कब से है चैत्र नवरात्री 2025, chaitra navratri ka mahattwa in hindi, kya kare, जानिए क्या कर सकते हैं जीवन को सफल बनाने के लिए, ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी | Chaitra Navratri 2025: जैसा की हम सब जानते है की नवरात्री के 9 दिन बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं, साधना के लिए, मनोकामना पूर्ण करने के लिए, पूजा पाठ करने के लिए. इस बार चैत्र नवरात्री 30 March रविवार से शुरू होके 6 april रविवार तक रहेगी और माताजी की सवारी हाथी रहेगी जो की बहुत ही शुभ माना जाता है | ख़ास बात ये भी ध्यान रखना है की इस बार नवरात्री 8 दिन की रहेगी. Chaitra Navratri Ki Mahima in hindi Jyotish Chaitra Navratri 2025 घट स्थापना महूरत : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी 29 मार्च को शाम में लगभग 4 बजकर 29 पर. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी 30 मार्च को शाम में लगभग दिन में 12 बजकर 50 पर. Watch Video Here घटस्थापना के मुहूर्त- Chaitra Navratri 2025 1. 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक. 2. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट ...
Kya hai vastu, वास्तु क्या है, क्या फायदे होते हैं वास्तु के सिद्धांतो को प्रयोग करने से, दिशा और देवो का वास.
भारतीय स्थापत्य वेद के अंतर्गत वास्तु का विवरण प्राप्त होता है. स्थापत्य वेद अथर्व वेद का एक भाग है. वास्तु विज्ञान का सम्बन्ध उस जगह की उर्जा से है जहा व्यक्ति काम करता है, रहता है, खेलता है, सोता है, खाना बनता है आदि. पूरा विश्व पञ्च तत्वों के कारण ही अस्तित्व में है जिसमे की अग्नि, वायु, जल, आकाश और धरती शामिल है. इन पञ्च तत्त्वों का असर इस दुनिया पर हर वस्तु पर रहता है अतः पञ्च तत्त्व के बिना विश्व की कल्पना नहीं की जा सकती है. वास्तु शास्त्र में जो सिद्धांत दिए गए हैं वो इन्ही पांच तत्त्वों से जुड़े हैं. अगर किसी जगह में पञ्च तत्त्वों की उर्जा को बराबर कर दिया जाए तो वहां सफलता के रास्ते खुल जाते हैं.
इन्ही कारणों से भारत में वास्तु शाश्त्र का बहुत महत्त्व है और लोग अपने घर ऑफिस आदि बनवाने के समय वास्तु सलाह लेते हैं |
इन्ही कारणों से भारत में वास्तु शाश्त्र का बहुत महत्त्व है और लोग अपने घर ऑफिस आदि बनवाने के समय वास्तु सलाह लेते हैं |
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vastu kya hai || वास्तु क्या है |
अगर आपका ऑफिस, घर, फैक्ट्री, सही वास्तु के नियमो से बनाया गया है तो ये निश्चित है की सफलता आपके कदम चूमेगी और आपका भविष्य सुखमय होगा. परन्तु इसके विपरीत अगर वास्तु दोष बहुत है तो जीवन में संघर्ष बढता जाएगा.
हम समाज में देख सकते हैं की कई घरो में लोग बीमार ही रहते हैं, किसी फैक्ट्री में मजदूर टिकते ही नहीं हैं, कुछ इंडस्ट्रीज में उत्पादन अपेक्षित नहीं होता साधन के बावजूद, कुछ परिवारों में बच्चो का विकास नहीं हो पता है, कुछ घरो में शादियाँ समय पर नहीं हो पाती हैं अतः इन सब कारणों का एक कारण वास्तु दोष भी हो सकता है.
वास्तु विज्ञान का स्तेमाल करने पर हम किसी भी जगह पर पञ्च तत्त्वों की उर्जाओं को संतुलित कर सकते हैं और इस प्रकार एक सफल जीवन जीने के लिए रास्ते खुल जाते हैं.
- वास्तु के नियमो का पालन करके हम अपने कामकाजी जीवन को सुखी कर सकते हैं.
- वास्तु नियमो का पालन करके हम अपने व्यक्तिगत जीवन को सुखी कर सकते हैं.
- वास्तु नियमो का पालन करके हम अपने सामाजिक जीवन को भी बेहतर कर सकते हैं.
वास्तु में हर दिशा में शक्तियों का वास माना जाता है जिसकी जानकारी भी नीचे दी जा रही है –
- उत्तर- पूर्व दिशा में भगवान् शिव का वास माना जाता है.
- पूर्व दिशा में सूर्य का वास माना जाता है.
- दक्षिण – पूर्व दिशा में अग्नि का स्थान माना जाता है.
- दक्षिण दिशा में यम का वास माना जाता है.
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में पितरों का वास माना जाता है.
- पश्चिम दिशा में वरुण देव का वास माना जाता है.
- उत्तर-पश्चिम दिशा में वायु देव का वास माना जाता है.
- उत्तर में कुबेर जी का निवास माना जाता है.
- केंद्र में ब्रह्मा जी का निवास माना जाता है.
Read in English about What is vastu
वास्तु का महत्त्व
वास्तु कैसे काम करता है
शत्रु से सुरक्षा के लिए वास्तु समाधान
Kya hai vastu, वास्तु क्या है, क्या फायदे होते हैं वास्तु के सिद्धांतो को प्रयोग करने से, दिशा और देवो का वास.
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