Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति. आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है. Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...
Naurkri Ya Vyapaar Kya kare Jyotish Ke Hisab Se, कुंडली के हिसाब से क्या बेहतर होगा व्यापार या नौकरी, काम काज चुनने में ज्योतिष की भूमिका.
अगर आपको परेशानी आ रही है ये चुनने में की क्या करे व्यापार या जॉब तो ऐसे में ज्योतिष की मदद आप ले सकते हैं.
वैदिक ज्योतिष की माध्यम से हम कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखके सही मार्ग चुन सकते हैं काम काज के लिए.
इस लेख में हम जानेंगे की कैसे ज्योतिष मदद करता है कैरियर चुनने में.
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Naurkri Ya Vyapaar Kya kare Jyotish Ke Hisab Se |
जीवन में ऐसा बहुत बार होता है की हम दुविधा में फंस जाते हैं की क्या चुनना चाहिये. कभी ऐसा होता है की नौकरी में व्यक्ति को समस्या आने लगती है तो जातक सोचता है की चलो अब कोई व्यापार किया जाए, फिर ऐसा विचार आता है की चलो दूसरी जॉब ढूँढ़ते हैं. इस प्रकार के असमंजस में काफी दिन निकल जाते हैं.
जो लोग हाल ही पढ़ाई पूरी करके निकलते हैं उन लोगो को भी बहुत समस्या आती है सही कैरियर चुनने में.
कुछ लोग तो नौकरी के साथ पार्ट टाइम में व्यापार भी करना चाहते हैं.
ज्योतिष के द्वारा हमे ये पता चल सकता है की हमे क्या करना चाहिए व्यापार या नौकरी.
क्या आप नौकरी छोढ़कर व्यापार के बारे में सोच रहे हैं?
- ये एक कठिन निर्णय होता है की नौकरी करते हुए व्यापर के बारे में सोचना क्यूंकि नौकरी में एक आय का पक्का रहता है की इतना मिलेगा ही परन्तु व्यापार जोखिमो से भरा रहता है. अतः अगर कोई व्यापार के बारे में सोच रहा हो तो अच्छी तरह से सारे पहलुओं के बारे में सोच लेना चाहिए.
- ये भी देख लेना चाहिए की किस प्रकार के कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं ज्यादा है.
आइये जानते हैं की कुंडली का अध्ययन कैसे नौकरी और व्यापार चुनने में हमारी मदद कर सकता है?
एक अच्छा ज्योतिष बहुत कुछ देखता है कुंडली अध्ययन के समय जैसे -
- कुंडली का दसवां भाव कैसा है ?
- कुंडली में मजबूत गृह कौन से हैं?
- आय भाव में कौनसे ग्रह बैठे हैं, लाभ भाव कैसा है?
- कुंडली में व्यापार भाव की क्या स्थिति है?
- जातक की जोखिम लेने की ताकत कितनी है ग्रहों के हिसाब से.
- जातक की रचनात्मकता कितनी है?
- व्यापर या नौकरी चुनने से पहले कुछ बातो का ध्यान अवश्य रखना चाहिए : –
- अगर कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी है और शक्तिशाली है तो ही व्यापार करने के बारे में सोचना चाहिए.
- अगर ग्रह शक्तिशाली नहीं है तो शांति से नौकरी करते रहना चाहिए.
- काम काम को चुनने से पहले अपनी रुची, अनुभव, विषय भी ध्यान में रख लेना चाहिए.
- नौकरी या व्यापार के शुरुआत में ही बिलकुल ज्यादा अपेक्षा ना रखे.
- नौकरी या व्यापार को चुनने के लिए कोई भी नियम नहीं है. इसके लिए कुंडली का अध्ययन बारीकी से करना होता है.
- अपने व्यक्तित्त्व का भी ध्यान रखे नौकरी या व्यापार को चुनने से पहले जैसे क्या आपमें साहस है चुनौतियों को लेने के लिए, क्या आप दोस्ती करना जानते हैं, क्या आप में रचनात्मकता है, क्या आपके पास पर्याप्त मात्रा में धन है, क्या आप खुद का कुछ करना चाहते हैं आदि.
एक अच्छा ज्योतिष आपकी मदद कर सकता है बहुत कुछ जानने में जैसे –
- क्या सरकारी नौकरी मिलेगी या प्राइवेट सेक्टर में काम करना होगा.
- क्या कोई प्रोफेशनल बना जाए या फिर व्यापार किया जाए.
- क्या कोई सामाजिक कार्यकर्ता बना जाए या फिर राजनीति में कूदा जाए.
- क्या ठेकेदार बन सकते हैं?
- क्या सट्टे के काम में सफलता पाई जा सकती है.
- क्या शिक्षण के क्षेत्र में उतरा जाए.
- क्या एक सफल वकील बन सकते हैं?
- सेवानिवृत्ति के बाद कौन सा काम करना चाहिए?
- क्या कोई सेलिब्रिटी बन सकते हैं?
- क्या मेडिकल का क्षेत्र अच्छा रहेगा कुंडली के हिसाब से आदि.
कुंडली में बहुत सारी चीजो को देखा जाता है जैसे –
- कुंडली का पहला घर, दूसरा घर, सातवां घर, दसवां घर, ग्यारहवां घर को ध्यान से देखा जाता है.
- कुंडली में बुध, गुरु, सूर्य, शनि का अध्ययन किया जाता है.
- ग्रहों की युति को भी देखा जाता है.
- और सबसे महत्त्वपूर्ण ये भी देखा जाता है की वर्त्तमान समय किस के लिए ठीक है व्यापार या नौकरी.
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