Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal

Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal, शुक्र कुम्भ राशि में कब जायेंगे 2024 में,  12 राशियों पर शुक्र के गोचर का असर क्या होगा ?| Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal: विलासिता, ऐशोआराम, आकर्षण शक्ति, प्रेम, रोमांस का कारक ग्रह शुक्र 28 December 2024 शनिवार को रात्रि में लगभग 11:28 बजे अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं और कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे जो की शुक्र की मित्र राशि है अतः इसके बहुत शुभ परिणाम हमे देखने को मिलेंगे |  Shukra Ka Kumbh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal Read In English About Venus Transit In Aquarius आइये जानते हैं शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर का राशिफल : शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि वालो के जीवन में क्या बदलाव हो सकते हैं : 28 December 2024  को शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो की इच्छाएं पूरी होंगी परन्तु संघर्षो के बाद | मेष राशि के प्रेमियों के लिए भी समय कुछ उलझन भरा रह सकता है | विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वालो को सफलता मिलने के योग मजबूत होंगे | यात्रा के योग भी बढ़ेंगे और अगर आप...

Jivika Sadhan Aur Jyotish

ज्योतिष से जानें जीविका के रहस्य, क्या होगा जीविका क्षेत्र, ज्योतिष की राय: जानें, किस रोजगार में भाग्य देगा साथ, आईये जाने जीविका प्राप्ति के योग ज्योतिष.
100% hindi jyotish for rojgar
Jivika Sadhan Aur Jyotish

कुंडली में भाव अनुसार रोजगार जानिए ज्योतिष में:

जीविका साधन का जीवन में बहुत महत्त्व है, सही जीविका मिल जाए तो जीवन आसान हो जाता है परन्तु गलत जीविका चुनने से कई परेशानियाँ जीवन में आने लगती है और सही सफलता भी नहीं मिल पाती है. ज्योतिष में कुंडली के ग्रहों को देखके सही रोजगार को चुनने में सहायता मिलती है. इस लेख में हम देखेंगे की ज्योतिष में रोजगार को कैसे जाना जा सकता है विभिन्न तरीको से. 

आइये देखते हैं की कुंडली का दसवां भाव से रोजगार या जीविका को कैसे जाना जा सकता है:

