Budh ka makar rashi mai gochar kab hoga february 2025, बुध के मकर राशि में प्रवेश का राशिफल, बुध के राशी परिवर्तन का क्या असर होगा 12 राशियों पर, mercury transit in capricorn predictions | Budh Gochar Makar Rashi Mai January 2025: बुध को वैदिक ज्योतिष में राजकुमार का दर्जा प्राप्त हैं और बुध ग्रह का सम्बन्ध व्यापार, वाणिज्य, दिमागी शक्ति, बैंकिंग, तर्क आदि से होता है अतः देश और दुनिया में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं | 24 January 2025 शुक्रवार को बुध लगभग शाम को 5:25 पे मकर राशि में प्रवेश करेंगे | बुध के राशि परिवर्तन का 12 राशि वालो के जीवन में बहुत प्रभाव पड़ेगा कुछ के जीवन में शुभता बढ़ेगी और कुछ के जीवन में चुनौतियाँ बढेंगी | इस लेख में हम जानेंगे की किन राशि वालो को विशेष लाभ मिलेगा और किनको सतर्क रहने की जरुरत रहेगी | आगे बढ़ने से पहले जान लीजिये की मकर राशि में बुध सम रहते हैं | Budh Gochar Makar Rashi Mai Budh grah ka makar rashi mai gochar ka rashifal Read in english about when mercury will enter in capricorn आइये जानते ह...
शिव महिमा, शिवजी की पूजा का महत्त्व, क्या वस्तुएं प्रयोग होती है शिव पूजा में, कौन हैं भगवन भोलेनाथ, जानिए भोलेनाथ के परिवार को.
भारत भूमि दिव्य है और यहाँ पर विभिन्न देवी देवताओं की पूजा होती है. भारत भूमि का पुण्य इतना ज्यादा है की भगवान् भी अवतार के लिए इसी देश को चुनते आये हैं. देविक शक्तियों में से एक है भगवान् शिव जो सदेव संसार के कल्याण हेतु साधनारत रहते हैं. भगवन शिव निराकार है इसीलिए उनकी पूजा लिंग के रूप में की जाती है. ब्रह्माण्ड की उत्पाती से पहले भी शिव ही थे और उत्पत्ति के बाद भी वही है और विनाश के बाद भी वही रहेंगे.ये पूरा विश्व सिर्फ शिव का ही रूप है. हिन्दू मान्यता के अनुसार शिवरात्रि को भगवान् शिव का विवाह हुआ था इसीलिए ये दिन बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है.
Bhagwan Shiv Ka Mahattw |
भक्तो ने भगवान् शिव की मूर्ति को कल्पना से बनाया है और उसकी पूजा करते हैं जिसमे उनकी जटाएं हैं, हाथ में त्रिशूल है, गले में नाग की माला है, चन्द्रमा भी उनके मुकुट की शोभा बढ़ाते हैं. शिव ही ऐसी शक्ति है जो की जहर को भी पचा लेते हैं.
आइये जानते हैं की भगवान् शिव की पूजा में किन चीजो का प्रयोग होता है:
दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, मौसमी फल, आक के फूल, श्रीफल, ताम्बुल, इत्र, अक्षत, पंचमेवे धुप, दीप, धतुरा आदि. और अधिक पढ़िए >>
शिव पूजन का मंत्र है :
“”ॐ नमः शिवाय"
- भगवान् शिव के भक्तो के लिए कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं होता है.
- शिवजी सर्वशक्तिमान है, सर्वज्ञ है और सर्वा व्यापी है. इस ब्रह्माण्ड में कुछ भी शिव से जुदा नहीं है. वे सब जगह हैं, अन्दर हैं, बहार है, हर पल में हैं और वो हमारे कार्य के साक्षी हैं.
- हर संकटों से बहार आने का सबसे आसान तरीका है “शिव पूजा”. उनकी कृपा से साधक धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त करता है.
- जब साधक ध्यान में शिव को प्रकाश के रूप में अपने अंतर में देखता है तो उसके इस जीवन का हेतु पूर्ण हो जाता है. हर कोई भोलेनाथ को अपने ह्रदय में देख सकता है, उन्हें महसूस कर सकता है.
कौन है भगवान् शिव?
हिन्दू मान्यता अनुसार 3 मुख्या शक्तियों को माना गया है , ब्रह्मा, विष्णु और महेश. भगवान् शिव इन्ही 3 शक्तियों में से एक हैं जो की मोक्ष के प्रदाता है. शिव से जुड़े ग्रंथो में लिखा है की इस ब्रह्माण्ड का कण कण शिव ही है. शिव की अलग अलग रूपों में अपने आपके प्रकट करते हैं.
- योगी जन ध्यान में शिव का ही साक्षात्कार करते हैं.
- भक्तगण विभिन्न रूपों में शिव की आराधना करते हैं जैसे नटराज, महाकाल, अघोर, योगिराज, रूद्र आदि.
- शिव का पंचाक्षरी मंत्र पुरे विश्व में प्रसिद्द है.
- इनका महामृत्युंजय मंत्र भी बहुत शक्ति शाली है जिसका प्रयोग अकाल मृत्यु से बचाता है, रोग से बचाता है, आदि.
- इनके रूद्र मंत्रो का जप समस्त सुख सुविधाओं को प्रदान करता है.
आइये जानते हैं भगवान् शिव के परिवार के बारे में :
इनकी अर्धागिनी साक्षातशक्ति है जिन्हें हम पार्वती/गौरी, आदि शक्ति, दुर्गा आदि के नाम से जानते हैं. भगवान् कार्तिके और गणेशजी इनके पुत्र हैं. नंदी भी इनके बहुत नजदीक हैं और वे हमेशा उनकी सेवा में लगे रहते हैं. इनको भी हम इनके परिवार में ही मानते हैं, ये सभी गणों को नियंत्रित करते हैं.
“शिव पुराण” में इनकी सारी कहानियां दी गई हैं.
शिव महिमा, शिवजी की पूजा का महत्त्व, क्या वस्तुएं प्रयोग होती है शिव पूजा में, कौन हैं भगवन भोलेनाथ, जानिए भोलेनाथ के परिवार को.
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