कब से है चैत्र नवरात्री 2025, chaitra navratri ka mahattwa in hindi, kya kare, जानिए क्या कर सकते हैं जीवन को सफल बनाने के लिए, ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी | Chaitra Navratri 2025: जैसा की हम सब जानते है की नवरात्री के 9 दिन बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं, साधना के लिए, मनोकामना पूर्ण करने के लिए, पूजा पाठ करने के लिए. इस बार चैत्र नवरात्री 30 March रविवार से शुरू होके 6 april रविवार तक रहेगी और माताजी की सवारी हाथी रहेगी जो की बहुत ही शुभ माना जाता है | ख़ास बात ये भी ध्यान रखना है की इस बार नवरात्री 8 दिन की रहेगी. Chaitra Navratri Ki Mahima in hindi Jyotish Chaitra Navratri 2025 घट स्थापना महूरत : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी 29 मार्च को शाम में लगभग 4 बजकर 29 पर. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी 30 मार्च को शाम में लगभग दिन में 12 बजकर 50 पर. Watch Video Here घटस्थापना के मुहूर्त- Chaitra Navratri 2025 1. 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक. 2. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट ...
वृश्चिक राशि रहस्य, वृश्चिक राशि की प्रकृति, जीवन को सुखमय बनाने के उपाय, Scorpio astrology in Hindi, free encyclopedia.
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Vrischik Raashi Rahasya |
- वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह है मंगल और इस राशि का सम्बन्ध जल तत्व से है.इसके द्वारा गोपनीयता, हट, चंचल प्रकृति, स्थिरता, काम क्रीडा की शक्ति आदि को देखा जाता है.
- वृश्चिक राशि से सम्बंधित रत्न है लाल मूंगा और इसका दिन है मंगलवार.
- इससे सम्बंधित दिशा है उत्तर.
- इसकी मित्र राशियाँ है – कर्क, वृषभ, धनु, मकर, मीन
- इसकी बेमेल राशियाँ है- मेष, तुला, सिंह, मिथुन, कुम्भ .
- जानिए वृश्चिक राशि का मंत्र कौन सा है ?
वृश्चिक राशि के सम्बन्ध में कुछ मुख्य बातें:
- राशी चक्र में इसका स्थान आठवां है और मंगल के प्रभाव के कारण ऐसे जातक बहुत ही उर्जा से भरपूर, चंचल, शक्तिशाली होते हैं.
- इस राशि वाले लोगो को जानना आसान नहीं होता , ये थोड़े रहस्यमयी होते हैं. ये अपने काम में किसी की दखलंदाजी पसंद नहीं करते हैं. ये बहादुर होते हैं, साहसी होते हैं और इसी कारण ये एक अच्छे नेता भी बनते हैं.
- ये किसी भी प्रकार की सच्चाई को पचा लेते हैं और मौन हो जाते हैं.
- अपने शक्ति के कारण और नेतृत्व क्षमता के कारण ये समाज में जाने जाते हैं.
- अगर कुंडली में वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल शक्तिशाली हो , शुभ हो तो इसमें कोई शक नहीं की ऐसे जातक अपने जीवन में बहुत तरक्की करते हैं वहीँ अगर वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल अशुभ अवस्था में हो तो जातक को अनेक प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है| ऐसे में अच्छे ज्योतिष को कुंडली दिखा के सही उपायों को अपनाना चाहिए.
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