Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति. आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है. Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...
वैवाहिक जीवन को ख़राब करने वाले ग्रह योग और उनका प्रभाव ज्योतिष के अनुसार
सुखी वैवाहिक जीवन अती आवश्यक है अगर आप जीवन को अछि तरह से जीना चाहते हैं. सुखी वैवाहिक जीवन के अंतर्गत हम सेक्स जीवन, एक दुसरे के साथ वैचारिक समानता, स्वस्थ जीवन, अच्छी संतान आदि को लेते हैं.
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kharab vaivahik jivan aur jyotish yog |
हर व्यक्ति जो की जब विवाह के बारे मे सोचता है तो उसके मन मे कई सारे सपने आने लगते हैं जिसमे की जीवन साथ के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है.
परन्तु ऐसा अक्सर होता है की बहुत से दंपत्ति विवाह के बाद असंतुष्ट नजर आते हैं और इसके कई कारण सामने आते हैं परन्तु ज्योतिष कारणों के पीछे ग्रहों के योग को महत्त्व देते हैं.
ग्रह जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं और इसी कारन अगर शादीशुदा जीवन मे कोई समस्या आ रही है तो इसका अर्थ ये है की निश्चित ही ग्रह दशा सही नहीं चल रही है या फिर विवाह स्थान दूषित है.
विवाह स्थान, सुख स्थान गुप्तांग से सम्बंधित भाव अगर दूषित हो तो कई प्रकार के समस्याओ का सामना जातक को करना पड़ सकता है जैसे –
- जीवन साथी के साथ संतोषजनक सम्बन्ध नहीं बन पाता है.
- शारीरिक सम्बन्ध बनाने से गुप्त रोग होने के कारण भी जातक परेशान हो सकता है.
- जीवन साथी के साथ वैचारिक मतभेद से जीवन मे असंतोष का भाव उत्पन्न हो जाता है.
- विवाह के बाद तलाक की नौबत तक आ जाती है.
- कई बार संतान होने मे समस्या उत्पन्न हो जाती है.
- विवाह के बाद कई लोगो की आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती है.
- कई लोग विवाह के बाद ज्यादा बीमार रहने लग जाते हैं.
वैवाहिक जीवन को ख़राब करने मे कई ज्योतिषीय कारण हो सकते हैं जैसे :
वैवाहिक जीवन को ख़राब करने वाले ग्रह योग और उनका प्रभाव ज्योतिष के अनुसार- शुक्र ग्रह का कमजोर होना या फिर शुक्र ग्रह का शत्रु या नीच का होना.
- कुंडली मे सप्तम भाव का दूषित होना भी शादीशुदा जीवन को ख़राब करता है.
- कुंडली मे शुक्र और मंगल की युति होना भी समस्या पैदा करता है.
- कुंडली मे अष्टम भाव का दूषित होना भी असंतोष का भाव पैदा करता है.
- कुंडली मे सुख भाव का कमजोर होना या दूषित होना भी प्रेम संबंधो मे विघ्न पैदा करता है.
- सप्तम भाव और सुख भाव पर ख़राब ग्रह की दृष्टि भी वैवाहिक जीवन मे सुख को कम करता है.
अतः ऐसे बहुत से कारण हो सकते है जो की शादी शुदा जीवन, सेक्स जीवन , प्रेम जीवन को ख़राब कर सकते हैं. इनको समझने के लिए किसी अच्छे ज्योतिष से परामर्श लेना अच्छा होता है.
अनुभवी ज्योतिष पति पत्नी की कुंडली मे ग्रहों की दशा देखके सही उपाय दे सकते हैं जिन्हें अपना के दंपत्ति अपनी समस्याओं को कम कर सकते हैं.
उचित ज्योतिषीय मार्गदर्शन के लिए आप अभी सलाह ले सकते हैं, जहां आपके जानकारियों को गुप्त ही रखा जाता है.
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