  1. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी लग्न में बैठे तो जातक कड़ी मेहनत करने में सक्षम होता है और खुद की मेहनत से जीवन में सफलता प्राप्त करता है. ऐसे लोग व्यापार चला के सफल जीवन व्यतीत कर सकते हैं. 
  2. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के दुसरे घर में बैठे तो जातक भाग्यवान होता है और वो किसी भी साधन को चुनके सफलता प्राप्त कर सकता है. ऐसे में ये भी देखा गया है की जातक पारिवारिक रोजगार को ही अपनाता है जीवन जीता है. ऐसे में उसके लिए जीवन आसान हो जाता है. 
  3. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के तीसरे भाव में बैठे तो जातक को अपने भाई या बहन से मदद मिलती है जीविका को अपनाने में. ऐसे जातक अच्छे वक्ता और घुमने के शौक़ीन भी होते हैं. 
  4. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी चोथे भाव में बैठे तो जातक बहुत भाग्यशाली होता है, नाम, यश, ख्याति आसानी से हासिल कर लेता है. ऐसे लोग राजनीति, खेती, जमीन के कार्य, वाहन से जुड़े व्यापार आदि में सफल देखे जाते हैं ज्योतिष के हिसाब से. 
  5. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी पांचवे भाव में बैठे तो जातक सट्टे बाजी में सफल हो सकते हैं, इन लोगो के लिए शेयर मार्किट, ट्रेडिंग का कार्य, वित्तीय सम्बन्धी कार्य सफलता के दरवाजे खोल सकते हैं. 
  6. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के छठे भाव में बैठे तो जातक चिकित्सा सम्बन्धी कार्य, न्याय सम्बन्धी कार्यो में रोजगार प्राप्त करके सफल जीवन जी सकता है. ऐसे लोगो के लिए व्यापार ठीक नहीं होता है, ऐसे लोगो को नौकरी करना चाहिए. 
  7. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के सातवें भाव में बैठे तो जातक साझेदारी में कार्य करके लाभ ले सकता है. ऐसे जातक का विवाह बाद भाग्योदय होता है और विदेश जाने के योग भी बनते हैं. 
  8. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के आठवे भाव में बैठे तो जातक को थोड़ी कठिनाई आती है रोजगार में, बाधाओं के साथ जीवन में आगे बढ़ना होता है. जीवन में सफलता के लिए बहुत मेहनत करना होती है. 
  9. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के नवें भाव में बैठे तो जातक एक अच्छा सलाहकार बन सकता है, ऐसे जातक अध्यात्मिक जीवन में भी काफी आगे बढ़ पाते हैं और कई बार अध्यात्मिक कार्यो को करके जीवन व्यापन करते हैं. 
  10. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के दसवें भाव में बैठे तो जातक अपना खुद का कोई कार्य करके अपार सफलता प्राप्त करता है. 
  11. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के ग्यारहवें भाव में बैठे तो जातक बड़ा कारखाना डालने की योग्यता रखता है और अपने ज्ञान और कर्म के द्वारा काफी ख्याति अर्जित करता है. 
  12. जब कुंडली के दसवे भाव का स्वामी कुंडली के बारहवें भाव में बैठे तो जातक को जीवन में कुछ परेशानियों के साथ आगे बढ़ना होता है. बदकिस्मती कई बार बनते कार्यो को बिगाड़ देता हैं परन्तु जातक अपनी कड़ी मेहनत से अपना जीवन बदलने में सक्षम होता है. 
ज्योतिष से जानिए कौन सा रोजगार और जीविका में आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं. कैसे पा सकते हैं अपार सफलता जीवन में ज्योतिष के हिसाब से, कौन सी पूजा आपके लिए शुभ है, कौन सा रत्न आपके सफलता के द्वार खोलेगी.
ज्योतिष से जानें जीविका के रहस्य, क्या होगा जीविका क्षेत्र, ज्योतिष की राय: जानें, किस रोजगार में भाग्य देगा साथ, आईये जाने जीविका प्राप्ति के योग ज्योतिष.


आइये अब जानते हैं जीविका के साधन के बारे में कुंडली के विभिन्न भावों के अनुसार:

