Nakshatra Shanti Strotram ke Fayde in Hindi, नक्षत्र शांति स्त्रोत्रम, नक्षत्र शांति पाठ, नक्षत्र दोष निवारण, दुर्भाग्य दूर करने के उपाय, नक्षत्र शांति स्त्रोत्रम का लाभ. Nakshatra Shanti Strotram: हर जातक का जन्म एक विशेष नक्षत्र में होता है जिसका प्रभाव उनके जीवन में देखा जाता है | कुल मिलाकर 27 नक्षत्र होते हैं जिनमे से कुछ शुभ और कुछ अशुभ फल प्रदान करते हैं अतः ऐसे में अगर हम "नक्षत्र शांति स्त्रोत्रम" का पाठ करें तो हमे जीवन में बहुत फायदा देखने को मिलेगा | Nakshatra Shanti Strotram ke Fayde in Hindi क्या हैं नक्षत्र चंद्रमा पृथ्वी की पूरी परिक्रमा 27.3 दिनों में करता है और 360 डिग्री की इस परिक्रमा के दौरान सितारों के 27 समूहों के बीच से गुजरता है। सितारों के समूहों को नक्षत्र कहा जाता है। आइये जानते हैं 27 नक्षत्र कौन से हैं ?: अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र...
Mahalaxmi Ko Prasann Karne Ka Chamatkaari Mantra, माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए चमत्कारी मंत्र, जानिए कैसे जपे लक्ष्मी मंत्र को.
माता लक्ष्मीजी धन की देवी है, संपत्ति की दाता हैं, सम्पन्नता प्रदान करती है अपने भक्तो को. इसी कारण हर व्यक्ति इनको खुश करने के लिए विशेष प्रयास करता रहता है. ज्योतिष भी लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए अनेक तरीको का वर्णन करते हैं जिनका जिक्र तंत्र शाश्त्रो में दिया गया है.
Mahalaxmi Ko Prasann Karne Ka Chamatkaari Mantra |
लाक्स्मीजी से सम्बंधित बहुत से मंत्र उपलब्ध है परन्तु आज मै आपको एक विशेष मंत्र के बारे में बता रहा हूँ जिसके परिणाम बहुत अच्छे और जल्दी मिलता हैं.
किन स्थितियों में जपना चाहिए इस लक्ष्मी मंत्र को?
- अगर व्यापार में लगातार हानि हो रही है तो इस मंत्र का जप फायदा दे सकता है.
- अगर किसी को नौकरी नहीं मिल रही है तो इस लक्ष्मी मंत्र का जप सफलता के रास्ते खोल सकता है.
- अगर कोई व्यक्ति धन हीन है और अवसाद ग्रस्त हो रहा हो तो इस मंत्र से उसे बहुत लाभ हो सकता है.
कब शुरू करे इस लक्ष्मी मंत्र का जप?
- नवरात्री के ९ दिन इस मंत्र का जप बहुत लाभ देता है.
- ग्रहण काल में भी इसका जप सिद्धि देता है.
- शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से भी इस मंत्र का जप शुरू किया जा सकता है.
- दिवाली की रात्रि को भी इसका जप किया जा सकता है.
कैसे जपे इस लक्ष्मी मंत्र को माता को प्रसन्न करने के लिए?
- जप शुरू करने से पहले माता का पूजन करे, धुप, दीप और नैवेद्य अर्पित करे.
- जप किसी ऊनि आसन पर बैठ कर ही करे.
- रोज ११ माला जप करे.
- जप ख़त्म करके जितना हो सके लौंग से हवन भी करे.
- फिर लौंग स्वाहा होने के बाद उसके राख का तिलक भी लगाये और सोचे की माता की कृपा से जीवन सुखी हो रहा है.
आइये अब जानते हैं माता लक्ष्मी का चमत्कारी मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन पालिनी ! लक्ष्मी ! मम दारिद्र्यं नाशय नाशय, प्रचुर धनं में देहि देहि, क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ”.और सम्बंधित लेख पढ़े:
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