Vakri Budh November 2024, वक्री बुध का क्या प्रभाव होगा 12 राशियों पर, बुध की उलटी चाल से किनको रहना होगा सावधान ?, किनकी बदलेगी किस्मत ?, Reverse movement of Mercury Impacts on 12 zodias. हिन्दू पंचांग के अनुसार ग्रहों के राजकुमार बुध 26 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में वक्री होंगे और 16 दिसंबर 2024 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। वक्री बुध के कारण बहुत से लोगो को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और कुछ लोगो को काफी लाभ होने वाला है | Vakri Budh November 2024: बुध ग्रह का सम्बन्ध बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता, व्यापार, मित्र आदि से होता है इसी कारण जब भी गोचर कुंडली में बुध की चाल बदलती है या फिर राशि बदलती है तो इसका असर हमे सभी तरफ देखने को मिलता है | Vrischik Rashi Mai Vakri Budh Ka 12 Rashiyo Par Prabhav आइये जानते हैं वृश्चिक राशि में जब बुध वक्री होंगे तो 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा ? मेष राशिफल : 26 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में बुध के वक्री होने पर मेष राशि के लोगो को अपने सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरुरत होगी साथ ही जीवनसाथी के साथ भी मन मुटाव संभव है, आपको अ
अवसाद के लक्षण जानिए, क्या कारण हो सकता है नकारात्मक सोच के, बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है, जानिए कुछ ज्योतिषीय सलाह.
एक शोध के अनुसार भारत के ३६% लोग जीवन में अवसाद के कारण असफल होने लगते हैं. ये भी पता चला है की जो लोग ज्यादा भावुक होते हैं, वो लोग जल्दी अवसादग्रस्त हो जाते हैं. जीवन में ज्यादा अपेक्षा रखना भी अवसाद का कारण बन सकता है.
Depression ke Lakshan In Hindi |
अवसाद एक खतरनाक बिमारी है जो की हमारे शारीर के सभी भागो को प्रभावित करता है. इस बीमारी के कारण बच्चा हो, जवान हो, बड़ा हो , सभी नकारात्मक सोच के दायरे में चले जाते हैं और कई अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त हो जाते हैं.
आइये जानते है अवसाद में जातक के साथ क्या क्या होता है :
- डिप्रेशन के कारण व्यक्ति अकेले रहने लगता है |
- इसके कारण व्यक्ति रोजमर्रा के काम से भी उचटने लगता है.
- व्यक्ति गुस्सेल हो जाता है, उसे छोटी छोटी बातो पर गुस्सा आने लगता है.
- दिमाग में हीन विचार रहने लगते हैं.
- निराशा व्यक्ति को परेशान करने लगती है.
- अवसाद के कारण व्यक्ति या तो सोना कम कर देता है या फिर बहुत ज्यादा सोने लगता है.
- कुछ लोग अवसाद में बहुत ज्यादा खाने लगते हैं या फिर बिलकुल नहीं खाते हैं.
- कुछ लोग अवसाद ग्रस्त होने पर मरने के बारे में सोचने लगते हैं.
- व्यक्ति को दिमाग का संतुलन बनाए रखने में बहुत समस्या आने लगती है |
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आइये अब जानते हैं डिप्रेशन के क्या कारण हो सकते हैं ?
- एक व्यक्ति कई कारणों से अवसाद में प्रवेश करता है जैसे किसी चीज के डर से जैसे कुछ खोने का डर, जीवन में किसी प्रिय को खोने का डर, वर्तमान स्थिति खोने का डर, धन खोने के डर , सामाजिक शक्ति कमजोर होने के डर आदि।
- दूसरा कारण जीवन में नियमित असफलता मिलना भी है।
- कुछ लोग पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में अपेक्षित परिणाम न मिलने के कारण डिप्रेशन में चले जाते हैं।
- कुछ लोग स्वास्थ्य समस्याओं के कारण नेगेटिव जोन में चले जाते हैं।
इससे मन में तनाव पैदा हो जाता है और अंत में वह अवसाद रूपी घातक सोच बन जाता है।
आइये अब जानते है की महिलायें अवसाद में कब जा सकती है?
- कभी कभी ऋतू काल में महिलाये अवसाद में चली जाती है.
- बच्चा होने के समय भी शरीर में होने वाले बदलाव के कारण कई महिलाए नकारात्मक सोचने लगती है.
- असुरक्षा की भावना के कारण भी कई महिलाए अवासाद में चली जाती है.
- कई महिलाओं को अपने पति का साथ नहीं मिल पाता है जिससे वे अवसादग्रस्त हो जाती है.
- कुछ महिलायें व्यक्तिगत समस्याओं के कारण भी अवसादग्रस्त हो जाती है.
अवसाद के समय व्यक्ति खुद के बनाए हुए नकारात्मक सोच की दुनिया में प्रवेश कर जाता है और अपने जीवन को ख़राब कर लेता है, इसके कारण जातक ऑफिस और घर दोनों के काम ही ठीक से नहीं कर पाता है.
