विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् , Vishnu Stotra १ करोड़ गौ दान, १०० अश्वमेध यज्ञ, १००० कन्यादान का फल, Vishnu ji ke 28 Names. अर्जुन ने महामयावी श्री कृष्ण से पूछा की मनुष्य आपके १००० नामों का जप कब तक करेंगे । आप मुझे अपने दिव्य नाम बताएं जिसके जाप से मनुष्य को असंख्य फल प्राप्त हो सके। तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने 28 दिव्य नाम बताये जिसके जाप से कोई भी पापों से मुक्त हो सकता है, इन 28 नामो का जप रोज करने से व्यक्ति को एक करोड़ गौ दान, सौ अश्वमेध यज्ञ और एक हजार कन्यादान का फल प्राप्त होता है। अतः रोज इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए और जो रोज नहीं कर सकते हैं वे एकादशी, पूर्णिमा और अमावस्या को तो कर ही सकते हैं | Vishnurashtavinshatinam Strotram विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् आइये पाठ करते हैं दिव्य और भक्तिप्रदान करने वाले विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् का : Listen On YouTube अर्जुन उवाच किं नु नाम सहस्राणि जपते च पुनः पुनः यानि नामानि दिव्यानि तानि चाचक्ष्व केशव श्रीभगवानुवाच मत्स्यं कूर्मं वराहं च वामनं च जनार्दनम् गोविन्दं पुण्डरीकाक्षं माधवं मधुसूदनम्...
कैसे जीते अपने डर को, जानिए कुछ बेहतरीन उपाय डर से बाहर आने के लिए, कैसे जियें सफल जीवन.
भय एक अहसास है कुछ खोने का, जैसे सामाजिक स्टेटस खोने का, किसी व्यक्ति से बिछड़ने का, धन हानि का, संपत्ति खोने का, ऐशो आराम से जीने का आदि. भय के बारे में मुख्य बात ये है की ये जातक को भिखारी जैसे बना सकता है. मन से व्यक्ति गुलामो जैसे जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाता है भय के कारण और जीवन को नरक बना लेता है.
Apne Dar Ko Kaise Jeete Shaandar Jivan Jeene ke Liye |
भय एक श्राप है जो जातक के वर्तमान और भविष्य को ख़राब कर सकता है अतः इससे बाहर आना बहुत जरुरी होता है. हमेशा सचेत रहिये और किसी भी हालत में डर को अपने अन्दर घुसने मत दीजिये.
आइये देखते है की कैसे डर उत्पन्न होता है मन में ?
- जब एक पढ़ा लिखा व्यक्ति नौकरी नहीं पाता है तो डर उत्पन्न हो जाता है.
- जब किसी को अपने पसंद का जीवन साथी नहीं मिल पाता है तो डर उत्पन्न होने लगता है.
- जब व्यापार नीचे आने लगता है तो व्यक्ति नकारात्मक भावों से भर जाता है.
- कुछ लोग तो ऊँची आवाज से भी घबरा जाते हैं.
- अगर बिजली चली जाए तो भय उत्पन्न हो जाता है.
- एक ने दुल्हन को नए परिवार में जाने का डर होता है.
- कुछ लोगो को तो हर नए व्यक्ति से मिलने से भी डर लगता है.
- कुछ लोगो को यात्रा से डर लगता है.
- कुछ लोग तो बिना किसी कारण के भी भय ग्रस्त रहते हैं.
- जब काम के दौरान बॉस से टारगेट मिलता है तो भी भय उत्पन्न होने लगता है.
- कुछ लोगो को इंटरव्यू के नाम से भी भय लगता है.
अतः हम कह सकते हैं की भय कहीं भी, किसी को भी परेशान कर सकता है. इस डर में भयंकर शक्ति होती है. ये किसी को भी ख़त्म कर सकता है, ये जीवन को बर्बाद कर सकता है.
पढ़िए अपने भय, डर, चिंता से कैसे मुक्ति पायें आसानी से
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आइये जानते हैं की डर के कारण जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- लम्बे समय तक डर में रहने के कारण जातक अवसाद में जा सकता है और व्यक्ति सकारात्मक नहीं सोच पाता है.
- भय के कारण व्यक्ति अपने आपको संसार से दूर करने लगता है.
- भय के कारण जातक एकांत जीवन जीने लगता है.
- इसके कारण डरावने सपने भी आने लगते हैं.
- डर के कारण व्यक्ति अन्धकार में प्रवेश कर जाता है और हार का सामना करता है.
- भय और चिंता के कारण व्यक्तिगत जीवन, कामकाजी जीवन, सामाजिक जीवन अस्तव्यस्त हो जाता है.
- कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक बीमारियाँ घेरने लगती है.
आइये जानते है की ज्योतिष क्या कहता है डर के विषय में:
ज्योतिष में भय के बहुत से कारण पता चलते हैं जो की आगे बताये जा रहे हैं –
- जब भी कोई शत्रु ग्रह महादशा या अंतर दाशा में आ जाए तो जातक के अन्दर भय उत्पन्न होने लगता है.
- अगर कुंडली में कालसर्प मजबूत हो तो भी जातक भय से जूझने लगता है और जीवन भर भयभीत रहता है.
- कुंडली में ग्रहण योग भी भय को उत्पन्न कर सकता है.
- कुंडली में कमजोर ग्रह भी डर को उत्पन्न करते हैं.
- नकारात्मक उर्जा के प्रभाव के कारण भी कोई व्यक्ति भय से ग्रस्त हो सकता है.
अतः भय के बहुत से कारण हो सकते हैं पर जरुरी ये है की भय से जल्द से जल्द मुक्ति पाया जाए जिससे जीवन में सफलता प्राप्त करने की गति को बढ़ाया जा सके अन्यथा जीवन से शांति, सम्पन्नता, स्वास्थ्य जाने लगता है.
क्या करे जब भय उत्पन्न होने लगे मन में ?
- सबसे पहले डर के कारण का पता लगाए इमानदारी से और उसे हटाने का प्रयास करे शांति से. इसके लिए आप अपने से बड़ो से बात कर सकते हैं, दोस्तों से बात कर सकते हैं. अगर फिर भी रहत न मिले तो ज्योतिष या साइकेट्रिस्ट से परामर्श लेना चाहिए.
- अगर ज्योतिष किसी कर्मकांड करने की सलाह दे तो उसे करना चाहिए.
- सही रत्न धारण करके भी जीवन को भयमुक्त किया जा सकता है.
- उचित मन्त्र जप करके भी जीवन को सफल किया जा सकता है.
- गहरा ध्यान करके भी भय से बाहर आया जा सकता है.
कैसे जीते अपने डर को, जानिए कुछ बेहतरीन उपाय डर से बाहर आने के लिए, कैसे जियें सफल जीवन.
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