अप्रैल 2025 अमावस्या: 12 राशियों पर प्रभाव, April mai amavas kab hai, amavasya ka mahattw, 12 rashiyo ke liye kaisa rahega amavas. "अप्रैल, 2025 का अमावस्या", पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में स्थिरता लाने, सुरक्षा पर काम करने, वित्त और व्यक्तिगत मूल्यों को बढ़ाने में मदद करेगा। अमावस्या पारंपरिक रूप से नवीनीकरण और संकल्पों को फिर से नवीन करने का समय होता है. यह एक शांत लेकिन दृढ़ ऊर्जा लेकर आता है, जो त्वरित बदलावों के बजाय स्थिर प्रगति को प्रोत्साहित करता है। April Amavasya Ka 12 Rashiyo Par Prabhav Watch Rashifal Video here आइए जानते हैं कि अप्रैल 2025 अमावस्या 12 राशियों को कैसे प्रभावित करेगी: मेष राशिफल : अप्रैल 2025 अमावस्या आपकी रचनात्मकता और भावनाओं को बढ़ाएगी जो आपको अपने रिश्ते का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित करेगी। पारिवारिक खुशियाँ प्रभावित हो सकती हैं जिससे किसी प्रकार की उदासी पैदा हो सकती है। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होगा। जीवन का आनंद लेने के लिए अपने क्रोध और उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। वृषभ राशिफल भविष्यवाणियाँ: अप्रैल 2025 अमावस्या आपकी स...
Vastu ka mahaatwa, वास्तु का महत्व क्या है, क्यों जरुरी हैं वास्तु ?,क्यों स्तेमाल करे वास्तु शाश्त्र के नियमो का
वास्तु उर्जा के समन्वय का विज्ञान है, इसके सिद्धांतो का ध्यान अगर भवन निर्माण करते हुए रखा जाए तो निश्चित ही स्वस्थ्य और सम्पन्नता उस जगह पर निवास करती है. प्राचीन समय से ही वास्तु कला का स्तेमाल राजा-महाराजा, विद्वान् वर्ग करते आये हैं, प्राचीन काल में ये विद्या सिर्फ कुछ ही लोग जानते थे पर आज के समय में इसका स्तेमाल बहुत किया जा रहा है और साधारण वर्ग भी इसका लाभ ले रहे हैं.
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Importance Of Vastu || वास्तु का महत्तव |
स्थापत्य वेद में इस विषय से सम्बंधित अच्छा विवरण प्राप्त होता है, रिग वेद में भी वास्तु देवता को पूजने का वर्णन प्राप्त होता है. वास्तु शाश्त्र 5 तत्त्वों पर आधारित हैं जिन्हें हम धरती, आकाश, अग्नि, वायु और जल के नाम से जानते हैं.
मुख्यतः 8 दिशाएँ होती है जिनमे की विभिन्न शक्तियों का वास माना जाता है , भवन निर्माण में इन शक्तियों का भी ध्यान रखा जाता है. उदाहरण के लिए नैरित्य कोण में पितृ शक्ति का वास माना जाता है, उत्तर में कुबेर का वास माना जाता है आदि.
मुख्यतः 8 दिशाएँ होती है जिनमे की विभिन्न शक्तियों का वास माना जाता है , भवन निर्माण में इन शक्तियों का भी ध्यान रखा जाता है. उदाहरण के लिए नैरित्य कोण में पितृ शक्ति का वास माना जाता है, उत्तर में कुबेर का वास माना जाता है आदि.
एक गलत निर्माण जीवन भर के लिए अपशकुन को प्रवेश दे सकता है अतः अच्छे वास्तु सलाहकार से परामर्श लेके ही भवन निर्माण करवाना चाहिए.
उर्जा सकारात्मक भी होती है और नकारात्मक भी, वास्तु सिद्धांतों में हम सकारात्मक उर्जा को बढ़ाने के लिए उपाय करते हैं जिससे जीवन सुखमय हो जाए और कम से कम समस्याओं का सामना करना पड़े.
आइये जानते हैं कुछ ख़ास फायदें वास्तु द्वारा:
- वास्तु सिद्धांतो का धयान रखने से हम घर, दूकान, फैक्ट्री आदि में स्वस्थ वातावरण का निर्माण कर सकते हैं.
- वास्तु सिद्धांतो का धयान रखने से रोग को भी दूर रखा जा सकता है.
- वास्तु सिद्धांतो का धयान रखने से नकारात्मक उर्जाओं से बचाव भी संभव है.
- वास्तु सिद्धांतो का धयान रखने से धन लाभ भी अच्छा होता है.
- वास्तु सिद्धांतो का धयान रखने से सभी क्षेत्रो में लाभ दृष्टिगोचर होता है.
- वास्तु सिद्धांतो का धयान रखने से घर में शांति और सौहार्द्र का वातावरण बनता है.
- वास्तु के नियम धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को दिलाने में बहुत सहायक होते हैं.
कई लोग इसे नकारते हैं की कुछ नहीं होता है वास्तु, परन्तु उर्जा को आप नकार नहीं सकते, जिस प्रकार सूर्य की गर्मी को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं , उसे आते हुए नहीं देख सकते उसी प्रकार वास्तु के शक्ति को महसूस कर सकते हैं उसे प्रयोग करके.
मंदिर, मस्जिद, गिरिजा घर, प्य्रामिड्स आदि में हमे उर्जा मिलती है क्यूंकि उनका निर्माण वास्तु के नियमो को ध्यान में रखके किया जाता है, देखने में सबकुछ साधारण है परन्तु उर्जा को महसूस किया जा सकता है.
मंदिर, मस्जिद, गिरिजा घर, प्य्रामिड्स आदि में हमे उर्जा मिलती है क्यूंकि उनका निर्माण वास्तु के नियमो को ध्यान में रखके किया जाता है, देखने में सबकुछ साधारण है परन्तु उर्जा को महसूस किया जा सकता है.
कोई भी व्यक्ति इसके नियमो का पालन करके एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकता है. वास्तु है सभी के लिए.
- अगर आप घर में शांति चाहते हैं तो इसका स्तेमाल कर सकते हैं.
- अगर आप व्यापार बढ़ाना चाहते हैं तो वास्तु का स्तेमाल कर सकते हैं.
- अगर आप फैक्ट्री में उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं और माहोल अच्छा रखना चाहते हैं तो भी इसका स्तेमाल कर सकते हैं.
ये विद्या जीवन को सरल और स्वस्थ बनाने के लिए ही संतो द्वारा बने गई है अतः इसका प्रयोग पूर्ण विश्वास से करना चाहिए.
ॐ वास्तुदेवताभ्यो नमः
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