कुंडली का हर घर अलग अलग कार्यो से जुड़ा है, जीविका या फिर रोजगार को चुनने से पहले ज्योतिष में भावो का अध्ययन भी किया जाता है. 
  1. कुंडली का पहला घर : इस घर को लग्न भी कहते हैं और इस घर के स्वामी की स्थिति और स्थान के अनुसार जीवन में बहुत कुछ घटित होता है. ये भाव हमारे दिमाग से सम्बन्ध रखता है अतः अगर लग्नेश शक्तिशाली हो तो जातक को व्यापारी बना सकता है, सफल राजनीतिज्ञ बना सकता है, सलाहकार बना सकता है, गुरु बना सकता है. 
  2. कुंडली का दूसरा घर : ये भाव लाभ भाव भी कहलाता है और अगर इस घर का स्वामी अच्छी स्थिति में हो तो जातक एकाउंटिंग, निवेश, बैंकिंग, लेखक आदि के क्षेत्र में जाके सफल रोजगार प्राप्त कर सकते हैं. 
  3. कुंडली का तीसरा घर और जीविका: ज्योतिष के हिसाब से अगर कुंडली का तीसरा घर शक्तिशाली हो तो जातक रचनात्मक होता है और ऐसे ही कार्यो में सफल होता है जैसे कला, सेल्स, विज्ञापन, आदि. 
  4. कुंडली का चौथा घर और जीविका: ये भाव जातक के खुशियों से जुड़ा है, आराम से जुड़ा है अतः अगर ये भाव मजबूत हो तो जातक जमीन सम्बंधित कार्यो में सफल हो सकता है, गाड़ी सम्बंधित कार्य कर सकता है, खेती, जल सम्बंधित कार्यो को कर सकता है. 
  5. कुंडली का पांचवा घर और जीविका:ये भाव ज्ञान से जुड़ा है और अगर ये भाव अच्छा है तो तो जातक को शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार लेके सफलता हासिल करना चाहिए, ऐसे जातक राजनीति, सलाहकारी आदि क्षेत्र में भी जा सकते हैं. 
  6. कुंडली का छठा घर और जीविका: ये भाव का स्वामी अगर शक्तिशाली हो या फिर ये घर अगर शक्तिशाली हो तो जातक रक्षा सेवाओं जैसे फ़ौज, पुलिस, जल सेना, चिकित्सा क्षेत्र, भोअजन सम्बंधित क्षेत्र, अंडर गारमेंट्स के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. 
  7. कुंडली का सातवां घर और जीविका: ज्योतिष के हिसाब से अगर कुंडली का सातवां घर मजबूत हो तो जातक साझेदारी के कार्यो में सफलता प्राप्त कर सकता है, ट्रेडिंग कर सकता है, आयात और निर्यात आदि के कार्यो को कर सकता है. 
  8. कुंडली का आठवां घर और जीविका : अगर कुंडली का आठवां घर शक्तिशाली हो तो जातक बीमा क्षेत्र चिकित्सा क्षेत्र, यौन इंडस्ट्री में सफल कार्य कर सकता है. 
  9. कुंडली का नौवां घर और जीविका : अगर कुंडली का नौवां घर शक्तिशाली हो तो जातक को विदेश में सफलता मिल सकती है, जातक अध्यात्मिक कार्यो से भी जीविका कम सकता है, शिक्षा क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर सकता है. 
  10. कुंडली का दसवां घर और जीविका : ज्योतिष के हिसाब से कुंडली का दसवां भाव अगर मजबूत हो तो जातक सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकता है, राजनीति में जा सकता है, पैतृक कार्य भी कर सकता है, किसी कंपनी में मैनेजमेंट में रहके कार्य कर सकता है.
  11. कुंडली का ग्यारहवां घर और जीविका : अगर कुंडली में ये भाव मजबूत हो तो जातक व्यापार में सफल हो सकता है, ट्रेडिंग के कार्यो में सफल हो सकता है, वो एक से अधिक कार्यो को करके भी जीविका कम सकता है. 
  12. कुंडली का बारहवां घर और जीविका :ज्योतिष के हिसाब से अगर ये भाव शक्तिशाली हो तो जातक विदेश में सफ़ल हो सकता है, घुमने फिरने के कार्यो को कर सकता है, जासूसी में जा सकता है, किसी NGO के साथ जुड़ सकता है. 
अतः रोजगार निर्णय में कुंडली का बहुत महत्त्व है. 
इसी प्रकार कुंडली में ग्रहों की स्थिति और शक्ति का अध्ययन भी जीविका चुनने में मदद करता है. 

आइये जानते हैं कुंडली में ग्रहों को देखके कैसे रोजगार या जीविका चुन सकते हैं:

ज्योतिष से जानें जीविका के रहस्य, क्या होगा जीविका क्षेत्र, ज्योतिष की राय: जानें, किस रोजगार में भाग्य देगा साथ, आईये जाने जीविका प्राप्ति के योग ज्योतिष.
  1. ज्योतिष के हिसाब से सूर्य का सम्बन्ध प्रबंधन, राजनीति, सरकारी काम, चिकित्सा, यात्रा आदि से है. 
  2. चन्द्रमा का सम्बन्ध यात्रा, समुद्री क्षेत्र, आयात-निर्यात आदि से है. 
  3. मंगल का सम्बन्ध रक्षा सेवाएँ, धातु, भूमि, हथियार, सर्जरी, इंजीनियरिंग आदि से है. 
  4. बुध ग्रह का सम्बन्ध लेखन, लेखा जोखा, शिक्षा, सलाहकारी अदि से है. 
  5. गुरु ग्रह का सम्बन्ध वित्तीय क्षेत्र, धार्मिक क्षेत्र, राजनीति, सामाजिक आदि क्षेत्रो से है. 
  6. शुक्र का सम्बन्ध मनोरंजन, ठाठ-बाट, यौन क्षेत्र, होटल, कला आदि से है. 
  7. शनि ग्रह का सम्बन्ध श्रम, भूमि, खेती, धातु, तेल आदि से है. 
  8. राहु का सम्बन्ध शोध सम्बन्धी कार्यो से है, जादू से है, सट्टा, बिजली, बेकार की चीजो से है, रहस्यमई कार्यो, जादू आदि से है.
  9. केतु का सम्बन्ध रहस्यमय कार्यो से है, धार्मिक क्षेत्र से है, तंत्र, मंत्र अदि से है. 
अतः ज्योतिष की सहयता से हम जीविका और रोजगार को चुन सकते हैं और सफलता पूर्वक अपना जीवन यापन कर सकते हैं. 
किसी भी प्रकार के ज्योतिषीय सहायता के लिए अभी संपर्क कर सकते हैं ज्योतिष से.


