धनु राशि में बुध का गोचर कब होगा, जानिए राशिफल, बुध का धनु राशि में प्रभाव, बुध का धनु राशि में गोचर, वैदिक ज्योतिष के अनुसार भविष्यफल। बुध 4 जनवरी, 2025, दिन शनिवार को दिन में लगभग 11:54 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे | इस राशि में बुध सम के रहते हैं | Budh ka dhanu rashi mai gochar ka rashifal: वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध का संबंध व्यापार, बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य, मित्र, वाक् शक्ति, श्रवण, सुगंध आदि से है। Budh Ka Dhanu Rashi Mai Gochar Ka Prabhav Watch Video Here आइये जानते हैं क्या असर होगा बुध के धनु राशी में गोचर का : मेष राशिफल: 4 जनवरी 2025 को बुध के धनु राशि में गोचर से मेष राशि के लोग जीवन में कुछ नया सीख पाएंगे जो भविष्य में आय बढ़ाने में मदद करेगा। जीवन का आनंद लेने की आपकी इच्छाएं बढ़ेंगी और अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आप जोखिम भी उठाएंगे। अब आप यात्रा भी कर सकेंगे। विद्यार्थियों और आध्यात्मिक साधकों के लिए समय अच्छा रहेगा। मेष लव राशिफल - प्रेमी एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिता पाएंगे, इसलिए अपनी लव लाइफ का आनंद ले...
Chitra Gupt Pooja Ka Mahatwa, चित्रगुप्त पूजा का महत्तव, चित्रगुप्तजी का परिवार क्यों करते है कायस्थ इनकी पूजा, क्या फायदे हो सकते हैं चित्रगुप्तजी को पूजने के, जानिए चित्रगुप्त जी का मंत्र.
हर साल कार्तिक महीने में दिवाली के बाद चित्रगुप्त की पूजा का दिन आता है और कायस्थ लोग तो इनकी पूजा जरुर करते हैं. इस दिन कलम दवात के साथ कॉपी की पूजा का महत्तव है.
अब ये एक प्रश्न जहन में आता है की कौन है चित्रगुप्त जी और इनकी पूजा क्यों करे. आइये जानते हैं कुछ इनके बारे में , हालांकि दुसरे लेख में इस विषय पर प्रकाश डाला गया है, उसे भी जरुर पढ़े.
भारतीय शाश्त्रो के अनुसार चित्रगुप्तजी हिन्दुओ के देवता है जो की हर व्यक्ति के कर्मो का हिसाब किताब रखते हैं. जब जीवात्मा शारीर छोडती हैं तो यही ये निर्णय करते हैं की जीवात्मा को कहा भेजना है स्वर्ग में या नरक में. इनको “धर्म राज ” के नाम से भी जाना जाता है. यमराज जी को की मृत्यु के देवता है , वो भी इन्ही के अग्याओ का पालन करते हैं.
हम ये देखते हैं की कायस्थ लोग चित्रगुप्त जी की पूजा अवश्य करते हैं वो इसीलिए की कायस्थ लोग इन्ही की संतान है ऐसी मान्यता है.
हर साल कार्तिक महीने में दिवाली के बाद चित्रगुप्त की पूजा का दिन आता है और कायस्थ लोग तो इनकी पूजा जरुर करते हैं. इस दिन कलम दवात के साथ कॉपी की पूजा का महत्तव है.
अब ये एक प्रश्न जहन में आता है की कौन है चित्रगुप्त जी और इनकी पूजा क्यों करे. आइये जानते हैं कुछ इनके बारे में , हालांकि दुसरे लेख में इस विषय पर प्रकाश डाला गया है, उसे भी जरुर पढ़े.
चित्रगुप्त पूजा का महत्तव |
भारतीय शाश्त्रो के अनुसार चित्रगुप्तजी हिन्दुओ के देवता है जो की हर व्यक्ति के कर्मो का हिसाब किताब रखते हैं. जब जीवात्मा शारीर छोडती हैं तो यही ये निर्णय करते हैं की जीवात्मा को कहा भेजना है स्वर्ग में या नरक में. इनको “धर्म राज ” के नाम से भी जाना जाता है. यमराज जी को की मृत्यु के देवता है , वो भी इन्ही के अग्याओ का पालन करते हैं.
हम ये देखते हैं की कायस्थ लोग चित्रगुप्त जी की पूजा अवश्य करते हैं वो इसीलिए की कायस्थ लोग इन्ही की संतान है ऐसी मान्यता है.
आइये जानते हैं अब चित्रगुप्तजी के परिवार के बारे में :
इरावती और सुदाक्षिना नाम की 2 पत्नियाँ है इनकी और उनसे इनकी 12 संताने हुई है. इनकी संतानों के नाम हैं- श्रीवास्तव, सूरजद्वाज, निगम, कुलश्रेष्ठ, माथुर, कर्ण, सक्सेना, गौड़, अष्ठाना , अम्बस्त, भटनागर और वाल्मिक.
आइये जानते हैं एक आसान मंत्र चित्रगुप्तजी की पूजा करने के लिए :
Chitra Gupt Pooja Ka Mahatwa, चित्रगुप्त पूजा का महत्तव, चित्रगुप्तजी का परिवार क्यों करते है कायस्थ इनकी पूजा, क्या फायदे हो सकते हैं चित्रगुप्तजी को पूजने के, जानिए चित्रगुप्त जी का मंत्र.
“ॐ चित्रगुप्ताये नमः “
इस मन्त्र का जप करते हुए इनकी पूजा आराधना कर सकते हैं आसानी से.
आइये जानते हैं की चित्रगुप्त जी की पूजा से क्या फायदे हो सकते हैं ?
- जीवन में अगर न्याय नहीं मिल रहा हो तो धर्म राज की पूजा से लाभ मिल सकता है.
- जीवन में शांति नहीं मिल रही हो तो भी चित्रगुप्त जी की पूजा से लाभ होता है.
- ज्ञान प्राप्त करने के लिए भी चित्रगुप्तजी का आशीर्वाद लेना चाहिए.
- जो लो लेखा जोखा का काम करते हैं उनको तो चित्रगुप्तजी की पूजा अवास्या करना चाहिए.
अगर कोई भी व्यक्ति जटिल समस्याओं में फंसा हो तो ऐसे में चित्र गुप्त जी की आराधना करना विशेष फलदाई हो सकता है.
आइये जानते हैं की चित्रगुप्त जी की पूजा में किन चीजो की आवश्यकता होती है :
पेन, कॉपी, दवात, शहद, शक्कर, कपूर, पाट, धुप, दीप, दही, मिठाई, कपडा, दूध, मौसमी फल, पान, सुपारी, हल्दी, कंकू, अक्षत, पुष्प आदि.
आइये जानते हैं की किस प्रकार से हम चित्रगुप्त जी की पूजा कर सकते हैं ?
सबसे पहले जगह को शुद्ध कर के इनकी मूर्ति रखके पंचामृत बना के अभिषेक करना चाहिए, फिर साफ़ पानी से भी अभिषेक करके उनको यथास्थान बिठाना चाहिए. अब दीपक, धुप , नैवेद्य , पान आदि भेट करना चाहिए. जितना हो सके उनके मंत्रो का जप करना चाहिए.
आखरी में कपूर से आरती करना चाहिए और प्रार्थना करना चाहिए.
अगर हम जीवन में ज्ञान, स्वस्थ्य, सम्पन्नता चाहते हैं तो हमे चित्रगुप्त जी का आशीर्वाद जरुर लेना चाहिए.
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