Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal, शुक्र कुम्भ राशि में कब जायेंगे 2024 में, 12 राशियों पर शुक्र के गोचर का असर क्या होगा ?| Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal: विलासिता, ऐशोआराम, आकर्षण शक्ति, प्रेम, रोमांस का कारक ग्रह शुक्र 28 December 2024 शनिवार को रात्रि में लगभग 11:28 बजे अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं और कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे जो की शुक्र की मित्र राशि है अतः इसके बहुत शुभ परिणाम हमे देखने को मिलेंगे | Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal Read In English About Venus Transit In Aquarius आइये जानते हैं शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर का राशिफल : शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि वालो के जीवन में क्या बदलाव हो सकते हैं : 28 December 2024 को शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो की इच्छाएं पूरी होंगी परन्तु संघर्षो के बाद | मेष राशि के प्रेमियों के लिए भी समय कुछ उलझन भरा रह सकता है | विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वालो को सफलता मिलने के योग मजबूत होंगे | यात्रा के योग भी बढ़ेंगे और अगर आप...
Pitra Moksha Amavasya 2024 Date, पितृ मोक्ष अमावस्या का महत्तव, क्या है सर्वपितर अमावस्या, कैसे प्राप्त करे पितरों की कृपा, श्राद्ध अमवस्या की तारीख क्या है 2024 में .
Pitra Moksha Amavasya 2024: हर साल हिन्दू लोग 16 दिन तक विशेष पूजा पाठ करते हैं अपने पितरो की कृपा प्राप्त करने के लिए, ये सोलह दिन श्राद्ध पक्ष कहलाते हैं, पितर पक्ष कहलाते हैं , कुछ जगह पर इसे महालय भी कहते हैं. भारतीय संतो ने ये दिन निकाले थे जिससे की लोग अपने जीवन को सुखमय कर सके और अपने साथ साथ अपने पूर्वजो का कल्याण भी कर सके.
सन 2024 में 2 october बुधवार को श्राद्ध अमवस्या का दिन होगा | अमावस्या तिथि 1 october को रात्री में लगभग 9:42 पे शुरू होगी और 3 october को रात्री में लगभग 12:20 AM तक रहेगी |
वास्तव में ये हमारा कर्त्तव्य है की हम अपने पूर्वजो को पितरो को समय समय पर याद करे और उनकी कृपा के लिए उनका धन्यवाद दे. क्यूंकि हम इस सुन्दर धरती पर अगर है तो उनके कारण. हिन्दू शाश्त्रो में पितरो को पूजने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं जिससे की लोग सुखी और संपन्न जीवन जी सके. हिन्दू पंचांग के हिसाब से आश्विन माह में ये सोलह दिन आते हैं जब लोगो को विशेष रूप से पितरो के निमित पूजा पाठ, दान , तर्पण आदि करना चाहिए.
ऐसा विश्वास किया जाता है की जो भी हम दान- पुण्य पितरो के नाम से करते हैं वो उनको प्राप्त होता है और बदले में वो हमे आशीष प्रदान करते हैं.
श्राद्ध पक्ष का आखरी दिन अमावस्या से होता है जिसे की “पितृ मोक्ष अमावस्या” के नाम से भी जानते हैं . इस दिन सभी लोग सभी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना, दान, पूजा-पाठ आदि कर सकते हैं.
अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार के किसी दिवंगत सदस्य का तिथि नहीं जनता है तो भी पितृ मोक्ष अमावस्या को वो उसके लिए श्राद्ध कर सकता है.
पितृ पक्ष में श्राद्ध का महत्तव:
हमारे शास्त्रों के हिसाब से सभी को अपने कर्मो का फल तो भोगना ही है और शरीर छोड़ने के पश्चात सभी को कर्मो के अनुसार फल प्राप्त होता है. दूसरी और ये भी सत्य है की जो भी हम दान पुण्य अपने पितरो के मुक्ति और कल्याण हेतु करते हैं उससे भी उनको गति मिलती है और वो आगे बढ़ते है और उनकी मुक्ति के रास्ते खुलते हैं. हमारे शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में किया गया दान पुण्य जरुर से उनको प्राप्त होता है.
