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Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh

Ujjain Panchkoshi Yatra Ka Mahattw aur Tarikh, kab se shuru hogi panchkosi yatra 2025, जानिए ख़ास बातें उज्जैन के पंचकोशी यात्रा के बारे में.       Ujjain panchkosi yatra 2025: 23 april 2025 से उज्जैन में शुरू होगी पंचकोशी यात्रा जिसमे की श्रद्धालुगण ११८ किलोमीटर की यात्रा करते हैं पैदल वो भी 5 दिन में. इस यात्रा की शुरुआत उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर से होती है जहाँ से भक्त बल लेते हैं और फिर अमावस्या के दिन शिप्रा नदी में स्नान करके इस यात्रा को समाप्त करते हैं. यात्रा के दौरान प्रमुख पड़ाव पिंगलेश्वर, करोहन, अंबोदिया, जैथल और उंडासा होते हैं.  Ujjain panchkosi yatra 2025 आइये जानते हैं ख़ास बातें उज्जैन के पंचक्रोशी यात्रा के बारे में : ये यात्रा हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने में होती है.  ये यात्रा वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से शुरू होकर अमावस्या को समाप्त होती है.  इस यात्रा के समय सूर्य अपने उच्च राशि मेष में राहते हैं.  ये यात्रा 5 कोस की रहती है.  Ujjain panchkosi yatra 2025 ये यात्रा पटनी बाजार स्थित नागचंद्र...

Jyotish Lesson 1 In Hindi

||श्री गणेशाय नमः ||ॐ गुरु ॐ ||

Jyotish lesson in Hindi Intro, Learn vedic astrology in hindi online by one of the best jyotish in India, कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारियां ज्योतिष के बारे मे, कैसे मार्गदर्शन ले अच्छे ज्योतिष से, jyotish quizz1

ऐसा कहा जाता है की ज्योतिष वेदों की आँखे है इसी कारन इस विषय का बहुत महत्त्व है. वैदिक ज्योतिष भारतीय संस्कृति का एक मुख्य भाग है. ज्योतिष द्वारा हम हमारे जीवन मे पड़ रहे ग्रहों के प्रभावों को जान सकते हैं, हम अपने जीवन के बारे मे अनेक बातो को जान सकते हैं.
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|| वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरुमे देवो सर्व कार्येशु सर्वदा ||
पूरी दुनिया मे ज्योतिष का अपना ही प्रभाव है, सारी दुनिया मे लोग वैदिक ज्योतिष को सीखना चाहते हैं और और बहुत से जिज्ञासु तो दूर देश की यात्रा करके भारत आते हैं इसे सीखने के लिए. ज्योतिष संसार के पाठक गण अब जान पायेंगे ज्योतिष को और ज्यादा क्यूंकि यहाँ पर अब शुरू कर रहे है ज्योतिष सीखने के लिए फ्री पाठ. अलग अलग अध्यायों मे अलग अलग विषयो को शामिल गिया जाएगा.

अगर आपको ज्योतिष मे दिलचस्पी है, अगर आप ज्योतिष सीखना चाहते है, अगर आप वैदिक ज्योतिष को जानना चाहते है तो ये ज्योतिषीय पाठ आपकी मदद कर सकते है.

राशि नक्षत्र और ग्रहों की गणना के द्वारा उनकी स्थिति का अध्ययन करके आने वाले समय का ज्ञान भविष्य का आभास प्राप्त किया जा सकता है| इस प्रकार ज्योतिष एक शुद्ध वैज्ञानिक पद्धति है| संसार के लगभग सभी देशों में इसे स्वीकार किया गया है | इस विद्या के द्वारा किसी भी मनुष्य का भूत भविष्य और वर्तमान जाना जा सकता है |
जन्म कुंडली जन्म के समय की आकाशीय दशा को दर्शाता है और ये भी बताता है की आने वाला समय कैसा होगा | हालांकि ज्योतिष एक जटिल विद्या है परंतु मैंने कोशिश की है कि मेरे ब्लॉग रीडर को आसानी से ज्योतिष का ज्ञान प्राप्त हो वह भी घर बैठे

वैदिक ज्योतिष क्यों कहते हैं ज्योतिष शास्त्र को ?

चूँकि ज्योतिष की जानकारी वेदों में दी गई है इसीलिए इसे वैदिक ज्योतिष कहा जाता है |ऋग्वेद में ज्योतिष से संबंधित 30 श्लोक हैं। यजुर्वेद में 44 और अथर्ववेद में 162 श्लोक मिलते हैं | हमारे 18 ऋषियों ने ज्योतिषशास्त्र को बढाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । इनके नाम है मरिची, मनु, अंगीरा, पुलस्य, लोमश, चवन, यवन, भृगु, शौनक्य , सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ठ, अत्रि, पराशर कश्यप, नारद, गर्ग ।

कुछ बातो को हमेशा याद रखना चाहिए :

