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Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal

Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal, शुक्र कुम्भ राशि में कब जायेंगे 2024 में,  12 राशियों पर शुक्र के गोचर का असर क्या होगा ?| Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal: विलासिता, ऐशोआराम, आकर्षण शक्ति, प्रेम, रोमांस का कारक ग्रह शुक्र 28 December 2024 शनिवार को रात्रि में लगभग 11:28 बजे अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं और कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे जो की शुक्र की मित्र राशि है अतः इसके बहुत शुभ परिणाम हमे देखने को मिलेंगे |  Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal Read In English About Venus Transit In Aquarius आइये जानते हैं शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर का राशिफल : शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि वालो के जीवन में क्या बदलाव हो सकते हैं : 28 December 2024  को शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो की इच्छाएं पूरी होंगी परन्तु संघर्षो के बाद | मेष राशि के प्रेमियों के लिए भी समय कुछ उलझन भरा रह सकता है | विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वालो को सफलता मिलने के योग मजबूत होंगे | यात्रा के योग भी बढ़ेंगे और अगर आप...

Diwali Pooja Kaise Kare दिवाली पूजा

Diwali Pooja Kaise Kare,  दिवाली पूजा कैसे करे आसानी से, लक्ष्मी जी को कैसे प्रसन्न करे पूजा से.

दिवाली प्रकाश का त्यौहार होता है, दीपावली माँ लक्ष्मी की पूजा का दिन होता है, इस दिन लोग संपन्न जीवन जीने की कामना से पूजा करते हैं. दिवाली पूजन के बहुत से तरीके प्रसिद्द है , अलग अलग प्रान्त में अलग अलग तरीके मौजूद हैं माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए. जाती के हिसाब से भी दिवाली पूजन के तरीको में बदलाव दिखाई पड़ता है.
deepawali puja ka asaan tarika in hindi jyotish
Diwali Pooja Kaise Kare

दीपावली भारत देश का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण त्यौहार है, हर भारतीय को इस त्यौहार का इन्तेजार पुरे साल होता है. बच्चे तो खास तौर पर इस त्यौहार का इन्तेजार करते हैं क्यूंकि उनको पठाके चलाने को मिलते हैं. ऐसी भी मान्यता है की दिवाली की रात्रि को माँ लक्ष्मी भक्तो के घर आकर आशीर्वाद प्रदान करती हैं. 

आगे कुछ और जानने से पहले आइये कुछ और खास बाते जानते हैं दिवाली के बारे में –

  1. दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है.
  2. हिन्दू पंचांग के अनुसार इस रात्रि को अमावस्या होती है अतः चन्द्रमा उदित नहीं होता है.
  3. ये रात्रि साल की सबसे गहरी रात्रि होती है.
  4. तंत्र के अन्दर अमावस्या का बहुत महत्तव होता है साधना करने के लिए.
  5. दिवाली की रात्रि को तांत्रिक लोग सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं.
  6. साधारण लोग भी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रात्री को पूजा करते हैं. 
  7. दिवाली हमे बताती है की कैसे हमे सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करना होता है. 
  8. दिवाली से हमे ये भी प्रेरणा मिलती है की हम अपने विशेष प्रयासों से अँधेरी रात को भी पूर्णिमा जैसे चमका सकते हैं. 
  9. बच्चे –बूढ़े, जवान सभी इस त्यौहार का आनन्द लेते हैं. 
  10. दिवाली पूजन के बाद लोग एक दुसरे से मिलते हैं और प्रसाद का आदान प्रदान करते हैं. 
अतः दिवाली की रात्रि अनुष्ठानो को करने की रात है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को चाहने वालो को दिवाली की रात्रि जरुर साधना करनी चाहिए.


दिवाली की रात्रि को पूजन करके बहुत से समस्याओं का समाधान पाया जा सकता हैं –

दिवाली की पूजा से लोग अनायास ही बहुत से दोषों से मुक्ति पा जाते हैं, दिवाली की पूजा से स्वास्थ्य और सम्पन्नता मिलती है , इसके पीछे बहुत से कारण काम करते हैं , आइये देखते हैं कुछ को :
  1. लोग अपने घर, दूकान आदि को साफ़ करते हैं, रंग रोगन करते हैं जिससे की नकारात्मकता बाहर निकलती है.
  2. रंग रोगन से वास्तु को उर्जा मिलती है ये वैसा ही है जैसे हम नए कपडे पहनकर उर्जान्वित महसूस करते हैं. 
  3. घर और दूकान की सफाई के दौरान हम लोग स्तेमाल में न आने वाली चीजो को भी फेकते हैं जिससे की वास्तु दोष समाप्त होता है.
  4. हर घर में दिवाली पूजन के दौरान हवन , धुप , दीप होता है जिससे की नकारात्मकता का नाश होता है और देविक शक्तियों का वास होता है | 
अतः ये सब क्रियाये स्वस्थ्य और सम्पन्नता को आकर्षित करते हैं. दिवाली के समय पूरा देश एक नई उर्जा से शक्तिमय हो जाता है. 

