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Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning

Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति.  आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है.  Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.  Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में  Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...

Bachho Ke Vikas Ke liye Jyotishiy Margdarshan

ज्योतिष द्वारा बच्चो का भविष्य कैसे बनाए, कैसे बच्चो के विकास में ज्योतिष मदद कर सकता है, कौन सा मंत्र बच्चो को फायदा दे सकता है, बच्चो के ऊपर ग्रहों का असर जानिए.

हर माता पिता अपने बच्चो को लेके बहुत संवेदनशील रहते हैं, बच्चे हमे जीने का एक कारण देते हैं. उनकी मुस्कान, उनका मस्ती करना हमारे जीवन को खुशियों से भर देती है. और इसी कारण हमे अपने बच्चो के विकास के लिए सोचना होता है.

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Bachho Ke Vikas Ke liye Jyotishiy Margdarshan
इस लेख में हम बच्चो के पूर्ण विकास के बारे में पढेंगे ज्योतिष के माध्यम से. अगर आपको ज्योतिष में रूचि है और आप संतान से जुडी ज्योतिष को जानना चाहते हैं तो ये लेख आपकी मदद कर सकता है. अगर आप अपने बच्चो का जीवन सफल बनाना चाहते हैं तो ये लेख पढ़िए.
वैदिक ज्योतिष के माध्यम से हम अपने बच्चो के जीवन के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं जैसे बच्चे की पढ़ाई लिखाई के बारे में, उसके लिए लाभदायक काम के बारे में, उसकी आर्थिक स्थिति के बारे में, कामकाजी जीवन के बारे में, स्वास्थ्य आदि के बारे में. यही नहीं हम बच्चे के जीवन में परेशानी उत्पन्न करने वाले ग्रहों के बारे में भी जान सकते हैं आसानी से और सही उपाय कर सकते हैं जिससे उसका सही विकास हो सके.
ज्योतिष के माध्यम से बच्चो की बहुत सी परेशानियों को दूर किया जा सकता है बस हमे इस विज्ञान का सही तरीके से स्तेमाल करना होता है.
साधारणतः लोग ज्योतिष का स्तेमाल तब करना शुरू करते हैं जब बच्चा बड़ा हो जाता है परन्तु यहाँ मै ये बताना चाहूँगा की अगर बच्चे के जन्म के समय से ही सही उपायो को किया जाए तो इसमें कोई शक नहीं की बच्चा जीवन में बहुत तरक्की कर सकता है.

याद रखिये की बीज की सही देखभाल से ही अच्छा पेड़ बनता है अतः ध्यान तो शुरू से ही देना होता है. अगर बच्चे के जन्म से ही हम ग्रहों के हिसाब से भी कुछ करते चले तो जीवन में बहुत फायदा होता है. इससे बच्चा का अध्यात्मिक विकास, शारीरिक विकास, मानसिक विकास भी अच्छे तरह से होता है.
आज के इस प्रतियोगी युग में जीना इतना आसान नहीं रह गया है, अतः अपनी क्षमता का पूरा विकास जरुरी है. माता पिता होने के नाते बच्चे को सही राह दिखाना और उसका पूर्ण विकास करना भी जिम्मेदारी होती है. अच्छी शिक्षा, अच्छा माहोल ही बच्चे को सही ज्ञान देगा जिससे की समाज और देश का विकास भी होगा.
ज्योतिष के उपायों द्वारा बच्चे के प्रतिभा के विकास दर को तेज किया जा सकता है, ज्योतिष के उपाय बच्चे के व्यक्तित्त्व को शक्तिशाली किया जा सकता हैं.

आइये जानते हैं ग्रहों का प्रभाव कैसे होता है बच्चो पर :

  1. सूर्य ग्रह का बच्चो पर प्रभाव: सूर्य पिता का कारक है, आत्मा से सम्बन्ध रखता है, उच्च अधिकारी से सम्बन्ध रखता है आदि. बच्चो की कुंडली में सूर्य का अध्ययन से सम्बंधित विषयो के बारे में जानकारी पाई जा सकती है. इससे हम बच्चे के अन्दर के नेतृत्त्व क्षमता, कल्पना शक्ति के बारे में भी जान सकते हैं.
  2. चन्द्रमा का बच्चो पर प्रभाव: चंद्रमा माता का करक है और इसका अध्ययन हमे बचपन, माता के साथ सम्बन्ध देवी शक्ति की कृपा के बारे में बताता है.
  3. मंगल ग्रह का बच्चो पर प्रभाव: ये ग्रह उर्जा से सम्बन्ध रखता है, क्रोध, सोच, मूड आदि से सम्बन्ध रखता है. कुंडली में शुभ मंगल बच्चे को शक्तिशाली बनाता है और एक अशुभ मंगल बच्चे को बहुत सी परेशानियां देता है.
  4. बुध ग्रह का बच्चो पर असर: बुध ग्रह का सम्बन्ध बुद्धि, चालाकी, भाई बहन से सम्बन्ध, वाक्चातुर्यता आदि से है, अतः बुध का अध्ययन हमे बच्चे की इन गुणों के बारे में बताता है.
  5. गुरु ग्रह का बच्चो पर असर : गुरु का सम्बन्ध सोच, धर्म, पढ़ाई, सिद्धांत आदि से होता है अतः गुरु के अध्ययन से हम ये जान सकते हैं की बच्चे की शिक्षा कैसी रहेगी, उसके सम्बन्ध गुरुजनों से कैसे रहेंगे आदि.
  6. शुक्र ग्रह और संतान ज्योतिष: शुक्र बच्चे की व्यक्तिगत जीवन को बताता है, इसके अध्ययन से हम ये जान सकते हैं की बच्चे का व्यक्तिगत जीवन कैसे रहेग, इसके सम्बन्ध विपरीत लिंग से कैसे रहेंगे, इसका प्रेम सम्बन्ध कैसे रहेगा आदि.
  7. शनि ग्रह का संतान पर प्रभाव: शनि का सम्बन्ध सिद्धांतो से है, भूमि से है, कानून से है, नौकरी आदि से है. शनि के दशा के समय बच्चे के जीवन में बहुत बदलाव होते हैं. अच्छा शनि बच्चे को मेहनती बनाता है और नौकरी में तरक्की देता है जबकि ख़राब शनि से बहुत परेशानी होती है.
  8. राहू – केतु का बच्चे पर असर : अगर हम कुंडली में चमत्कार, मोक्ष, अचानक से लाभ या हानि आदि के बारे में जानना चाहते हैं तो हमे राहू और केतु का अध्ययन करना होता है.