  1. ज्योतिष सीखने वाले को धैर्य रखना जरुरी है क्यूंकि ज्योतिष के सिद्धांत आसान नहीं होते है अध्ययन के साथ साथ शोध जरुरी है.
  2. इस विषय पर भरोसा होना चाहिए.
  3. उपरी शक्तियों पर भी भरोसा होना चाहिए.
  4. आडम्बर की जरुरत नहीं है.
  5. कोई पाठ समझ मे न आने पर उसे बार बार पढना चाहिए, धीरे धीरे चीजे साफ़ होती है.
  6. जीवन भर सीखते रहिये.
वेदों मे ज्योतिष का बहुत वर्णन प्राप्त होता है और इसे तो वेदों की आँखे कहा जाता है, ज्योतिष हमे शक्ति देता है की हम ग्रहों के प्रभाव को जान सके, जीवन के रहस्यों को समझ सके.
  • क्या आप जानना चाहते है की ज्योतिष कितने भागो मे बंटा है ?
  • क्या आप सिद्धन, होरा और संहिता के बारे मे जानना चाहते हैं ?
  • क्या आप जानना चाहते है की किसी ज्योतिष से कैसे परामर्श लेना चाहते है.
Jyotish Kya Hai Janiye Bhag 1 Mai, क्या है ज्योतिष का महत्त्व

Free Jyotish lesson1 in hindi on YouTube

आज के युग मे ज्योतिशो की एक फ़ौज सी कड़ी हो गई है पुरे विश्व मे परन्तु इसे सीखना इतना भी सरल नहीं है जितना की ये दीखता है. सिर्फ वही ज्योतिष सही मार्ग दिखा सकता है जिसके पास अच्छा अनुभव हो और जिसे इस विषय का गहराई से अनुभव हो. आज के युग मे लोग इसे सिर्फ धन कमाने के लिए सीख रहे हैं और इसिलिये ज्यादा गहराई से नहीं जान पाते हैं. न ही वो खुद इस विद्या का लाभ ले पाते हैं और न ही दुसरे इससे लाभान्वित हो पाते हैं.
इसी कारण लोगो का विश्वास इससे हट रहा है. ज्योतिष एक पवित्र विषय है और अगर इसे सही तरीके से प्रयोग मे लिया जाए तो कोई भी सुख और शांति से जीवन जी सकता है. हमारे जीवन के हर पहलु पर ग्रहों का प्रभाव होता है इसिलिये ज्योतिष के बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं.

आज के तारीख मे एक और अजीब सा दृश्य नजर आ रहा है की आज लोग ज्योतिष से संपर्क काले जादू के लिए करते हैं, वशीकरण प्रयोग के लिए करते हैं, गलत प्रयोगो को करवाने हेतु करते है जो की ज्योतिष का विषय नहीं है, इन सब से समाज मे एक गलत धारणा फ़ैल रही है.

ज्योतिष के सही स्तेमाल को समझना चाहिए तभी इस विषय का सही लाभ उठाया जा सकता है. इस ब्लॉग मे हम ज्योतिष को सही तरीके से समझने का प्रयास करेंगे.

आइये अब जानते हैं कुछ ज्योतिष को:


वैद भारतीय संस्कृति की आत्मा है, हर क्रिया के पीछे एक विज्ञान होता है और इसका वर्णन वेदों मे मिलता है. पूरा ज्योतिष वेदों के नेत्र कहलाते हैं, इसके माध्यम से हम भूत, वर्त्तमान और भविष्य के बारे मे बहुत कुछ जान सकते हैं. ज्योतिष के द्वारा जीवन मे सही निर्णय लेने मे मदद मिलती है.

भारतीय ज्योतिष के ३ भाग है :

  1. सिद्धांत- इसमे ग्रहों, सितारों और गणित का वर्णन है.
  2. संहिता – इसमे सितारों , ग्रहों का धरती पर क्या असर होता है, इसका वर्णन है, इसमे गणित नहीं है.
  3. होरा – इसमे भाविस्यवानी, महुरत, प्रश्न काल आदि का वर्णन मिलता है.
जिनको इन सभी का ज्ञान हो वही पूर्ण ज्योतिष कहलाता है. आज कोई सिद्धांत के जानकार मिलते हैं , कोई संहिता के और कई होरा के जानकार मिलते हैं.

जो लोग ज्योतिष सीखना चाहते हैं उनमे पवित्रता, धैर्य, होना आवश्यक होता है. जो लोग कुटिल होते हैं, हमेशा जल्दी मे रहते हैं, धोखा देने की प्रवृत्ति रखते हैं, उनके लिए ये विषय ठीक नहीं है.

ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है की कलयुग मे लोग धोखेबाजो द्वारा लुट रहे है. अतः ज्योतिष का थोडा ज्ञान होना जरुरी है जिससे की धोखो से बचा जा सके.

हालांकि एक सही ज्योतिष को ढूँढना बहुत मुश्किल है परन्तु फिर भी नामुमकिन नहीं है, कुछ लोग लगातार इस विषय मे कार्य कर रहे हैं.

जहा चाह होती है वहां राह होती है

एक सही ज्योतिष से कैसे मर्दर्शन लेना चाहिए ?

अगर ज्योतिष से मार्गदर्शन लेना ही है तो सबसे पहले उस विषय पर भरोसा होना चाहिए. उसके बाद सही व्यक्ति को ढूँढना चाहिए और फिर उनसे सही मार्गदर्शन हेतु प्रार्थना करना चाहिए. ये भी जरुरी है की मार्गदर्शक को दक्षिणा और भेट देकर उन्हें प्रसन्न किया जाए.

अगले jyotish lesson 2 में हम देखेंगे की --
  1. वैदिक महीनो के बारे में जिसका जिक्र हमे हिन्दू पंचांग में मिलता है |
  2. हम देखेंगे की ९ ग्रह कौन से है और इनकी हेसियत क्या है ?
  3. ग्रहों का सम्बन्ध कौन से तत्त्व से हैं ?
  4. उत्तरायण और दक्षिणायन क्या होते हैं?

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