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Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning

Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति.  आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है.  Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.  Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में  Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...

Nakshatra Vatika Kya Hai

नक्षत्र वाटिका क्या है, नक्षत्रो के अनुसार पेड़ , राशी अनुसार पेड़, बगीचे के फायदे.

ज्योतिष के अनुसार २७ नक्षत्र होते हैं और १२ रशियां होती है और ज्योतिष ग्रंथो में हर नक्षत्र का सम्बन्ध एक विशेष प्रकार के पेड़ से भी माना जाता है. इसी प्रकार हर राशि के लिए भी एक पेड़ या पौधा माना गया है. अगर व्यक्ति अपने नक्षत्र या राशि के अनुसार पेड़ या पौधे का पोषण और पूजा करे तो भी अनेक लाभ देखे जाते हैं, जीवन सफल हो जाता है. 
janiye rashi aur nakshatra sambandhit ped
Nakshatra Vatika Kya Hai

बहुत से लोग अपने घर या खाली जगह में नक्षत्र वाटिका या राशी वाटिका बनाते हैं जिससे की नवग्रहों की कृपा मिले और जीवन सुगम हो जाए. 
वैसे भी पेड़ पौधे लगाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, हर पेड़ या पौधे में कोई न कोई औषधि गुण होता है अतः समय समय पर पौधे लगते रहना चाहिए. 
  • अगर किसी के पास खाली जगह हो तो पेड़-पौधे लगाएं 
  • अगर घर में या फ्लैट में बालकनी हो तो वहां भी पौधे लगाए जा सकते हैं.
  • अगर छत भी खाली हो तो भी गमलो में पौधे लगाए जा सकते हैं और बगीचा भी बनाया जा सकता है. इससे शुद्ध हवा मिलती है और सभी के लिए अच्छा होता है. 

आइये जानते हैं बगीचे के लाभ:

  • रोज अपने बगीचे में कुछ समय बिताने पर अवसाद से बचा जा सकता है. 
  • अपने बगीचे में प्राणायाम करना भी बहुत लाभदायक होता है, शारीर और मन ऊर्जा से भर जाता है. 
  • नवग्रह दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है. 
  • रोज ताजे फूल और फल भी मिल सकते हैं. 
  • बगीचे से भाग्य भी बदल सकता है, पेड़ पौधे लगाने से भाग्योदय भी हो सकता है. 

आइये अब जानते है राशी वाटिका के बारे में :

अगर अपने राशि अनुसार पेड़ की पूजा की जाए तो निश्चित ही लाभ होता है, यहाँ जानकारी दी जा रही है की कौन सी राशी के लिए कौन सा पेड़ या पौधा लाभदायक रहेगा.
  1. मेष राशी वालो के लिए रक्त चन्दन शुभ होता है. 
  2. वृषभ राशि वालो के लिए सप्तपर्णी शुभ होता है. 
  3. मिथुन राशी वालो के लिए पनसरा शुभ होता है. 
  4. कर्क राशी के लिए पलाश शुभ होता है. 
  5. सिंह राशी वालो के लिए पटला शुभ होता है. 
  6. कन्या राशी वालो के लिए अमरा शुभ होता है 
  7. तुला राशी वालो के लिए बकुला शुभ होता है. 
  8. वृश्चिक राशी वालो के लिए कादिरा शुभ होता है. 
  9. धनु राशी वालो के लिए अश्वथ शुभ होता है. 
  10. मकर राशी वालो के लिए शिमशापा शुभ होता है. 
  11. कुभ राशी वालो के लिए शमी शुभ होता है. 
  12. मीन राशी वालो के लिए वट शुभ होता है. 

आइये अब जानते हैं नक्षत्रो के अनुसार कौन से पेड़ या पौधे शुभ होते हैं :

  1. आश्विन नक्षत्र का सम्बन्ध कुचला से होता है. 
  2. भरणी का सम्बन्ध अमला से होता है. 
  3. कृतिका का सम्बन्ध अंजीर से होता है. 
  4. रोहिणी का सम्बन्ध जामुन से होता है. 
  5. मृगशिरा का सम्बन्ध काधिरा से होता है. 
  6. आर्द्रा का सम्बन्ध लौंग से होता है. 
  7. पुनर्वसु का सम्बन्ध बांस से होता है. 
  8. पुष्य का सम्बन्ध पीपल से होता है 
  9. अश्लेशा का सम्बन्ध नाग चंपा से होता है. 
  10. मघा का सम्बन्ध वट से होता है 
  11. पूर्वा फाल्गुनी का सम्बन्ध पलाश से होता है 
  12. उत्तराफाल्गुनी का सम्बन्ध पाकुर से होता है 
  13. हस्त का सम्बन्ध जंगली आम से होता है 
  14. चित्रा का सम्बन्ध विल्व से होता है 
  15. स्वाति का सम्बन्ध अर्जुन से होता है 
  16. विशाखा का सम्बन्ध एलेफेंट एप्पल से है 
  17. अनुराधा का सम्बन्ध बकुल से है 
  18. ज्येष्ठा का सम्बन्ध पाइन से है 
  19. मूल का सम्बन्ध ब्लैक डामर से है 
  20. पूर्वाशादा का सम्बन्ध अशोक से है 
  21. उत्तराशादा का सम्बन्ध जैक फ्रूट से है 
  22. श्रवण का सम्बन्ध जैक से है 
  23. धनिष्ठा का सम्बन्ध शमी से है 
  24. शतभिषा का सम्बन्ध कदम्ब से है 
  25. पूर्वाभाद्रपद का सम्बन्ध नीम से है 
  26. उत्तराभाद्रपद का सम्बन्ध आम से है 
  27. रेवती का सम्बन्ध महुआ से है 

आइये अब जानते हैं की पांच ऐसे कौन से पेड़ है जो की साथ में लगा के पंच-वाटिका बनाई जा सकती है ?

वट , पीपल, अंजीर, बिल्व, आंवला

इस प्रकार हर कोई विशेष प्रकार के पेड़ या पौधे लगा के ग्रहों की शुभता को अपने जीवन में ला सकता है. बगीचा बनाए और चमकाएं अपना भाग्य.

और सम्बंधित लेख पढ़े :
Nakshatra Vatika in English.

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