Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति. आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है. Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...
दुर्गा अष्टमी कब है April 2025 में, पढ़िए महा-अष्टमी से सम्बंधित प्रथाएं, क्या करे बेहतर जीवन के लिए, durga ashtmi ki sahi tarikh.
Chaitra Navratri Durga-ashtmi 2025: नवरात्री का आठवां दिन बहुत महत्त्व रखता है भक्तो के लिए. ये दिन महा-अष्टमी या फिर दुर्गा अष्टमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग विशेष प्रकार की पूजा पाठ करते हैं कुलदेवी, माँ काली, दुर्गा जी को प्रसन्न करने के लिए.
इस बार अष्टमी तिथि 4 तारीख शुक्रवार को रात्री में लगभग 8:15 PM से शुरू होगी और 5 तारीख को रात्री में लगभग 7:27 PM तक रेहगी तो उदया तिथि के अनुसार महाष्टमी की पूजा 5 तारीख शनिवार को होगी.
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Durga Ashtmi Ka Mahattw |
अगर कोई नवरात्री के बाकी दिनों में पूजा पाठ नहीं कर पाते हैं तो सिर्फ अष्टमी की पूजा से भी लाभ ले सकते हैं.
महाष्टमी से सम्बंधित कई पौराणिक कथाएं सुनने को मिलती है –
- कुछ के अनुसार इस दिन माँ काली का अवतरण हुआ था.
- कुछ भरोसा करते है की इस दिन माता जी ने महिसासुर राक्षस का वध किया था.
ज्योतिष के अनुसार तो हर माह की अष्टमी तिथि बहुत महत्त्व रखती है क्यूंकि ये तिथि का सम्बन्ध महा-शक्ति से है, ये दिन कुलदेवी पूजा , दुर्गा पूजा के लिए श्रेष्ठ होता है. इसी कारण नवरात्री की अष्टमी विशेष महत्त्व रखती है. ये समय वैसे भी साधना के लिए बहुत शुभ होता है. Chaitra Navratri Durga-ashtmi 2025
साधारणतः लोग हर माह आने वाले अष्टमी के प्रति सजग नहीं रहते हैं इसी लिए नवदुर्गाओ के समय की अष्टमी को पूजा पाठ करके माता के आशीर्वाद लेते हैं.
Read in english about Durga Ashtmi date and timings
आइये जानते हैं की किस प्राकार की क्रियाएं की जाती है दुर्गा-अष्टमी को? Chaitra Navratri Durga-ashtmi 2025
- कुछ जगहों में इस दिन हथियारों की पूजाएँ होती है. इसी दिन माता ने महिसासुर राक्षस का वध किया था अतः लोग शस्त्र पूजा करके अपने आपको तैयार करते हैं अपने शत्रुओ को दबाने के लिए.
- भक्त अपने कुलदेवी की पूजा करते हैं अष्टमी को.
- ऐसा माना जाता है की माँ काली का अवतरण हुआ था अतः लोग काली-पूजा करके उनके जन्मदिन मनाते हैं.
- भक्त इस दिन ९ साल से कम उम्र की कन्याओं का पूजन भी करते हैं माता स्वरुप मानके,
- कुछ लोग माता के ८ स्वरूपों का पूजन करते हैं महा-अष्टमी को जो की है शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यानी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री. पढ़िए नवरात्री के अचूक प्रयोग.
आइए जानते हैं महा-अष्टमी के दिन ग्रहों की स्थिति:
- दुर्गा-अष्टमी के दिन सूर्य अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने मित्र राशि मिथुन में रहेंगे |
- मंगल अपने नीच राशी कर्क में रहेंगे |
- बुध अपने नीच राशी मीन में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशी वृषभ में रहेंगे |
- शुक्र उच्च राशि मीन में रहेंगे |
- शनि अपने सम राशी मीन में रहेंगे |
- राहू अपने मित्र राशी मीन में रहेंगे | Chaitra Navratri Durga-ashtmi 2025
- केतु अपने मित्र राशी कन्या में रहेंगे |
- गोचर कुंडली में सूर्य और राहु की युति रहेगी जिससे सूर्य ग्रहण योग बना रहेगा |
- राहू और शनि की युति के कारण प्रेत योग भी बना रहेगा.
- बुध और शुक्र की युति से लक्ष्मी नारायण योग भी बना रहेगा |
- मीन राशि में पञ्चग्रही योग बना रहेगा.
5 तारीख के महुरत इस प्रकार है :
- 7:30 AM से 9:00 AM तक शुभ का चौघड़िया रहेगा |
- 12:00 PM से 1:30 PM बजे तक चर का चौघड़िया रहेगा |
- 1:30 PM से 3:00PM बजे तक लाभ का चौघड़िया रहेगा |
- 3:00 PM से 4:30 PM तक अमृत का चौघड़िया रहेगा |
- 6:00 PM से 7:27 PM बजे तक लाभ का चौघड़िया रहेगा | Chaitra Navratri Durga-ashtmi 2025
आइये जानते हैं कुछ और महत्त्वपूर्ण बाते दुर्गा-अष्टमी को लेके:
- कुछ लोग अष्टमी की पूजा सुबह करते हैं, कुछ लोग दोपहर को करते हैं और कुछ लोग शाम को करते हैं. सबकी मान्यता अलग अलग है.
- कुछ परिवारों में ये पूजा बहुत ही गोपनीय रूप से की जाती है और कोई भी बाहर का व्यक्ति इस पूजा को नहीं देख सकता है.
- कुछ परिवारों में इस पूजा में लडकियों को शामिल नहीं किया जाता है.
- कुछ लोग माता को मदिरा भी चढाते हैं. Chaitra Navratri Durga-ashtmi 2025
- कुछ परिवारों में ऐसा रिवाज है की महाभोग को सिर्फ परिवार के सदस्य ही खाते है.
अतः अलग अलग जगहों में अलग अलग प्रथाएं है, लोग विभिन्न प्रकार से माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं और माता भक्तो की मनोकामना पूर्ण करती है. पढ़िए नवरात्री में कैसे करे काला जादू से बचाव.
क्या करे दुर्गा-अष्टमी को सफलता के लिए?
1. इस दिन कन्याओं का माता स्वरुप मानके पूजन करना चाहिए. उन्हें भोजन करके, खीर खिला के दक्षिणा और उनका मनपसंद उपहार देना चाहिए.
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दुर्गा अष्टमी कब है April 2025 में, पढ़िए महा-अष्टमी से सम्बंधित प्रथाएं, क्या करे बेहतर जीवन के लिए, durga ashtmi ki sahi tarikh, Chaitra Navratri Durga-ashtmi 2025.
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