और सम्बंधित लेख पढ़े:
करियर चुनने में ज्योतिष का योगदान 
Naukri ya vyapaar jyotish ke hisab se 

ज्योतिष से जानें जीविका के रहस्य, क्या होगा जीविका क्षेत्र, ज्योतिष की राय: जानें, किस रोजगार में भाग्य देगा साथ, आईये जाने जीविका प्राप्ति के योग ज्योतिष.

Comments

Popular posts from this blog

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमज...

Tantroktam Devi suktam Ke Fayde aur lyrics

तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ ॥ Tantroktam Devi Suktam ,  Meaning of Tantroktam Devi Suktam Lyrics in Hindi. देवी सूक्त का पाठ रोज करने से मिलती है महाशक्ति की कृपा | माँ दुर्गा जो की आदि शक्ति हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूरी करने में सक्षम हैं | देवी सूक्तं के पाठ से माता को प्रसन्न किया जा सकता है | इसमें हम प्रार्थना करते हैं की विश्व की हर वास्तु में जगदम्बा आप ही हैं इसीलिए आपको बारम्बार प्रणाम है| नवरात्री में विशेष रूप से इसका पाठ जरुर करना चाहिए | Tantroktam Devi suktam  Ke Fayde aur lyrics आइये जानते हैं क्या फायदे होते हैं दुर्गा शप्तशती तंत्रोक्त देवी सूक्तं के पाठ से : इसके पाठ से भय का नाश होता है | जीवन में स्वास्थ्य  और सम्पन्नता आती है | बुरी शक्तियों से माँ रक्षा करती हैं, काले जादू का नाश होता है | कमजोर को शक्ति प्राप्त होती है | जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उनके आय के स्त्रोत खुलते हैं | जो लोग शांति की तलाश में हैं उन्हें माता की कृपा से शांति मिलती है | जो ज्ञान मार्गी है उन्हें सत्य के दर्शन होते हैं | जो बुद्धि चाहते हैं उन्हें मिलता ह...

Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde

कर्ज मुक्ति के लिए महादेव का शक्तिशाली मंत्र |  Rin Mukteshwar Mahadev Mantra | spell to overcome from debt, कहाँ पर है ऋण मुक्तेश्वर मंदिर ?, कर्ज बढ़ने के ज्योतिषीय कारण | ये मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार है, किसी भी प्रकार के ऋण से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, भगवान् शिव की कृपा को आकर्षित करने का बहुत ही सशक्त और सरल माध्यम है | अगर आपके ऊपर कर्जा बढ़ता जा रहा हो तो ऐसे में ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा बहुत लाभदायक है |  Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde Read in english about Benefits Of RINMUKTESHWAR MANTRA हर महीने जब लेनदार पैसे मांगने आते हैं तो अच्छा नहीं लगता है , स्थिति तब और ख़राब होती है जब की देने के लिए धन नहीं होता है | कर्जा सिर्फ उस व्यक्ति को ही परेशां नहीं करता है जिसने लिया है अपितु पुरे परिवार को शर्मनाक स्थिति से गुजरने के लिए मजबूर करता है अतः जितना जल्दी हो सके कर्जे से बाहर आने की कोशिश करना चाहिए |  आज के इस युग में हर व्यक्ति दिखावटी जीवन जीना चाहता है और इसी कारण एक अंधी दौड़ में शामिल हो गया है | सुख सुविधाओं को एकत्...