April 2025 Grah Gochar, अप्रैल 2025 मे कौन से ग्रह बदलेंगे राशि, which planets will change zodiac in april 2025, जानिए राशिफल और महत्त्वपूर्ण बदलाव ज्योतिष अनुसार. April 2025 Grah Gochar: एक अद्भुत महिना होने वाला है क्यूंकि इस बार अप्रैल मे बहुत से महत्वपूर्ण त्यौहार आयेंगे साथ ही गोचर कुंडली में बहुत बड़े बदलाव होने वाले हैं. April Mai Kaun Se Grah Badlenge Raashi आइये जानते हैं क्या बदलाव होंगे गोचर कुंडली में इस महीने : April 2025 Grah Gochar 1 अप्रैल मंगलवार को प्रातः 6:05 पे शुक्र ग्रह गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में प्रवेश करेंगे और २६ अप्रैल तक इसी में रहेंगे. 3 अप्रैल 2025 को शाम 6 बजकर 41 मिनट पर बुध ग्रह गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में गोचर करेंगे। 03 अप्रैल को लगभग 1:31 AM पे मंगल ग्रह चन्द्रमा की राशि कर्क में गोचर करेंगे और 06 जून तक इसी में रहेंगे. Read Rashifal Here April 2025 Grah Gochar 6 April को शनि उदय होंगे. 7 April को बुध शाम को लगभग 4:01 बजे मार्गी होंगे. Read rashifal of Margi budh 11 april को गुरु ग्रह मंगल के नक...
2024 Radha Ashtmi Date, राधा अष्टमी का महत्त्व, राधा अष्टमी की कथा, किस मंत्र का जप करें, गोचर कुंडली में ग्रहों की स्थिति |
2024 Radha Ashtmi: राधा और कृष्णा जी की प्रेम कहानियां विश्वभर में प्रसिद्ध हैं, आज के इस आधुनिक युग में भी लोग राधा और कृष्णजी की कथाओं का श्रवण करते हैं और अपने आपको धन्य समझते हैं. इनकी कथाये शांति देती हैं, प्रेम की भावनाओं को बल देती है, वास्तविक प्रेम का अर्थ समझाती हैं.
ब्रजधाम, बरसाना, मथुरा, वृन्दावन, आदि में राधा अष्टमी का उल्लास देखते ही बनती हैं.राधाजी को लाक्स्मीजी का अवतार भी माना जाता है.
2024 Radha Ashtmi: राधा और कृष्णा जी की प्रेम कहानियां विश्वभर में प्रसिद्ध हैं, आज के इस आधुनिक युग में भी लोग राधा और कृष्णजी की कथाओं का श्रवण करते हैं और अपने आपको धन्य समझते हैं. इनकी कथाये शांति देती हैं, प्रेम की भावनाओं को बल देती है, वास्तविक प्रेम का अर्थ समझाती हैं.
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radha ashtmi |
कब है 2024 में राधा अष्टमी ?
हिन्दू पंचाग के अनुसार राधा अष्टमी का उत्सव हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष के आठवे दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है.
इस साल ये पवित्र दिन 11 सितम्बर, बुधवार को आ रहा है. अष्टमी तिथि 10 सितम्बर को रात्री में 11:13 बजे से शुरू होगी और 11 सितम्बर को रात्री में 11:47 तक रहेगी |Watch 2024 Radha Ashtmi Video
आइये जानते हैं कौन है राधाजी?
राधाजी वृषभानु और किर्तिकुमारी जी की पुत्री के रूप में जानी जाती हैं , इन्हें लोग प्रेम से राधा रानी भी बुलाते हैं. कृष्ण के प्रति अपने अतुल्य प्रेम के कारण राधाजी ने पुरे ब्रह्माण्ड में अपना एक विशेष स्थान बनाया है. बनारस उनकी जन्मस्थली है.ब्रजधाम, बरसाना, मथुरा, वृन्दावन, आदि में राधा अष्टमी का उल्लास देखते ही बनती हैं.राधाजी को लाक्स्मीजी का अवतार भी माना जाता है.
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भक्त कृष्ण का भी पूजन राधाजी के साथ करते हैं क्यूंकि दोनों एक ही हैं और एक दुसरे के बिना दोनों ही अधूरे हैं.
एक प्रसिद्द वाक्य है जो की भक्त राधा रानी की पूजा करते हुए दोहराते हैं वो है –
"राधे राधे श्याम मिला दे "
आइये जानते हैं राधा अष्टमी को भक्त क्या करते हैं?
इस पुण्यशाली दिन में भक्तगण प्रातः जल्दी उठ कर दैनिक दिनचर्या से मुक्त हो के पुरे दिन रात उपवास करने का संकल्प लेते हैं और विधिवत राधा जी का पंचोपचार या फिर षोडशोपचार पूजा करते हैं. जगह जगह भजन और पूजा पाठ होते रहते हैं.भक्त कृष्ण का भी पूजन राधाजी के साथ करते हैं क्यूंकि दोनों एक ही हैं और एक दुसरे के बिना दोनों ही अधूरे हैं.
एक प्रसिद्द वाक्य है जो की भक्त राधा रानी की पूजा करते हुए दोहराते हैं वो है –
"राधे राधे श्याम मिला दे "
आइये जानते हैं क्या फायदे हो सकते हैं राधा अष्टमी के दिन पूजा करने का महत्त्व :
- लोग अपने पापों से मुक्त हो सकते हैं.
