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Saptahik Rashifal

Saptahik Rashifal Aur Panchang, 25 से 30 नवम्बर 2 024 तक की भविष्यवाणियां| प्रेम जीवन की भविष्यवाणी, आने वाले सप्ताह में किस राशि के जातकों को लाभ मिलेगा, आने वाले सप्ताह के महत्वपूर्ण दिन और राशिफल, जानें आने वाले सप्ताह में कितने सर्वार्थ सिद्धि योग और महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे। आगामी साप्ताहिक सर्वार्थ सिद्धि योग: इस सप्ताह कोई सर्वार्थ सिद्धि योग नहीं है  Saptahik Rashifal आइए अब जानते हैं कि आने वाले सप्ताह में हमें कौन से महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे: उत्पन्ना एकादशी व्रत 26 नवम्बर को है | कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत 28 को है | शिव चतुर्दशी व्रत 29 तारीख शुकवार को है | अमावस्या 30 तारीख शनिवार को है | आगामी सप्ताह का पूरा पंचांग और महूरत पढ़ें आइए अब जानते हैं  25 से 30  नवम्बर   २०२४  के बीच राशियों का साप्ताहिक भविष्यफल/राशिफल: इस सप्ताह Kanya, Meen, Tula, Mesh, Vrischik aur Vrishabh राशि के लोग जीवन में अधिक बदलाव महसूस करेंगे। अगर आपकी  राशि कन्या है  तो इस सप्ताह के शुरुआत में आपके पराक्रम बढेगा, रचनात्मकता बढ़ेगी और आप अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ अच्छे निर्णय ले पायेंगे | आपकी

Tarpan Kya Hota Hai

Tarpan kya hota hai, जानिए हिंदी में तर्पण के बारे में, कैसे मुक्ति पायें पितृ दोष से, कैसे पायें सफलता जीवन में, कैसे पायें पितरो से आशीर्वाद.

ऐसा देखा जाता है की कुंडली में पितृ दोष होने के कारण लोग बहुत परेशान रहते हैं, जीवन में हर कदम पर परेशानी आती रहती है. व्यक्तिगत जीवन और काम-काजी जीवन में हद से जयादा परेशानी आती है. और कितनी भी कोशिश करे , परेशानी ख़त्म नहीं हो पाती है. पितृ दोष को अगर सही तरीके से समझ जाएँ तो इससे मुक्ति पाई जा सकती है, इस लेख में पितृ दोष से मुक्ति के लिए एक विशेष प्रयोग की जानकारी दी जा रही है जिसे तर्पण कहते हैं.
tarpan kya hai aur kyu karte hain in hindi
Tarpan Kya Hota Hai

जब भी कोई व्यक्ति शारीर का त्याग करता है तो उसकी मुक्ति के लिए कुछ विशेष पूजाओ का जिक्र हमारे ग्रंथो में किया गया है , इन क्रियाओं को करने से आत्मा क्षण भंगुर संसार के मोह को त्याग कर मुक्ति हो जाती है और इसका पुण्य क्रिया करने वाले को मिलता है.

ऐसी मान्यता है की अगर मृत्यु के पश्चात कर्मो को ठीक ढंग से नहीं किया जाता है तो आत्मा मुक्त नहीं होती है और इधर उधर भटकती रहती है. इससे पितृ दोष, प्रेत दोष आदि की उत्पत्ति होती है और ज्योतिष में इसे कुंडली को पढके जाना जाता है.

अतः आत्माओं की मुक्ति हेतु कुछ न कुछ क्रियाये करती रहनी चाहिए. इससे न केवल दिवंगत आत्मा मुक्त होती साथ ही हमारा जीवन भी निष्कंटक हो सकता है.
ऐसी बहुत सी पूजाए होती है परन्तु इस लेख में हम सिर्फ “तर्पण प्रयोग” को समझेंगे.

क्या होता है तर्पण?

भारत विश्व का अध्यात्मिक गुरु रहा है और यहाँ के ऋषि मुनियों ने ये बता दिया था की पूर्वजो का असर भी हमारे जीवन में पूरा होता है. उन्ही के कारण हम हैं अतः ये हमारी जिम्मेदारी है की हम उनके लिए भी कुछ करे जिससे वो मुक्त हो सके, उनकी गति उच्च हो सके और हमे आशीर्वाद दे.

