत्र को जपने के फायदे. 12 Rashiyo Ke Mantra : हम सभी जानते हैं की वैदिक ज्योतिष के हिसाब से १२ राशियाँ होती है और हर व्यक्ति की कोई न कोई राशि होती है जिसका प्रभाव उसके जीवन में पड़ता ही है. ये १२ राशियाँ हैं (मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, मीन). १२ राशियों से सम्बंधित मंत्र हर राशि का कोई न कोई मंत्र भी है और अगर अपने राशि के अनुसार मंत्र का जप करे तो बहुत फायदे होते हैं और सफलता के रास्ते खुलते हैं. मंत्रो का जप सबसे अच्छा तरीका है किसी भी शक्ति की कृपा को पाने के लिए और जीवन को बेहतर बनाने के लिए. पढ़िए भाग्य कैसे जगाएं जब भी Rashi Mantra का जप किया जाता है सही तरीके से तो जपकरता के अन्दर ऊर्जा बढ़ने लगती है जिसका फायदा जातक को भौतिक जीवन, अध्यात्मिक जीवन और व्यक्तिगत जीवन में दिखने लगता है | 12 Rashiyo Ke Mantra यहाँ पर चन्द्र राशि अनुसार मंत्र दिए जा रहे हैं जिसका जप धन, स्वास्थ्य, सम्पन्न...
Grah Aur Sambandho Ko Janiye Jyotish Main In Hindi, कैसे पड़ता है ग्रहों का असर संबंधो पर, भारतीय ज्योतिष से जानिए संबंधो और ग्रहों में सम्बन्ध.
क्या आप बहुत भावुक है, क्या आप हमेशा रिश्तो के कारण समस्या से घिर जाते हैं, क्या आप जानना चाहते हैं, कैसे ग्रह प्रभावित करते हैं जीवन में संबंधों को, क्या आप जानना चाहते हैं की कैसे कोई हमारे लिए अच्छा होता है या हानिकारक होता है.
सम्बन्ध कैसे रहेंगे |
जी हाँ एक वैदिक ज्योतिष, एक अच्छा ज्योतिष आपको बता सकता है की कैसे लोग आपके जीवन में शुभता लायेंगे या किस प्रकार के लोग आपके जीवन में आपको नुक्सान पंहुचा सकते हैं, कैसे हम अपने जीवन में हानि को कम कर सकते हैं.
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से जो भी हमारे साथ होता है उसके पीछे भाग्य तो होता ही है परन्तु कुंडली में ग्रहों का अध्ययन करके हम घटनाओं के कारणों का पता लगा सकते हैं और बहुत से घटनाओं के प्रति सचेत हो सकते हैं.
आइये जानते हैं संबंधो के सच को:
हमारे जन्म होते ही हम कई प्रकार के संबंधो से घिर जाते हैं जैसे, माता-पिता के साथ सम्बन्ध, उनसे जुड़े लोगो से सम्बन्ध , जिन्हें हम अलग अलग नामो से पुकारते हैं.उम्र बढ़ने के साथ ही और भी बहुत से सम्बन्ध बनते चले जाते हैं जैसे दोस्त, प्रेमी, पति-पत्नी, गुरु, साथी आदि. परन्तु इससे भी हम मन नहीं कर सकते हैं की कुछ लोग जीवन में कुछ रिश्तो से धोखा खा जाते हैं या फिर यूँ कहे की कुछ संबंधो के साथ लोगो के अनुभव नकारात्मक होते हैं.
किसी पे भरोसा करने का कोई एक सिधांत नहीं है, कोई भी जीवन में धोखा दे सकता है, कोई भी हमे नुक्सान दे सकता है.
हम सोच भी नहीं सकते हैं की कौन हमे क्या दे जाएगा जीवन में और कौन क्या ले जाएगा.
