Holashtak 2025 कब से है?, भारत में 2025 में होलाष्टक कब शुरू होता है?, क्या करें, निषिद्ध कार्य, होलाष्टक 2025 प्रारंभ और समाप्ति तिथि, what is holastak. Holashtak 2025: होलाष्टक होली उत्सव के 8 दिन पहले यानी रंगों के त्योहार से पहले शुरू हो जाता है और अध्यात्मिक के साथ तंत्र साधना करने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यदि कोई अपने जीवन में स्वास्थ्य, धन, शत्रु आदि के कारण पीड़ित है तो इन दिनों में पूजा करना अच्छा होता है। Holastak kya hota hai jyotish anusar Read in english about what is HOLASTAK? होलाष्टक क्या है? हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलिका दहन तक 8 दिनों को होलाष्टक के नाम से जाना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार होलाष्टक के 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश,नए कार्यो की शुरुआत आदि | होलाष्टक रंग के त्योहार के आगमन का प्रतिनिधित्व करता है। होलिका दहन के साथ होलाष्टक का समापन होता है । Holashtak 2025 Watch Video Here इस साल 2025 में 7 मार्च शुक्रवार से शुरू होगा holashta...
Parad kya hota hai, kya fayde hote hain parad shivling ke pooja ke|
एक ऐसा धातु जो जीवन में सफलता को आकर्षित करता है, एक ऐसा धातु जो जीवन में मौजूद बाधाओं को हटाने में मदद करता है, जिसके बने शिवलिंग, श्री यन्त्र आदि की पूजा से पुण्य अर्जित होता है, वो चमत्कारी धातु है पारद. शाश्त्रो के हिसाब से भी पारद को बहुत पवित्र माना जाता है.
पारद को अंग्रेजी में मरकरी कहते हैं और इसका चिकित्सा क्षेत्र के साथ साथ ज्योतिष में भी प्रयोग किया जाता है. ज्योतिष इससे बने पदार्थो को रखने और पूजने की सलाह देते हैं. नवग्रह दोषों को दूर करने का भी इसमें जबरदस्त शक्ति है.
इस लेख में आपको इस पवित्र और शक्तिशाली धातु की जानकारी दी जा रही है और साथ ही ये भी बताया जा रहा है की आप कहा से इसे खरीद सकते हैं.
क्या है पारद?
- ये एक मात्र धातु है जो की द्रव्य रूप मे पाया जाता है इसी कारण इसे मेटलोइड भी कहा जाता है अर्थात धातु के रूप रंग का एक अधातु पदार्थ. ये लोगो का अनुभव भी है और शास्त्रों में भी लिखा है की पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से अनन्य कोटि फल की प्राप्ति होती है.
- धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति हेतु पारद शिवलिंग की पूजा श्रेष्ठ मानी गई है. इसकी आराधना से रोगों और ग्रह दोषों की भी शान्ति होती है.
- हम घर के मंदिर में पारद से बने भगवान् की मूर्तियाँ रख सकते हैं.
- ऑफिस, दूकान में भी पारद से बने यंत्रो को रखके सकारात्मक उर्जा को बढ़ाया जा सकता है.
जानिए पारद की एक दुर्लभ शक्ति के बारे में :
ये सुनने में अजीब लगेगा परन्तु सत्य है और आप करके भी देख सकते हैं. पारद को अगर सोने , चांदी के साथ रखा जाए तो वो उसे खा जाता है. अगर आप सोने के साथ पारद को रख दे तो कुछ दिनों पाद सोना गायब हो जायेगा और आपको पता भी नहीं चलेगा की गया कहाँ.
चेतावनी:
पारद को कभी भी खाया नहीं जाता है अतः इसे बच्चो की पहुच से दूर रखे.
आइये जानते हैं पारद के प्रयोग:
- थर्मामीटर में इसका स्तेमाल लम्बे समय से होता आया है.
- रोगों की चिकित्सा में इसका प्रयोग होता आया है.
- इसके द्वारा शिवलिंग का निर्माण होता है जिसकी पूजा का बहुत अधिक महत्त्व है.
- वास्तु दोषों को भी पारद दूर करता है.
- घर में सुख , शान्ति, सम्पन्नता को लाने में इसका बहुत योगदान होता है.
ख़रीदे ओरिजिनल पारद शिवलिंग
Parad kya hota hai, जानिए ज्योतिष मे पारद के बारे में, मरकरी का धार्मिक महत्त्व, क्यों पारद से बने शिवलिंग, श्री यन्त्र की पूजा करने की सलाह दी जाती है.
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