Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति. आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है. Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...
क्या है स्वाइन फ्लू ?, स्वाइन फ्लू के बढ़ने के कारण , कैसे सुरक्षा करे घातक रोगों से, ज्योतिष द्वारा उपाय घटक रोगों से, कैसे जियें रोग मुक्त जीवन?
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Swine Flu Ki Jaankari aur Bachaaw in Hindi |
अचानक से पुरे देश में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ गया है, हर व्यक्ति डरा सहमा सा घूम रहा है, विचित्र प्रकार की मानसिक स्थिति से लोग गुजर रहे है. अतः ये जरुरी है की हम जरुरी कदम उठाये अपने आपको घातक बीमारियों से बचाने के लिए .
क्या है स्वाइन फ्लू ?
एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न जो की दिमाग में रहता है वो ये है की क्या है स्वाइन फ्लू. तो आइये जानते हैं इसे.
स्वाईन फ्लू एक इंफ्लुएंजा है जो की शुरू सुअरों से हुआ था अतः इसे pig influenza के नाम से भी जाना जाता है. धीरे धीरे लोग भी इस वायरस के घेरे में आ गए. इस वायरस को h1n1 के नाम से भी जानते हैं अतः इस रोग का एक नाम h1n1 फ्लू भी है. ये वायरस श्वसन तंत्र को ज्यादा प्रभावित करता है इसी कारण बहुत घातक है.
आइये जानते है स्वाइन फ्लू के लक्षण :
वास्तव में स्वाइन फ्लू के लक्षण बहुत कुछ साधारण वायरल बुखार से मेल खाते हैं इसी कारण इसे पहचानना मुख्किल हो जाता है. शुराती दौर में रोगी को सर दर्द, बुखार, खांसी, नाक बहना, थकावट, होता है और बहुत दवाइयों के लेने पर भी इससे बाहर आना मुश्किल होता है.
ये जरुरी होता है की रोग होने के 48 घंटे के अन्दर उपचार शुरू हो जाए, इससे जान को खतरा कम हो जाता है.
आइये जानते है की स्वाइन फ्लू के वायरस का असर किन चीजो पर कितना रहता है ?
शोध के अनुसार पता चलता है की ये वायरस हाथों पर ३० मिनट ज़िंदा रहते हैं, टिश्यू पेपर में 15 मिनट , कपड़ो और साधारण कागज़ पर 8 से 12 घंटे, प्लास्टिक और स्टील मई 24 से 48 घंटे ज़िंदा रहते हैं. अपने आपको इस घातक वायरस से बचाने के लिए हम डिटर्जेंट, अल्कोहल , साबुन, ब्लीच आदि का स्तेमाल कर सकते हैं.
उन लोगो को ज्यादा सावधानी रखना चाहिए :
- जो किडनी समस्या से ग्रस्त हो.
- जिनके फेफडो में कमजोरी हो
- जिनको ह्रदय सम्बन्धी समस्या हो
- जिनको मधुमेह हो
- जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो
- बच्चे अदि.
क्या करे अपने आपको किसी भी प्रकार के फ्लू से बचाने के लिए?
- अपने घर, ऑफिस को साफ़ रखे.
- छिकने या खांसने के समय मुह पर टिश्यू पेपर या रुमाल रखना चाहिए.
- प्रयोग में लाये गए टिश्यू पेपर को कूड़ेदान में ही फेके.
- जब भी बहार से आये तो हाथ , मुह साबुन से धोये.
- स्वाइन फ्लू से बचने के लिए साधारण रूप से 5 तुलसी पत्ते, 5 ग्राम अदरख, 1 चुटकी काली मिर्च पावडर, हल्दी पावडर,1 गिलोय की लकड़ी, इस सब को लेके 1 कप पानी में उबाले, जब आधा रह जाए तो उसे छान कर पी ले. ऐसा 3 दिन कम से कम ले सुरक्षित रहेंगे.
- आधा चम्मच हल्दी 3 पाओ दूध में उबाल कर भी पी सकते हैं.
- ताज़ी सब्जियां खाए, ताजे फल खाए.
- बाजार में बने टेल गले और खुल्ली चीजो से परहेज करे.
स्वाइन फ्लू की निशुल्क जानकारी के लिए टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर :
सरकार ने इस घटक बिमारी के जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर की शुरुआत की है जहा कोई भी अधिक से अधिक जानकारी ले सकता है इस बिमारी की.
1800 2332 510
ज्योतिष के अनुसार क्या कारण हो सकते हैं घातक रोगों के :
जब भी बुरे ग्रह या नीच ग्रह महादशा, अंतर दशा, प्रत्यंतर दशा में आते हैं तो उस समय रोग होने के आशंका भी बढ़ जाती हैं. इसके अलावा जब छठे , आठवे और बारहवे घर पर ग्रहों का बुरा असर होता है तब भी व्यक्ति रोगों के घेरे में आ जाते हैं. अतः किसी अच्छे ज्योतिष से सलाह समय समय पर लेते रहना चाहिए.
आइये कुछ free में उपाय जानते हैं ज्योतिष द्वारा अपने आपको रोगों से बचाने के लिए :
- रोज सुबह शाम को गूगल की धुप देना चाहिए.
- सुबह खाली पेट तुलसी के कुछ पत्ते खाने चाहिए जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढे.
- रोज कुछ समय ध्यान और प्राणायाम करना चाहिए.
- ॐ का जप रोज आधा घंटे कम से कम करना चाहिए.
- घर में पोचा नमक के पानी से लगाना चाहिए.
- किसी अच्छे ज्योतिष को कुंडली दिखा के विशेष सलाह लेना चाहिए.
हमेशा याद रखे की अपने अन्दर मजबूत इच्छा शक्ति होना चाहिए, इससे हम किसी भी विपरीत स्थिति का सामना कर सकते हैं , रोग भी इच्छा शक्ति के सामने कमजोर पड़ जाता है. डॉक्टर और ज्योतिष से सलाह ले परन्तु पहले अपने ऊपर पूरा भरोसा रखे की आप स्वस्थ है और रहेंगे.
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