आइये अब जानते हैं की कैसे हम आसानी से दिवाली की पूजा कर सकते हैं ?

जैसा की हम देख ही चुके हैं की दिवाली एक महत्त्वपूर्ण समय है और सभी को इस दिन पूजन द्वारा अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए. यहाँ आपके लिए कुछ आसान तरीके दे रहे हैं जिससे की जो लोग घर से दूर है वो भी इस दिन का लाभ उठा सके.
  • सबसे पहले अपने घर और ऑफिस की पूरी तरह से सफाई करे जिससे की आप माता लक्ष्मी को आमंत्रित कर सके.
  • दिवाली की रात्रि को माता लक्ष्मी, कुबेर और गणेश जी की पूजा होती है अतः उनकी फोटो या मूर्ती आदि की व्यवस्था करे.
  • लक्ष्मी पूजा के लिए हमे कुछ सामग्रियों की जरुरत होती है जो की पहले से इकटठा कर लेना चाहिए जैसे कलश, आम के पत्ते, देवी देवता के फोटो या मूर्तियाँ, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, चावल, मिठाइयाँ , धनिया, कंकू, चावल, अस्त्गंध, कलावा, पान, सुपारी पुष्प, इतर, श्री यन्त्र आदि.
  • घर को अच्छी तरह सजाये और बाहर रंगोली बनाए माता के स्वागत के लिए.

अब आइये जानते हैं कैसे करे दिवाली पूजन आसानी से -

Diwali Pooja Kaise Kare, दिवाली पूजा कैसे करे आसानी से, लक्ष्मी जी को कैसे प्रसन्न करे पूजा से.
  • सबसे पहले जगह निश्चित करे की कहा आप करना चाहते हैं दिवाली पूजन. 
  • वहां पर पाटा लगा के उस पर लाल शुद्ध वस्त्र बिछा दे.
  • अब वह पर कलश स्थापना करे , इसके लिए कलश में जल भरे और फिर उसमे सुपारी, फूल, गंगा जल, सिक्का, चावल, दूर्वा घास आदि डाल दे और उसे स्थापित करे. फिर उसके ऊपर एक नारियल रखे, नारियल पर स्वस्तिक बना दे साथ ही कलश पर भी स्वस्तिक बना दे. कलश को रखने से पहले थोड़े चावल नीचे रखे.
  • कलश के पीछे आपको लक्ष्मी जी की तस्वीर रखना चाहिए, कुछ लोग कलश के ऊपर भी महालक्ष्मी की स्थापना करते हैं.
  • भगवान् गणेश को कलश के दाए तरफ स्थापित करके गणेश पूजन करना चाहिए. 
  • अब पूजन से पहले कुछ देर के लिए ॐ का जप कर लेना चाहिए. 
  • पूजन से पहले थोडा गंगाजल लेके सभी तरफ छिड़क देना चाहिए.
  • दीपक जला दे और फिर कलश का पूजन करे और थोड़े चावल हाथ में ले के माता लक्ष्मी का आवाहन करे और फिर उनके फोटो पर चावल छोड़ दे. 
  • अब माता लक्ष्मी की मूर्ति हो तो उसका पंचामृत से अभिषेक करे ऐसे में किसी भी महालक्ष्मी के मंत्र को जपते रहे. 
  • पंचामृत अभिषेक के बाद उनको अपने स्थान पर रख के उनका पंचोपचार पूजन करे अर्थात उनको धुप , दीप, नैवेद्य, वस्त्र आदि अर्पित करे. व्यापारी लोग बही खाते का पूजन करते है, और गाँव वाले पशुओ की पूजा भी करते हैं.
  • पूजन के बाद घर के सभी कमरों में दीपक जलाए, छत में  भी दीपक जलाए . 
  • इसके बाद महालक्ष्मी की आरती और उनके मंत्रो का यथाशक्ति जप करना चाहिए. 
और उसके बाद सभी को साथ में पठाको का आनंद लेना चाहिए प्रसाद बाटना चाहिए सभी को शुभ कामनाये देना चाहिए और बड़ो का आशीर्वाद लेना चाहिए.

दिवाली की सभी को शुभकामनाये jyotishsansar.com की तरफ से 

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