कब से है चैत्र नवरात्री 2025, chaitra navratri ka mahattwa in hindi, kya kare, जानिए क्या कर सकते हैं जीवन को सफल बनाने के लिए, ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी | Chaitra Navratri 2025: जैसा की हम सब जानते है की नवरात्री के 9 दिन बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं, साधना के लिए, मनोकामना पूर्ण करने के लिए, पूजा पाठ करने के लिए. इस बार चैत्र नवरात्री 30 March रविवार से शुरू होके 6 april रविवार तक रहेगी और माताजी की सवारी हाथी रहेगी जो की बहुत ही शुभ माना जाता है | ख़ास बात ये भी ध्यान रखना है की इस बार नवरात्री 8 दिन की रहेगी. Chaitra Navratri Ki Mahima in hindi Jyotish Chaitra Navratri 2025 घट स्थापना महूरत : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी 29 मार्च को शाम में लगभग 4 बजकर 29 पर. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी 30 मार्च को शाम में लगभग दिन में 12 बजकर 50 पर. Watch Video Here घटस्थापना के मुहूर्त- Chaitra Navratri 2025 1. 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक. 2. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट ...
Dusra Vivah Aur Jyotish, दूसरा विवाह और ज्योतिष, दुसरे विवाह की जरुरत, कुंडली के हिसाब से दुसरे विवाह के योग, दुसरे विवाह के रूकावटो को कैसे हटाये ज्योतिष उपायों द्वारा.
दूसरा विवाह और ज्योतिष:
दूसरा विवाह इतना आसान नहीं होता जितना की सुनने में लगता है. दुसरे विवाह के समय जातक को बहुत से समझौते करने होते हैं. परन्तु मनुष्य जीवन की कुछ जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरा विवाह जरुरी होता है.
आइये जानते हैं कब जरुरी होता है दूसरा विवाह:
दूसरा विवाह का अगर कोई फैसला करता है तो वो कतई गलत नहीं है, इससे जीवन को फिर से सुगम बनाया जा सकता है बस शर्त है की जातक कुछ बातो का ख्याल रखे. Dusra Vivah Aur Jyotish
दूसरा विवाह का अगर कोई फैसला करता है तो वो कतई गलत नहीं है, इससे जीवन को फिर से सुगम बनाया जा सकता है बस शर्त है की जातक कुछ बातो का ख्याल रखे. Dusra Vivah Aur Jyotish
कुछ बाते जो की जातक को दुसरे विवाह के लिए मजबूर करते हैं:
- लम्बे जीवन को जीने के लिए किसी साथी की जरुरत – जीवन में साथी होना बहुत ख़ास होता है, इससे जीवन जीने में आसानी हो जाती है. एकांगी जीवन बहुत मुश्किल होता है इसीलिए सभी को एक अच्छे जीवन साथी की तलाश होती है जिसके साथ वो बैठ के बात कर सके, अपने विचार बाँट सके, सुख दुःख बाँट सके.
- बेमल शादी – ऐसे अक्सर देखा गया है की विवाह के तुरंत बाद ही पति पत्नी अलग हो जाते हैं विभिन्न कारणों से, अतः इस अवस्था में भी जातक दुसरा विवाह के बारे में सोचता है क्यूंकि जीवन साथी जरुरी होता है. Dusra Vivah Aur Jyotish
- तलाक – तलाक के बाद भी जातक को सुख पूर्वक रहने के लिए एक साथी की जरुरत होती है और ऐसे में भी दूसरे विवाह की जरुरत होती है.
- जिम्मेदारियों को साझा करने के लिए- ऐसा भी संभव है की एक साथी के मृत्यु के पश्चात कोई अकेला जी रहा हो और उसे अपने माता पिता की देखभाल के लिए, बच्चो की देखभाल के लिए किसी साथी की जरुरत हो, ऐसे में भी दूसरा विवाह जरुरी हो जाता है.
- कई लोग अपनी पहली शादी से संतुष्ट नहीं हो पाते साथी का साथ पूरा नहीं पाते और सम्बन्ध तोड़ लेते हैं. ऐसे में भी दुसरे विवाह की जरुरत होती है. Dusra Vivah Aur Jyotish
अतः दुसरे विवाह के लिए बहुत से कारण हो सकते हैं.
आइये अब जानते हैं की कुछ लोगो का दूसरा विवाह भी क्यों नहीं टिक पाता है :
- दोनों की कुंडलियो का मिलान नहीं होने के कारण भी दूसरा विवाह भी टूट सकता है.
