कौन है भैरव जी, काल भैरव की पूजा से क्या फायदे होते हैं, उज्जैन में मौजूद अष्ट-भैरव, भैरव अष्टमी का महत्त्व, उज्जैन में कैसे मनता है काल भैरव अष्टमी, भैरव पूजा से समस्या समाधान, kab hai kalbhairav ashtm i 2024. साल 2024 में 22 November, Shukrwar को भैरव अष्टमी मनाई जाएगी | अष्टमी तिथि 22 तारीख को शाम में लगभग 6:10 बजे से शुरू होगी और 23 तारीख को शाम को लगभग 7:58 तक रहेगी | Bhariav Ashtmi 2024: हिन्दू पंचाग के अनुसार अगहन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिन भैरव जी का जन्म हुआ था. उज्जैन में भैरव अष्टमी बहुत ही हर्षोल्लास से मनता है. इस दिन काल भैरव मंदिर और अष्ट भैरव मंदिरों को खूब सजाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना होती है. अर्ध रात्री को बाबा की आरती की जाती है. कौन है काल भैरव ? भगवन शिव के रूद्र अवतार के रूप में काल भैरव को पूजा जाता है | ये शिवजी का प्रचंड रूप है और इनकी पूजा से हर प्रकार के डर से जातक को निजात मिलती है | जो लोग तंत्र में प्रवेश करना चाहते हैं वे भी इनकी पूजा से जल्द से जल्द सफलता प्राप्त करते ह
प्रेम विवाह समस्या का कारण और समाधान, अंतर जातीय विवाह में समस्या और ज्योतिषीय सलाह.
किसी दूसरे जाती के लड़के या लड़की से प्रेम होने के बाद जो पहली समस्या आती है वो है उससे विवाह करना. इस डिजिटल दुनिया में भी लोग अभी तक अपनी जातीय सम्बंधित लगाव से बाहर नहीं आ पाए हैं और इसका फल बच्चो को या प्रेमियों को भुगतना होता है.
प्रेम किसी और के प्रति हमे जागरूक करता है, प्रेम से जिम्मेदारी की भावना का भी विकास होता है. परन्तु जब कोई अपने प्रेमी के साथ विवाह नहीं कर पाता है तो दोनों ही पुरे जीवन भर एक असनुष्ट जीवन व्यतीत करते हैं.
कुछ माता पिता अपने जाती को लेके इतने जिद्दी हो जाते हैं की किसी भी हालत में दुसरे जाती से विवाह के लिए तैयार नहीं होते हैं. इसके कारण लड़का और लड़की दोनों की जिन्दगी बर्बाद हो जाती है.
वास्तव में कोई भी व्यक्ति जाती, धन, पारिवारिक हैसियत को देखके प्रेम नहीं करता है परन्तु जब भी बात शादी की आती है तो हम जाती, परिवार की स्थिति, परिवार के लोगो की हैसियत आदि देखने लग जाते हैं. ये एक श्राप है समाज को जिसके कारण बहुत से अच्छे जोड़े साथ रहने से वंचित रह जाते हैं. पढ़िए Love life ki 9 preshaniyan aur jyotish samadhan
कुछ माता पिता अपने बच्चो की व्यक्तिगत ख़ुशी के सामने सबसे बड़े परेशानी बनके खड़े हो जाते हैं जब वो प्रेम विवाह करने की बात करते हैं.
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कुछ माता पिता तो अपने बच्चो से नाता ही तोड़ लेते हैं अगर वो प्रेम विवाह कर ले तो. इसी कारण आज समाज में लड़का या लड़की हमेशा अपने माता पिता से मन की बात करने से डरते हैं.
प्रेम विवाह के लिए माता पिता से हाँ करवाना एक चुनौती होता है भारतीय समाज में.
आइये जानते हैं ज्योतिष और प्रेम विवाह के बारे में :
जैसा की हम जानते हैं की हर घटना के पीछे ग्रहों का प्रभाव तो होता ही है अतः अगर कोई प्रेम विवाह में सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहा है तो इसका अर्थ है की कुंडली में ग्रह साथ नहीं दे रहे है.
कुंडली में ऐसे ग्रह जरुर होंगे जो की सुखी जीवन जीने नहीं दे रहे हैं.
ऐसे में एक अच्छा और अनुभवी ज्योतिष सही सलाह दे सकता है कुंडली को देखके. पढ़िए Love hormones kya hai.
ज्योतिष के द्वारा हम निम्न बातो को जान सकते हैं प्रेम जीवन के बारे में
- प्रेम विवाह संभव है की नहीं.
- क्या माता पिता प्रेम विवाह के लिए राजी होंगे.
- क्या प्रेम विवाह सफल होगा.
- कौन सी पूजा और रत्न जीवन को सफल बना सकते हैं.
- क्या करे व्यक्तिगत जीवन की समस्याओं से बहार आने के लिए.
अगर आप भी प्रेम सम्बंधित समस्याओं से ग्रस्त है तो ज्योतिष से संपर्क करके सलाह ले सकते हैं.
प्रेम विवाह समस्या का कारण और समाधान, अंतर जातीय विवाह में समस्या और ज्योतिषीय सलाह.
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