ज्योतिष और सम्बन्ध:
हम पूरी तरह से भविष्य में झाँक नहीं सकते हैं परन्तु ज्योतिष का प्रयोग करके हम बहुत कुछ जान सकते हैं, ज्योतिष संसार के इस लेख में आपको यही बताया जा रहा है की कैसे हम जाने की कौन व्यक्ति हमारे लिए फायदेमंद है, शुभ है और कौन नुक्सान दे सकता है. कैसे कोई अपने माता-पिता से अच्छा समर्थन प्राप्त करता है कैसे कोई किसी व्यक्ति से नुक्सान या धोखा खा जाता है.आइये शुरू करते हैं ग्रहों का अध्ययन संबंधो को लेके :
- सूर्य ग्रह का सम्बन्ध है पिता, आध्यात्मिक व्यक्ति, नेता, उच्च अधिकारी आदि से. अतः ज्योतिष के हिसाब से अगर सूर्य ख़राब हो कुंडली में तो सम्बंधित लोगो से सम्बन्ध ख़राब होता है या फिर कोई न कोई नुस्क्सान होता है. ख़राब सूर्य का असर पिता के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. ऐसे में व्यक्ति जीवन में लोगो से धोखा भी खा जाता है और कई बार बदनामी का सामना करना पड़ता है.
- चन्द्रमा साधारणतः माता से सम्बन्ध रखता है साथ ही जीवन में जिनको हम माता जैसा सम्मान देते हैं उनसे सम्बन्ध रखता है. अतः चन्द्रमा के साथ समस्या होने पर माता से सम्बन्ध या फिर उनके स्वस्थ्य पर असर पड़ता है.
- मंगल ग्रह का सम्बन्ध दोस्तों और भाइयो से होता है ज्योतिष के हिसाब से अतः मंगल का शुभ या अशुभ प्रभाव कुंडली में सम्बंधित लोगो के साथ संबंधो पर असर डालता है. ख़राब मंगल भाइयो के साथ भूमि विवाद भी बढ़ा सकता है, दोस्तों से धोखे की गुंजाइश बढ़ा सकता है.
- बुध ग्रह का सम्बन्ध साधारणतः बहन, व्यापारी, माता के तरफ के लोगो आदि से होता है अतः इन सब पर बुध की स्थिति का असर पड़ता है. बुध का असर निर्णय क्षमता पर भी पड़ता है अतः सावधान रहना चाहिए.
- गुरु ग्रह का सम्बन्ध ज्योतिष के हिसाब से गुरु से, आध्यात्मिक लोगो से, सलाहकारों अदि से होता है अतः गुरु के ख़राब होने पर कई समस्याएं जीवन में उत्पन्न होती है सम्बंधित लोगो से सम्बन्ध बनाने में. ऐसा भी देखा गया है की गुरु के ख़राब होने पर व्यक्ति अपने गुरु पर विश्वास नहीं कर पाता और अपने ज्ञान का पूरा फायदा भी नहीं उठा पाता.
- शुक्र ग्रह का संबध प्रेमी, महिला मित्र और नारी जाती से होता है परन्तु इसमे माता और बहन को शामिल नहीं करते हैं. अतः अगर कोई व्यक्ति इनसे सम्बन्ध नहीं रख पा रहा है तो हो सकता है की कुंडली में शुक्र ख़राब हो या कमजोर हो. ऐसा भी देखा गया है की शुक्र के कारण व्यक्ति ग्लैमर की दुनिया में भी सफलता प्राप्त करने से चूक जाता है.
- शनि का सम्बन्ध जूनियर्स , नौकर, पिता से सम्बंधित परिवार जन आदि से होता है अतः व्यक्ति को जीवन में सम्बंधित व्यक्तियों से हानि या लाभ में परिवर्तन महसूस होता है. शनि के कारण भूमि विवाद भी सहन करना होता है साथ ही व्यक्ति कानूनी अड्चानो से भी परेशान हो सकता है.
- राहू और केतु छाया ग्रह है और राहू का सम्बन्ध ससुराल से होता है, अनजान व्यक्तियों से होता है, साथ ही केतु का सम्बन्ध भी अनजान व्यक्तियों से होता है साथ ही पुत्र और पुत्री से भी होता है, अध्यात्मिक लोगो से भी होता है अतः सम्बंधित लोगो से सम्बन्ध में असर होता है.
परन्तु ये कहना चाहूंगा की किसी भी निर्णय पर सिर्फ लेख पढ़ के मत पहुचिये, ऐसे और भी कई विषय है जिनका ध्यान रखा जाता है कुंडली का अध्ययन करने में और किसी निर्णय तक पहुचने में अतः अच्छे ज्योतिष से सलाह लेके ही जानिए की क्या कहती है आपकी कुंडली.
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