आइये अब जानते हैं की jyotish ke hisab se अवसाद कब आ सकता है :
- ज्योतिष में देखा गया है की जब जातक की कुंडली में किसी ख़राब ग्रह की महादशा या अन्तर्दशा चलती है तो जातक अवसादग्रस्त हो जाता है क्यूंकि उस समय जीवन में परेशानियां आने लगती है.
- कुंडली में ग्रहण योग के कारण भी अवसाद की अवस्था का निर्माण होता है.
- शनि साड़े साती के समय भी जातक अवसाद में चला जाता है.
- जन्म कुंडली में भाग्य भाव के कमजोर होने के कारण जातक का संघर्ष बढ़ जाता है और ये भी एक कारण हो सकता है |
- जन्म पत्रिका में अगर ज्यादा ग्रह कमजोर हो तो भी जातक को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाता अपनी मेहनत का और इसके कारण भी डिप्रेशन आने लगता है |
अतः जब भी नकारात्मक विचार बनने लगे, अवसाद घेरने लगे तो ज्योतिष से परामर्श लेना चाहिए.
आइये जानते हैं डिप्रेशन के गंभीर परिणाम क्या क्या हो सकते हैं ?
इससे नर्वस ब्रेकडाउन, अनिद्रा, दिल का दौरा, स्ट्रोक, पाचन समस्या, बालों के झड़ने की समस्या और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। तो इससे सावधान रहें।
अगर आपकी सोच नकारात्मक हो रही है तो सावधान रहें, अगर कोई आप पर हावी हो रहा है तो सतर्क रहें, जब कोई आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा हो तो शांत रहें।
हमारा जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। डिप्रेशन में रहने का मतलब है अपने जीवन को नर्क बना लेना |
आइये अब जानते हैं डिप्रेशन का समाधान क्या हो सकता है ?
जब यह पता चले कि कोई अवसाद में है तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श कर समस्याओं के वास्तविक कारणों का पता लगाना और फिर सही तरीके अपनाना बेहतर होता है। यहाँ कुछ आसान तरीके दिए जा रहे हैं जो की अपनाया जा सकता है |
- om meditation music को रोजाना कुछ समय के लिए सुनें, इससे आपको मन की नकारात्मक स्थिति से उबरने में बहुत मदद मिलेगी।
- कुछ देर ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें लेकिन मन में नहीं। om namah shivay ध्यान धुन सुनिए यहाँ |
- यदि कोई पाप ग्रह जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर रहा है तो ग्रह शांति पूजा करवाने से भी बहुत मदद मिलेगी।
- देवी-देवताओं के कवच का पाठ करना भी सहायक होता है अगर किसी नकारात्मक उर्जा के कारण जीवन ख़राब हो रहा हो ।
- अगर कोई जातक काले जादू के कारण अवसाद ग्रस्त हो गया हो तो ऐसे में विशेष उतारे और अनुष्ठान की आवश्यकता होती है जो की जानकार ही बता सकता है
- उचित रत्न धारण करके भी हम अपने जीवन को अद्भुत बना सकते हैं।
क्या आप जानते हैं की बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है?
बाइपोलर डिसऑर्डर एक अवसाद का ही प्रकार है जिसमे व्यक्ति हर्ष और अवसाद दोनों का अनुभव करता है. इसी कारण व्यक्ति का दिमाग सही निर्णय नहीं ले पाता है और वो खुद के लिए और दुसरे के लिए हानिकारक हो सकता है.ऐसे लोग उन्माद के शिकार हो जाते हैं
ऐसी अवस्था कई बार कुछ हफ्तों के लिए रह सकती है, कुछ महीनो या कुछ दिनों के लिए रह सकती है. कुछ लोगो को ऐसी अवस्था कुछ घंटो के लिए भी होती है.
दुर्भाग्य से आज के इस प्रतियोगी दौर में बहुत से लोग इस बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रस्त रहते हैं पर उन्हें पता ही नहीं रहता है. इसका कारण है क्षमता से अधिक अपेक्षा, काम का बोझ, एक दुसरे से आगे निकलने की होड़ आदि. अतः हमे इससे सावधान रहना चाहिए.
आइये अब जानते हैं बाइपोलर डिसऑर्डर के कुछ लक्षण:
ये चूँकि अवसाद का ही प्रकार है तो इसके लक्षण अवसाद जैसे ही रहते हैं.
अगर व्यक्ति को उत्साह का अनुभव हो रहा है तो वो बहुत खुश दिखेगा और मौज मस्ती करता हुआ दिखेगा.
अगर व्यक्ति को अवसाद का अनुभव हो रहा हो तो वो उत्तेजित, अलगाव से भरा हुआ, एकांत, उदास नजर आएगा.
ऐसी अवस्था के दौरान कुंडली में ख़राब ग्रहों का असर बहुत ज्यादा होने लगता है अतः ऐसे में डॉक्टर के साथ साथ ज्योतिष से भी परामर्श लेना ज्यादा अच्छा रहता है.
अवसाद के लक्षण जानिए, क्या कारण हो सकता है नकारात्मक सोच के, ९ आदते जिनसे जीवन में अवसाद आता है, बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है, जानिए कुछ ज्योतिषीय सलाह, Symptoms of depression.
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