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Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning

Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति.  आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है.  Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.  Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में  Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...

Dhanteras Ki Pooja Ka Asan Tarika, धनतेरस पूजा

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Dhanteras 2024: कार्तिक का महिना वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बहुत महत्तव रखता है, इस महीने में बहुत से महत्त्वपूर्ण त्यौहार आते हैं और साधना के लिए भी ये उपयुक्त समय होता है. कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष के तेरहवे दिन धन तेरस नाम का त्यौहार भारत में मनाया जाता है. ये पूजा दिवाली के २ दिन पहले होती है.

2024 में तेरस 29 October मंगलवार को है, तेरस तिथि 29 तारीख को सुबह लगभग 10:33 पे शुरू होगी और 30 october 2024 को दोपहर में  लगभग 1:16 तक रहेगी  |

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धन तेरस के दिन महत्त्वपूर्ण चीजे खरीदने का रिवाज है, सोना- चांदी के जेवर आदि खरीदने का रिवाज है. वास्तव में धन तेरस के दिन से आने वाले पांच दिन बहुत ही महत्त्वपूर्ण होते हैं. इसके ठीक दूसरे दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है जिस दिन लोग विशेष तौर पर सफाई करके माँ लक्ष्मी को आमंत्रित करते हैं. नरक चतुर्दशी के बाद दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है, उसके बाद गोवेर्धन पूजा होती है और उसके बाद भाई दोज मनाया जाता है. अतः धन तेरस के दिन से लोग व्यस्त हो जाते हैं विभिन्न प्रकार के कर्म कांडो में.
धन तेरस के दिन साधारणतः लोग घर में उपयोग में आने वाले बर्तन, सोना चांदी के जेवर, आदि खरीदते हैं. एक और परंपरा के अनुसार इस दिन धन के राजा कुबेर की पूजा होती है, यमराज की पूजा भी होती है महालक्ष्मी जी के साथ. 
धनतेरस की शाम को यमराज के नाम से दीप दान किया जाता है. पढ़िए दिवाली पूजा का आसान तरीका.


आइये अब जानते हैं की किस प्रकार से आसानी से हम धन तेरस की पूजा कर सकते हैं ?

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  • धन तेरस के दिन शुभ महूरत में एक कलश में 5 सुपारी, 1 चांदी का सिक्का, दुर्बा घास , हल्दी का टुकड़ा, 9 रत्न, डाल के रखना चाहिए फिर उस पर एक प्लेट में चावल भर के कलश के ऊपर रखे और उस पर एक श्रीफल रखे. 
  • इस प्रकार से कलश स्थापना के बाद कलश की पंचोपचार पूजा करे और उसके बाद देवी और देवता से प्रार्थना करे की आपको आशीर्वाद दे. 
  • दीप दान के बाद भोग या नैवेद्य भी अर्पित करे. 
  • शाम को यमराज(मृत्यु के देवता) के नाम से 14 दीप दान करे और यम स्त्रोत या फिर कोई भी यम देवता के मंत्र का पाठ करे जैसे "ॐ यमाय नमः ". दीपक में एक चुटकी चावल, हल्दी, चीनी, १ कौड़ी रखे |
  • इसी दिन से श्री यन्त्र की पूजा करना भी शुभ होता है, अपने सामर्थ्य के अनुसार आप भोज पत्र, चांदी या सोने में बने श्री यन्त्र की स्थापना कर सकते हैं. 
ये भी जरुरी है की हम अपनी पूजा, पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से करे और पवित्रता बनाए रखे जिससे की कुबेर, यमराज और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके. पढ़िए दिवाली तंत्र के बारे में.

अतः मन से पूजा करे और भगवान् की कृपा प्राप्त करे.

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धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में धनतेरस का पर्व 29 October Mangalwar को मनाया जाएगा। इस दिन लोग चांदी, सोने और रसोई के लिए बर्तन और अन्य सामान खरीदने की परंपरा है। इस दिन भगवान गणेश, महालक्ष्मी के साथ साथ धन्वंतरि देव की पूजा का भी प्रावधान है।

आइए जानते हैं धनतेरस पर क्या करें ?

Yam-deepak  : Dhanteras को अकाल मृत्यु से बचने के लिए यमराज के नाम पे घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपक कहा जाता है |

पौराणिक कथाओं के अनुसार धनतेरस के दिन हई समुद्र मंथन से वैद्य धन्वंतरि हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए उनकी भी पूजा की जाती है । Dhanteras 2024

धनतेरस को भगवान कुबेर की पूजा होती है जो की धन के अधिपति हैं। मान्यता है जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से भगवान कुबेर की पूजा करता है dhanteras को उसके घर में कभी धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है। कुबेर देव की पूजा के समय सदैव इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उनकी पूजा प्रदोष काल में ही करें।

आइये जानते हैं किन मंत्रो का जाप कर सकते हैं धनतेरस को ?

Dhanteras mantr बहुत शक्तिशाली है। इस दिन मंत्र का जाप करने से जातक को स्वास्थ्य प्राप्त होता है, दीर्घायु प्राप्त होता है, धन सम्बन्धी परेशानियों से छुटकारा मिलता है | 

Dhanvantari Gayatri Mantra -
|| ॐ वासुदेवाय विद्महे सुधाहस्ताय धीमहि तन्नो धन्वन्तरिः प्रचोदयात् ||


|| ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: 
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय 
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप 
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ||


Dhanwantri ke any mantra: 
|| ॐ धन्वंतराय  नमः ||

Dhanteras ke liye Kuber Mantra: 
|| ऊं ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः ||
|| ॐ धनकुबेराय नमः, ऊं वित्तेश्वराय नमः ||
|| ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः ||
|| ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा  ||


Dhanteras ke liye laxmi mantra :
|| ॐ श्रीं श्रिये नमः ||


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