तर्पण वास्तव में एक कर्म काण्ड है जिसके प्रभाव से आत्मा को शांति मिलती है. चूँकि वो सूक्ष्म शारीर में मौजूद होते हैं, हम उन्हें प्रत्यक्ष नहीं देख सकते हैं अतः कोई प्रत्यक्ष वास्तु उनको सुखी नहीं कर सकता है.

परन्तु एक अच्छा और पवित्र वातावरण , उर्जित वातावरण उन्हें मुक्त कर सकता है , उन्हें शांति दे सकता है, उन्हें उच्च गति दे सकता है.
तर्पण के अंतर्गत मंत्रो के साथ पवित्र जल का प्रयोग छोड़ा जाता है जिससे की वातावरण भी पवित्र और उर्जित होता है. इसके द्वारा आत्माओं को ख़ुशी मिलती है और वो शांत होती है. वे तर्पण करने वाले को आशीर्वाद देते हैं और बाधाओं को भी हर लेते हैं और व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है.

आइये अब जानते हैं की तर्पण का प्रयोग किनके लिए किया जा सकता है?

  • हम तर्पण कर सकते हैं अपने पूर्वजो की मुक्ति और उच्च गति के लिए.
  • हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए जो हमारे बहुत करीब थे और शारीर छोड़ चुके हैं.
  • हम तर्पण कर सकते हैं रिश्तेदारों के लिए जो अब नहीं हैं.
  • हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए भी जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमसे जुड़े थे.
  • हम तर्पण कर सकते हैं उनके लिए जो अपने बुरे कर्मो के कारण भी मुक्त नहीं हो पा रहे हैं.
  • हम तर्पण कर सकते हैं गुरुओ के लिए जिन्होंने हमे ज्ञान दिया.

तर्पण द्वारा आत्माओं से आशीर्वाद प्राप्त करके जीवन को सुखी किया जा सकता है.

आइये अब जानते हैं तर्पण के लिए पात्रता :

तर्पण कोई भी कर सकता है परन्तु अगर कुछ नियमो का सख्ती से पालन किया जाए तो सफलता जरुर मिलती है.
  1. तर्पण प्रयोग काल में शाकाहार होना चाहिए.
  2. किसी भी प्रकार के शराब या नशे का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  3. ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  4. मंत्रो का सही उच्चारण करना चाहिए.

आइये अब जानते हैं की तर्पण में किन चीजो का स्तेमाल होता है?

साधारणतः जल, गंगाजल, दूध, जऊ, चन्दन, कुशा , काले तिल, पुष्प  आदि का प्रयोग होता है. प्रयोग की विविधता के आधार पर वस्तुओ में अंतर हो सकता है. 

आइये जानते हैं तर्पण कितने प्रकार के हो सकते हैं?

तर्पण को ६ भागो में बांटा जा सकता है -
  1. देव तर्पण
  2. ऋषि तर्पण 
  3. दिव्य मानव तर्पण
  4. दिव्य पितृ तर्पण
  5. यम तर्पण
  6. मनुष्य पितृ तर्पण
अगर इन ६ प्रकार के तर्पनो को सही तरीके से किया जाए तो निश्चित ही आत्माओं से आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है.
अगर आप खुद नहीं कर पाते हैं तो किसी पंडित के मार्गदर्शन में करे.

आइये अब जानते हैं की तर्पण के लिए उपयुक्त समय कौन सा होता है?


तर्पण का प्रयोग हम पितरो से आशीर्वाद पाने के लिए करते हैं अतः हर महीने की चौदस और अमावस्या को इसका प्रयोग करना शुभ होता है.
इसके अलावा महालय या पितृ पक्ष का समय जो साल में १६ दिनों के लिए आता है बहुत उपयुक्त है. इन १६ दिनों में रोज हम तर्पण प्रयोग कर सकते हैं.
तो तर्पण करे और पाइए पितृ दोष से मुक्ति.

किसी भी प्रकार के ज्योतिष परामर्श के लिए आप संपर्क कर सकते हैं –



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