Mahashivratri kab hai 2025 mai, क्या करे शिवरात्रि को, कैसे कर सकते है शिव पूजा, किस प्रकार की पूजाए संभव है शिवरात्रि मे, समस्याओं का समाधान महाशिवरात्रि मे. Mahashivratri 2025: हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार शिवरात्रि एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण रात्रि होती है, साधनाओ को करने हेतु महाशिवरात्रि एक शक्तिशाली रात्रि मानी गई है. भौतिक इच्छाओं को पूरी करना हो या फिर अध्यात्मिक, शिवरात्रि बहुत महत्तवपूर्ण समय होता है अनुष्ठानो को करने के लिए | ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि की दिव्य रात्रि में की गई पूजा से हजारो वर्षों की पूजा का फल मिलता है | इस साल २०२५ में शिवरात्रि को महाकुम्भ का स्नान भी होगा | सन 2025 में महाशिवरात्रि 26 फ़रवरी बुधवार को है, चतुर्दशी तिथि 26 तारीख को दिन में लगभग 11:10 बजे से शुरू हो जायेगी और 27 तारीख को सुबह लगभग 8:56 बजे तक रहेगी | Shivratri Ko Kya Kare Jyotish Ke Hisab Se यह दिव्य रात्रि पुरुष, स्त्री, प्रेमी, रोगी सभी के लिए उपयोगी है क्योंकि शिवरात्रि को हम अपनी किसी भी मनोकामना के लिए अनुष्ठान कर सकते हैं। शिवरात्रि की रात पूजा और ध्यान करने से पाप...
ज्योतिष ग्रहों, नक्षत्रो और खगोलीय घटनाओं के अध्ययन का विज्ञान है. हमारे जन्म पत्रिका में 9 ग्रह जिनमे सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु है अलग अलग भावो में बैठे रहते हैं, ज्योतिष का काम है इनके स्थिति, शक्ति, दृष्टी आदि का अध्ययन करके भविष्यवाणी करे. हर व्यक्ति की कुंडली एक दुसरे से भिन्न होती है और इसी के आधार पर उसके रंग, रूप, बोल चाल, व्यक्तित्त्व आदि में भिन्नता आती है.
हर व्यक्ति की अपनी एक सोच होती है, व्यवहार होता है. इसका कारण ये है की हर व्यक्ति के ऊपर ग्रहों का प्रभाव अलग हुआ है. ये सब कुंडली/जन्मपत्रिका के गहराई से अध्ययन से पता चलता है.
पृथ्वी घूम रहा है, सूर्य भी चल रहा है, हर ग्रह अपनी गति से चल रहा है लगातार और इसी बदलाव का असर लोगो के जीवन पर भी पड़ता है. इसी कारण जब ग्रह दशाये बदलती है तो व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव देखा जाता है. इस बात का पता ज्योतिष से लगाया जाता है.
>जब कुंडली या जन्म पत्रिका का गहराई से अध्ययन होता है तो 5 बातो का ध्यान ज्योतिष रखते हैं:
- ग्रह कौन से भाव में बैठे है.
- ग्रहों की बल कैसा है.
- कुंडली में भावो की स्थिति कैसी है.
- वर्तमान में कौन से ग्रहों की दशा चल रही है.
- कौन से ग्रह अपनी जगहों को बदल रहे हैं.
जानिए वैदिक ज्योतिष से अपने बारे में गहराई से.
पाइए बेस्ट ज्योतिषीय मार्गदर्शन jyotishsansar.com से.
>बारीक़ ज्योतिषी अध्ययन के लिए ज्योतिष अलग अलग प्रकार के कुंडलियो का अध्ययन भी करते हैं जैसे :
- लग्न कुंडली – ये मुख्या कुंडली है जिससे जातक के रूप, रंग, व्यवहार, शक्ति, कमजोरी आदि को जाना जाता है.
- नवमांश कुंडली – इसका अध्ययन साधारणतः जातक के व्यक्तिगत जीवन, वैवाहिक जीवन, सुख को जानने के लिए किया जाता है.
- दशमांश कुंडली – ये कुंडली जातक के कर्म से सम्बन्ध रखता है, कामकाजी जीवन को बताता है.
जीवन के बारे में गहराई से जानने के लिए कुंडली का बारीकी से अध्ययन जरुरी है. सही और सटीक भविष्यवाणी के लिए कुंडली को बहुत बारीकी से देखा जाता है.
आप सही जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान बता के ज्योतिष से सही मार्गदर्शन पा सकते हैं.
सही जन्म की जानकारी से निश्चित ही एक अच्छा ज्योतिष सटीक भविष्यवाणी कर सकता है.
कुंडली का सही विश्लेषण से जीवन में बहुत से महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिलती है. इसके द्वारा हम काम-काजी जीवन, व्यापार, पढ़ाई, विवाह, संबंधो के बारे में सही निर्णय ले सकते हैं.
यहाँ ज्योतिष खुद ही कुंडली बना के व्यक्तिगत रूप से कुंडली का अध्ययन करके मर्दर्शन देते है जिसमे अनुभव और ज्योतिष ज्ञान का पूरा प्रयोग होता है.
- पाइए अपने कुंडली का विश्लेषण विश्वसनीय ज्योतिष से ईमेल के द्वारा.
- अपने हुनर को निखारिये ज्योतिष के प्रयोग से.
- अपने जीवन को सफल बनाए ज्योतिष मार्गदर्शन से
- आप रिपोर्ट हिंदी या english में पा सकते हैं.
- आप अपने लिए भाग्यशाली रत्न के बारे में जान सकते हैं, भाग्यशाली यन्त्र को जान सकते हैं, सही दान की जानकारी पा सकते हैं, सही पूजा को जान सकते हैं.
- वैदिक ज्योतिष सिर्फ भारत में ही नहीं बल्दी दुसरे देशो में भी बहुत प्रसिद्द है जैसे अमेरिका, यू.एस., कनाडा, दुबई, रूस, चाइना, दुबई, चाइना, आदि.
विश्वसनीय ज्योतिष सलाह के लिए जुड़े रहिये www.jyotishsansar.com से.
Kundli Ka Gahraai Se Adhyan, kaise hota hai kundli ka deep analysis, best jyotish for kundli reading in hindi.
Comments
Post a Comment