- कई लोग जल्दी जल्दी में जो मिला उसी से दूसरा विवाह कर लेते हैं, ये भी संबंधो को ख़राब कर सकता है.
- अपने जीवन की महत्त्वपूर्ण बातो को साथी से छुपा के रखने के कारण भी कई लोगो की दूसरी शादी भी टूट जाती है. जैसे आर्थिक स्थिति का सही ब्यौरा नहीं देना, माता पिता की प्रकृति के बारे में सही नहीं बताना, बच्चो के बारे में सही जानकारी नहीं देना, स्वास्थ्य की सही जानकारी नहीं देना अदि. Dusra Vivah Aur Jyotish
- नशे की लत के कारण साथी के साथ मारपीट करना भी दुसरे विवाह को भी तोड़ देता है.
- किसी साथी में सेक्स करने की क्षमता का न होना भी दुसरे विवाह को तोड़ सकता है.
- कभी कभी पहली शादी से हुए बच्चो को भी दूसरा साथी पसंद नहीं कर पाता है और विवाह टूट जाता है.
आइये जानते है की कुंडली में दुसरे विवाह के योग को कैसे जान सकते हैं ?
- अगर कुंडली के सातवां भाव बिगड़ा हुआ हो परन्तु शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो दूसरा विवाह हो सकता है.
- दुसरे विवाह के बारे में जानने के लिए ज्योतिष लग्न, दूसरा भाव, सातवां भाव, नवां भाव की भी जांच बारीकी से करते है.
- अगर सुख भाव में शुभ ग्रह हो साथ ही भाग्य स्थान भी अच्छा हो तो भी दूसरा विवाह के योग बन सकते हैं.
- अगर शुक्र कुंडली में अच्छा हो और सुख स्थान, भाग्य स्थान, लग्न भी शुभ हो तो भी जातक का दूसरा विवाह हो सकता है. Dusra Vivah Aur Jyotish
- ऐसा भी देखा गया है की जब विवाह स्थान का स्वामी किसी द्विस्वभाव राशि में बैठे तब भी जातक के दूसरे विवाह के योग बनते हैं |
- अगर विवाह स्थान का स्वामी शुक्र के साथ युति करे तब भी ऐसे योग बन जाते हैं |
- राहू अगर विवाह स्थान में बैठ जाए या फिर विवाह स्थान के स्वामी के साथ बैठ जाए तो भी व्यक्ति के दूसरे विवाह के योग बना देता है |
- शोध में ये भी पता चला है की अगर विवाह स्थान और भाग्य स्थान के स्वामी आपस में जगह बदल ले तो तो जातक के दूसरे विवाह के योग बना देता है | Dusra Vivah Aur Jyotish
- अगर लग्न कुंडली के विवाह स्थान का स्वामी नवमांश कुंडली में द्विस्वभाव राशि के साथ बैठ जाए तो भी दूसरे विवाह के योग का निर्माण करता है |
- विवाह सिर्फ २ लोगो का ही मिलन नहीं होता है वरन २ परिवारों का भी मिलन है अतः जातक के दूसरे भाव का अध्ययन भी जरुरी होता है दूसरे विवाह के बारे में जानने के लिए |
- ऐसा भी देखा गया है की शनि अगर विवाह स्थान में बैठ जाए तो जातक के दूसरे विवाह के योग बनाता है |
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कैसे बनाए अपने दुसरे विवाह को सफल?
- अगर ग्रहों का प्रभाव शुभ नहीं हो कुंडली में और अपना जीवन ख़राब हो रहा हो तो ग्रह शांति करवाते रहना चाहिए.
- अगर कुंडली में कल सर्प दोष, पितृ दोष, ग्रहण दोष हो जिससे विवाह में समस्या आ रही हो तो इन दोषों की शांति हेतु भी उपाय करते रहने चाहिए ज्योतिष से परामर्श लेके. Dusra Vivah Aur Jyotish
- वैवाहिक जीवन के बाधाओं को दूर करने हेतु घट विवाह, कुम्भ विवाह, आदि का भी प्रयोग किया जा सकता है.
- शुभ रत्नों के स्तेमाल से भी विवाह बाधाओं को हटाया जा सकता है.
- कुछ विशेष अनुष्ठान भी रहते हैं जिनके स्तेमाल से जीवन को सुखी किया जा सकता है.
पर सबसे जरुरी होता है की किसी अच्छे ज्योतिष को कुंडली दिखा के सही परमर्श लिया जाए
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