February Grah Gochar 2025, february planetary transit 2025, कौन से ग्रह बदलेंगे राशि फ़रवरी 2025 में, 12 राशियों पर क्या असर होगा ग्रहों के राशी परिवर्तन का, February horoscope 2025. February 2025 Grah Gochar : फरवरी २०२५ में गोचर कुंडली में बहुत महत्त्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं जिसका असर हमे सभी तरफ देखने को मिलेगा | वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस महीने शनि के नक्षत्र का चरण बदलेगा, गुरु मार्गी होंगे, बुध का 2 बार राशि परिवर्तन होगा, सूर्य ग्रह राशि बदलेंगे और मंगल भी मार्गी होंगे | हर महीने गोचर कुंडली में कुछ बड़े बदलाव होते हैं जिसके कारण देश और दुनिया में राजनिति में, मौसम में, प्रेम जीवन में, कारोबार में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं | आज के इस लेख में हम जानेंगे फ़रवरी 2025 का ग्रह गोचर और उसका असर 12 राशियों पर || February 2024 mai kaun se grah badlenge raashi Watch Video Here आइये जानते हैं की फ़रवरी 2025 में गोचर कुंडली में क्या बदलाव होंगे ?: 2 फरवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर शनि पूर्वा भाद्रपद न...
शट्तिला एकादशी का ज्योतिष महत्त्व, kya kare sattila ekadashi ko safalta ke liye, शट्तिला एकादशी vrat kaise kare.
Shattila Ekadashi Ka Jyotish Mahattw |
हर वर्ष हिन्दू पंचांग के हिसाब से जब माग महिना आता है तो उसके कृष्ण पक्ष के ग्यारस को “शट्तिला एकादशी” की पूजा की जाती है. ये अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण दिन होता है भगवान् की कृपा प्रपात करने के लिए.
2018 में १२ जनवरी शुक्रवार को षट्तिला एकादशी आ रही है.
एकादशी पर विशेष कर भगवान् विष्णु की पूजा होती है और शट्तिला एकादशी वासुदेव को प्रसन्न करने का विशेष दिन है.
Shat tila Ekadashi Ka Mahattw:
- इस एकादशी को तिल के तेलों से शारीर की मालिश करने से शारीर निरोगी होता है.
- शट्तिला एकादशी को तिल के उबटन लगाकर धोने से सुन्दरता बढ़ती है.
- इस दिन काले तिलों का दान करने से विशेष लाभ होता है. इससे पापो से मुक्ति मिलती है.
- तिल से बने पदार्थो को खाने का भी विशेष लाभ होता है.
- इस दिन तिल से हवन करने से भी विशेष लाभ होता है.
- इस दिन भगवान् विष्णु को विभिन्न प्रकार के तिलों से बने भोग अर्पित करने चाहिए और भक्तो में बांटना भी चाहिए.
- शट्तिला एकादशी को भगवान् विष्णु की भक्ति करने और दीप दान करने से अनंत कोटि लाभ होता है. विभिन्न प्रकार के दोषों का परिहार होता है और सुखो की प्राप्ति होती है.
- शास्त्रों में षट्तिला एकादशी के महत्त्व को बताते हुए कहा गया है की इस दिन एकादशी का व्रत करने वाले भक्त को दरिद्रता और कष्टों से मुक्ति मिलती है और बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
अगर दरिद्रता परेशान कर रही है तो षट्तिला एकादशी को निम्न प्रयोग करके जीवन को सफल बनाया जा सकता है:
- प्रातः काल ब्रह्म महूरत में उठके तिल के तेल से मालिश करके तिल मिश्रित जल से स्नान करे.
- भगवान् विष्णु की पूजा करके उन्हें तिल से बने पकवान का भोग लगाएं.
- तिलों से हवन करे भगवान् विष्णु के मंत्रो के साथ.
- तिल से बने पकवान ग्रहण करे और तिल के पानी का सेवन करे.
- तिल का दान
- इसी के साथ पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक लगा के तिल का भोग लगा के उसकी परिक्रमा करे और अपने सफल जीवन के लिए प्रार्थना करे.
- षट्तिला एकादशी को पुरे दिन रात भगवान् विष्णु के मंत्र का जप करना बहुत शुभ फल देता है “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”.
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Read in english about Shattila Ekadashi Significance
शट्तिला एकादशी का ज्योतिष महत्त्व, kya kare sattila ekadashi ko safalta ke liye, शट्तिला एकादशी vrat kaise kare.
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