- भक्तगण राधा और कृष्ण के कृपा को प्राप्त कर सकते हैं.
- शादी शुदा लोग अपने वैवाहिक जीवन के परेशानियों को दूर कर सकते हैं.
- जिनको विवाह करने में परेशानी आ रही है वो भी इससे निजात पा सकते हैं.
- जीवन में वास्तविक प्रेम की शक्ति का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं.
- जो लोग प्रेम जीवन में परेशानी का सामना कर रहे हैं , उन्हें भी बहुत लाभ मिलता है | राधा कृष्ण की कृपा से अच्छे प्रेमी की प्राप्ति होती है | 2024 Radha Ashtmi
आइये जानते हैं की 2024 के राधा अष्टमी में ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
इस वर्ष राधा अष्टमी 11 सितंबर, बुधवार को पड़ रही है। वास्तव में अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात लगभग 11:13 बजे शुरू होगी और 11 सितंबर, गुरुवार को रात 11:47 बजे तक रहेगी।- सूर्य अपने स्वराशि सिंह में रहेंगे ।
- चंद्रमा अपने नीच राशि वृश्चिक में रहेंगे ।
- मंगल अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे ।
- बुध अपने मित्र राशि सिंह में रहेंगे ।
- बृहस्पति अपने शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे ।
- शुक्र अपने नीच राशि कन्या में रहेंगे ।
- शनि अपने स्वराशि कुंभ में रहेंगे ।
- राहु अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे ।
- केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे ।
- गोचर कुंडली में बुधादित्य राजयोग मौजूद रहेगा।
Read about benefits of radha krishna Mantra chanting
आइये जानते हैं है राधा अष्टमी की कौन से मन्त्र का जप से राधा और कृष्ण की कृपा प्राप्त कर सकते हैं ?
राधा और कृष्ण को अलग अलग अलग नहीं समझ सकते हैं, दोनों एक ही है | भगवन कृष्ण ने ये कहा भी है की अगर मेरी कृपा प्राप्त करना चाहते हो तो राधा की कृपा प्राप्त करो |
तो हम निम्न मन्त्र का पाठ करके दोनों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं :
||ॐ राधा कृष्णाय नमः ||
Radha Ashtami Vrat Katha 2024:
श्री कृष्ण जी के जन्म के 15 दिन बाद राधा रानी का जन्म हुआ था और उस दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी इसलिए इस दिन को "राधा अष्टमी " के नाम से जाना जाता है। भक्त इस दिन राधा रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और घर और मंदिरों में श्री कृष्ण और राधा जी की पूजा-अर्चना करते हैं।
इस साल राधा अष्टमी 11 सितंबर २०२४ को मनाई जाएगी।
राधा अष्टमी से जुड़ी रोचक पौराणिक कथा :
एक दिन देवी राधा गोलोक से कहीं बाहर चली गई। यह जानकर भगवान श्री कृष्ण विरजा नाम की सखी के साथ उद्यान में घूमने लगे। कुछ देर बाद जब देवी राधा गोलोक वापस आईं तो वह श्री कृष्ण को विरजा से साथ देखकर क्रोधित हो उठीं और क्रोध में ही उन्होंने विरजा को अपमानित कर दिया, जिसके बाद विरजा नदी के रूप में बहने लगी। देवी राधा का यह व्यवहार श्री कृष्ण के मित्र सुदामा जी को अनुचित लगा और उन्होंने देवी राधा को भला-बुरा कहा । Radha Ashtami Vrat Katha 2024
सुदामा जी की बातें सुनकर राधा रानी को गुस्सा आ गया और उन्होंने सुदामा को दानव योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया। उसके बाद सुदामा जी ने भी देवी राधा को मनुष्य योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया। शिव पुराण की कथा के अनुसार देवी राधा के श्राप के कारण सुदामा जी ने शंखचूड़ दानव के रूप में जन्म लिया और आगे चलकर वही दानव भगवान विष्णु के परम भक्त बने । दूसरी तरफ, राधा रानी ने पृथ्वी पर वृषभानु के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। Radha Ashtami Vrat Katha 2024
राधा रानी को सुदामा के श्राप के कारण पृथ्वी लोक पर मनुष्य के रूप में जन्म लेकर भगवान कृष्ण का वियोग सहना पड़ा। जबकि कुछ पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि द्वापर युग में जब श्री विष्णु ने भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लिया तो उनकी पत्नी यानि माता लक्ष्मी ही देवी राधा के रूप में पृथ्वी पर आईं थीं। Radha Ashtami Vrat Katha 2024
भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन राधा मैया का धरती पर जन्म हुआ था। तभी से हर साल इस दिन को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
राधा अष्टमी भारत का एक महत्त्वपूर्ण त्यौहार है जब लोग हर्ष और उल्लास के साथ प्रेम बाटते हैं और प्रेम पाते हैं . आइये अपने जीवन को धन्य बनाए राधा और कृष्णा की पूजा कर के.
2024 Radha Ashtmi Date, राधा अष्टमी का महत्त्व, राधा अष्टमी की कथा, किस मंत्र का जप करें, गोचर कुंडली में ग्रहों की स्थिति |
2024 Radha Ashtmi Date, राधा अष्टमी का महत्त्व, राधा अष्टमी की कथा, किस मंत्र का जप करें, गोचर कुंडली में ग्रहों की स्थिति |
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