आइये अब जानते हैं राशियों और संतान ज्योतिष के बारे में:

कुंडली में जो राशि बच्चे की होती है उससे बच्चे का व्यक्तित्त्व बनता है, आइये जानते हैं राशियों का जीवन पर प्रभाव –
  1. मेष राशि के बच्चे नेतृत्त्व क्षमता वाले होते हैं और हर कार्य में आगे रहने की कोशिश करते हैं. मेष राशि के बच्चो पर मंगल का प्रभाव होता है जिससे गुस्सा, अहंकार, जिद्दीपन भी दीखता है.
  2. वृषभ राशि स्थिर राशि है और इस राशि के बच्चे काफी शौक़ीन और मेहनती भी रहते हैं. इमानदारी, भौतिकता और आध्यात्मिकता का मिश्रण व्यक्तित्त्व में नजर आता है.
  3. मिथुन राशि के बच्चे बुद्धिमान, चंचल होते हैं. इनको मन को मोहना खूब आता है.
  4. कर्क राशि के बच्चे अति चंचल होते हैं क्यूंकि इस पर चन्द्रमा का प्रभाव होता है. ऐसे बच्चे बहुत संवेदनशील भी होते हैं.
  5. सिंह राशी के बच्चे काफी रचनात्मक, शक्तिशाली व्यक्तित्त्व के धनि होते हैं साथ ही निडरता भी दिखती है.
  6. कन्या राशि के बच्चो में बोलने की कला, कूटनीति, बुद्धिमत्ता नजर आती है, ऐसे बच्चे लिखने की कला में भी आगे रहते हैं.
  7. तुला राशि के बच्चे काफी ऐसो आराम पसंद होते हैं और पारिवारिक भी होते हैं. ये सुन्दरता और कला के पुजारी होते हैं.
  8. वृश्चिक राशि के बच्चे काफी प्रतिभावान, रचनात्मक होते हैं, ये अपने लक्ष्य के प्रति बहुत संवेदनशील रहते हैं या यूँ कहे की ये थोड़े स्वार्थी भी होते हैं.
  9. धनु राशि के बच्चे धार्मिक हो सकते हैं, दार्शनिक हो सकते हैं और घूमने फिरने के शौक़ीन भी हो सकते हैं.
  10. मकर राशि के बच्चे बहुत ही बुद्धिमान होते हैं और उनको ये पता होता है की उनको क्या करना है, ये बहुत ही प्रैक्टिकल होते हैं सपनो की दुनिया में नहीं जीते हैं. जीवन को लेके इनका नजरिया बहुत अलग ही रहता है.
  11. कुम्भ राशि के बच्चे सपनो की दुनिया में जीते हैं, संत भी बन सकते हैं, धर्म से इनका जुडाव होता है, ये मुक्त रहना पसंद करते हैं , किसी प्रकार का बंधन इन्हें पसंद नहीं होता है.
  12. मीन राशि के बच्चे गुरु के प्रभाव के कारण विद्वान् होते हैं साथ ही चंचल भी होते हैं. दुसरो को आकर्षित करने की क्षमता भी इनमे होता है.
अतः ज्योतिष का स्तेमाल संतान के भविष्य को जानने के लिए किया जा सकता है और जिन ग्रहों के कारण जीवन में परेशानी उत्पन्न होती है उनके लिए उपाय किये जा सकते हैं.

ज्योतिष के माध्यम से हम बच्चे के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं जैसे :

  • बच्चे का भाग्य.
  • कुंडली में अशुभ ग्रह और उनके उपाय.
  • बच्चे के जीवन में समस्या का ज्योतिषीय समाधान.
  • बच्चे के लिए शुभ मंत्र.
  • कौन सा क्षेत्र अच्छा है.
  • कैसे बच्चे के व्यक्तित्व को शक्तिशाली बनाए.
  • बच्चे को बुरी नजर से बचाने के उपाय आदि.


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