ऐसी भी मान्यता है की पितृ पक्ष में दिवंगत आत्माए अपने अपने घरो में आते हैं सूक्ष्म शरीर से और आशीर्वाद प्रदान करते हैं. अतः श्राद्ध पक्ष में उनके निमित्त पूजा पाठ, पिंड दान, तर्पण आदि प्रयोग करना चाहिए.
Read in English Significance of Pitru Moksh Amavasya in english,
पितृ मोक्ष अमावस्या का ज्योतिषीय महत्तव:
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में अगर पितृ दोष हो तो व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो पाता या फिर उसे सफलता के लिए बहुत संघर्ष करना होता है, अतः ये जरुरी है की पितृ दोष का निवारण करे और इसके लिए पितृ मोक्ष अमावस्या से अच्छा दिन और कोई नहीं हो सकता. इस दिन पितृ दोष निवारण की पूजा करवा के या करके पितरो से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए.
यही नही पितृ मोक्ष अमावस्या में और भी पूजाए की जा सकती है -
- अगर कुंडली में ग्रहण योग हो तो भी इस दिन पूजा करके संकटों को दूर किया जा सकता है.
- अगर कुंडली में कालसर्प योग हो तो भी महालय की अमावस्या शुभता ला सकती है.
- अगर सूर्य और चन्द्र दोनों ही खराब हो कुंडली में तो भी व्यक्ति इस दिन पूजा पाठ कर सकता है और ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर कर सकता है.
- अगर राहू कुंडली में ख़राब हो तो भी सर्व पितृ अमावस्या को इसकी शांति के लिए पूजा पाठ कर सकते हैं.
- अगर शनि परेशान कर रहा है तो भी इस अमावस्या को पूजा पाठ करके जीवन को सुखी किया जा सकता है.
आइये जानते हैं 2 October 2024 pitru moksh amavasya को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- सूर्य और बुध एक साथ रहेंगे और बुधादित्य राजयोग बनाएंगे जो सभी के लिए बहुत अच्छा है।
- शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में रहेंगे जो सभी को कुंडली में विभिन्न दोषों से उबरने के लिए अनुष्ठान करने में मदद करेगा।
- चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे |
- मंगल शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे |
- बुध अपने उच्च राशि कन्या में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे |
- शुक्र अपने ही राशि तुला में रहेंगे |
- राहू और केतु मित्र राशि में रहेंगे |
- गोचर कुंडली में केतु के साथ सूर्य और चन्द्रमा रहने से सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण योग भी बना रहेगा |
आइये जानते हैं की सर्व पितृ अमावस्या को किस प्रकार से हम अपने पितरो को प्रसन्न कर सकते हैं ?
- इस दिन पिंड दान करके हम अपने पितरो का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
- पितृ मोक्ष अमावस्या को हम तर्पण करके दिवंगत आत्माओं को प्रसन्न कर सकते हैं.
- इस दिन हवन करके भी पितरो को भोग दिया जा सकता है.
- अमावस्या को भोजन, कपडे, धन आदि का दान पितरो के नाम से करके भी पुण्य कमाया जा सकता है. पढ़िए कुछ टोटके |
- इस दिन पंचबली अवश्य निकालना चाहिए अर्थात गाय, कुत्ते, चींटी कौवे और देवी देवताओं के लिए भोग निकलना चाहिए |
- घर के बड़े बुजुर्गो को कुछ उपहार देना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए |
- अगर कोई किसी गंभीर समस्या से ग्रस्त हो तो ऐसे में शमशान में मौजूद पीपल के पेड़ की पूजा करे, भोग और दीपक अर्पित करके 8 परिक्रमा लगाये और अपने सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करे |
- पितरो की उन्नति और सद्गति के लिए आप रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं |
- वास्तु के दक्षिण-पश्चिम कोने में केसर की धुप भी अमावस्या को देना चाहिए |
- काले जादू से बचाव के लिए भी श्राद्ध अमवस्या को होती है |
अतः किसी भी हालत में सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या को भूलिए मत. अगर आप सही मायने में अपने संकतो से मुक्त होना चाहते हैं तो पितरो को जरुर पुजिये और उनका आशीर्वाद लीजिये सुखी और संपन्न जीवन के लिए. महालय में किया गया आपका दान , पूजा पाठ जरुर आपको शुभ परिणाम देगा.
सभी अपने पितरो की कृपा प्राप्त करे यही शुभ कामना
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