Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal, शुक्र कुम्भ राशि में कब जायेंगे 2024 में, 12 राशियों पर शुक्र के गोचर का असर क्या होगा ?| Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal: विलासिता, ऐशोआराम, आकर्षण शक्ति, प्रेम, रोमांस का कारक ग्रह शुक्र 28 December 2024 शनिवार को रात्रि में लगभग 11:28 बजे अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं और कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे जो की शुक्र की मित्र राशि है अतः इसके बहुत शुभ परिणाम हमे देखने को मिलेंगे | Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal Read In English About Venus Transit In Aquarius आइये जानते हैं शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर का राशिफल : शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि वालो के जीवन में क्या बदलाव हो सकते हैं : 28 December 2024 को शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो की इच्छाएं पूरी होंगी परन्तु संघर्षो के बाद | मेष राशि के प्रेमियों के लिए भी समय कुछ उलझन भरा रह सकता है | विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वालो को सफलता मिलने के योग मजबूत होंगे | यात्रा के योग भी बढ़ेंगे और अगर आप...
Rudrabhishek Pooja Ka Mahattw In Hindi, रुद्राभिषेक पूजा का महत्तव, क्यों करे रुद्राभिषेक, सावन में रुद्राभिषेक पूजा का महत्तव.
पूजन के दौरान भगवान् का अभिषेक करना हिन्दुओ के अन्दर बहुत ही महत्त्व का माना जाता है और पूरी दिनिया में लोग अभिषेक करते है स्वास्थय और सम्पन्नता के लिए.
Rudrabhishek Pooja Ka Mahattw In Hindi |
क्या होता है अभिषेक ?
अभिषेक का मतलब होता है भगवान् के मूर्ति पर दूध, शहद, घी, जल आदि डालना मंत्रो के साथ. ऐसा माना जाता है की ये भगवान् को खुश करने का सबसे अच्छा तरीका है.
भगवान् शिव को रूद्र भी कहा जाता है और उनका अभिषेक जब विशेष स्त्रोत पाठ के द्वारा किया जाता है या विशेष मंत्रो के साथ किया जाता है तो उसे “रुद्राभिषेक” कहा जाता है.
शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए साधारणतया रूद्र सूक्त या रुद्रम का पाठ किया जाता है, इसी को रुद्राभिषेक कहा जाता है. पाठ करते हुए शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र सामग्रियां डाली जाती है.
रुद्राभिषेक में प्रयोग होने वाली वस्तुएं :
इस पूजा में पवित्र वस्तुओ का प्रयोग होता है और इन वस्तुओ को स्वास्थ्यवर्धक भी कहा जाता है. जैसे की गाय का दूध, गाय के दूध का घी और दही, शहद, गन्ने का रस, विभिन्न प्रकार के अनाज, विभिन्न स्त्रोत से एकत्रित किये गए जल, कला तिल , जौ , विभिन्न प्रकार के तेल, बेल पत्र, आक के फूल, धतुरा आदि.
रुद्राभिषेक का महत्तव:
ये भगवान् शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है और ऐसा माना जाता है की इससे सभी प्रकार की मनोकामना को पूरा किया जा सकता है. जीवन के समस्याओं को दूर करने का एक सशक्त तरीका है रुद्राभिषेक.
- इससे नकारात्मक उर्जाओं से सुरक्षा होती है.
- ये पापो का क्षय करता है.
- रुद्राभिषेक से जीवन में शांति और समपन्नता आती है.
- ये बीमारियों को दूर करने में मदद करता है.
- जो लोग नौकरी ढूँढ रहे हैं उनके लिए नए मार्ग खुलते हैं.
- जो लोग जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं उनके लिए रास्ते खुलते हैं.
- कुंडली के दोषों को दूर करने का भी ये एक अच्छा तरीका है.
- वास्तु दोषों को भी दूर किया जा सकता है इस प्रयोग के द्वारा.
- अगर कोई कानूनी समस्याओं से जूझ रहा हो तो भी रुद्राभिषेक इसमे बहुत मदद कर सकता है.
- जहा भी रुद्राभिषेक होता है वह से नाकारात्मक ऊर्जा पलायन कर जाती है.
- इसके अध्यात्मिक और भौतिक, दोनों लाभ होते हैं.
- अगर आप भगवान् शिव के उपासक है तो रूद्र पूजा करना चाहिए.
- अगर आप अपने व्यक्तिगत और कामकाजी जीवन में परेशानी का सामना कर रहे हैं तो भी आपको रूद्र पूजा करना चाहिए.
अगर आप जीवन के परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो मंत्रो द्वारा रूद्र पूजा करना चाहिए. आप निश्चित ही लाभान्वित होंगे.
अपने आसपास सकारात्मक वातावरण का निर्माण करने के लिए भी ये पूजा आपके लिए बहुत अच्छी है.
ज्योतिष भी इस पूजा के लिए सलाह देते है. समय समय पर रूद्र पूजा करना चाहिए.
रुद्राभिषेक के लिए कौन सा समय शुभ है?
एक सच ये है की सभी समय शुभ है क्यूंकि शिव हर समय पर हर जगह मौजूद रहते हैं, ये पूरा विश्व शिवमय है परन्तु फिर भी कुछ विशेष परिस्थितियों में विशेष समय पर पूजन करना शुभ होता है जैसे –
- सावन के महीने में सभी दिन रुद्राभिषेक के लिए शुभ होते है.
- विशेषतौर पर सोमवार का दिन उन लोगो के लिए शुभ है जिनके कुंडली में चन्द्रमा समस्या उत्पन्न कर रहा है.
- अगर किसी के कुंडली में पितृ दोष है तो उसे चौदस या अमावस्या को ये पूजा करनी चाहिए.
- अगर किसी को मंगल दोष है तो मंगलवार के दिन रुद्राभिषेक करना चाहिए.
अपने जीवन को सफल बनाए रुद्राभिषेक द्वारा, प्राप्त करे शिव कृपा, दूर करे नकारात्मकता जीवन से.
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