Saptahik Rashifal Aur Panchang, 25 से 30 नवम्बर 2 024 तक की भविष्यवाणियां| प्रेम जीवन की भविष्यवाणी, आने वाले सप्ताह में किस राशि के जातकों को लाभ मिलेगा, आने वाले सप्ताह के महत्वपूर्ण दिन और राशिफल, जानें आने वाले सप्ताह में कितने सर्वार्थ सिद्धि योग और महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे। आगामी साप्ताहिक सर्वार्थ सिद्धि योग: इस सप्ताह कोई सर्वार्थ सिद्धि योग नहीं है Saptahik Rashifal आइए अब जानते हैं कि आने वाले सप्ताह में हमें कौन से महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे: उत्पन्ना एकादशी व्रत 26 नवम्बर को है | कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत 28 को है | शिव चतुर्दशी व्रत 29 तारीख शुकवार को है | अमावस्या 30 तारीख शनिवार को है | आगामी सप्ताह का पूरा पंचांग और महूरत पढ़ें आइए अब जानते हैं 25 से 30 नवम्बर २०२४ के बीच राशियों का साप्ताहिक भविष्यफल/राशिफल: इस सप्ताह Kanya, Meen, Tula, Mesh, Vrischik aur Vrishabh राशि के लोग जीवन में अधिक बदलाव महसूस करेंगे। अगर आपकी राशि कन्या है तो इस सप्ताह के शुरुआत में आपके पराक्रम बढेगा, रचनात्मकता बढ़ेगी और आप अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ अच्छे निर्णय ले पायेंगे | आपकी
kab hai datt jayanti 2023, दत्त जयंती का महत्त्व हिंदी में, गुरु दत्तात्रय जन्मदिन, दत्त पूर्णिमा को क्या करते हैं भक्त सफलता के लिए.
इस महत्त्वपूर्ण और पवित्र दिन में भक्त विशेष पूजा अर्चना करते हैं और जीवन में गुरु कृपा का आवाहन करते हैं. हर साल दिसम्बर महीने में जो पूर्णिमा आती है उसे दत्त पूर्णिमा/दत्त जयंती भी कहा जाता हैं. गुरु दत्तात्रय में ३ भगवानो की शक्ति समाहित है – ब्रह्मा, विष्णु और महेश.
इस महत्त्वपूर्ण और पवित्र दिन में भक्त विशेष पूजा अर्चना करते हैं और जीवन में गुरु कृपा का आवाहन करते हैं. हर साल दिसम्बर महीने में जो पूर्णिमा आती है उसे दत्त पूर्णिमा/दत्त जयंती भी कहा जाता हैं. गुरु दत्तात्रय में ३ भगवानो की शक्ति समाहित है – ब्रह्मा, विष्णु और महेश.
Dattatray Jayanti Ka Mahattw in Hindi |
इनको अवधूत और दिगंबर भी कहा जाता है. आज भी लोग भगवान् दत्तात्रेय की उपस्थिति का अनुभव प्राप्त करते हैं.
भारत के महाराष्ट्र और गुजरात में गुरु दत्त की पूजा बहुत ज्यादा होती है.
साधारण लोग ही नहीं अपितु तांत्रिक भी उनकी विशेष रूप से पूजा करते हैं क्यूंकि ऐसी मान्यता है की तंत्र क्रियाओं में सफलता के लिए उनकी पूजा जरुरी होती है.
भारत के महाराष्ट्र और गुजरात में गुरु दत्त की पूजा बहुत ज्यादा होती है.
साधारण लोग ही नहीं अपितु तांत्रिक भी उनकी विशेष रूप से पूजा करते हैं क्यूंकि ऐसी मान्यता है की तंत्र क्रियाओं में सफलता के लिए उनकी पूजा जरुरी होती है.
इस साल 2023 में 26 दिसम्बर, मंगलवार को दत्त जयंती मनाई जायेगी |
आइये जानते हैं दत्त भगवान् से जुडी कथा :
दत्तात्रेयजी अत्री ऋषि और उनकी अर्धांगिनी अनुसुइया के पुत्र हैं. ऐसी कथा प्रचलित है की अनुसिया जी ने कठोर तप किया और एक ऐसी पुत्र की कामना की जिसमे ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनो के गुण हो. तब तीनो भगवानो ने साधू का वेश धारण करके उनकी परीक्षा लेने के लिए उनसे अपने गोद में बिठा के भोजन कराने को कहा. तब अनुसुइया जी ने अपने तपोबल से उन तीनो को बच्चा बना दिया और उन्हें स्तन पान कराया. जब अत्री ऋषि आये तो उन्होंने सब वृत्तांत बताया.
जब तीनो भगवान् वापस नहीं लौटे अपने लोको में तो तीनो देवियों को चिंता हुई और वे अनुसियाई जी से मिलने गए और अपने पतियों को वापस करने के लिए प्रार्थना की. और अनुसिया जी ने ऐसा ही किया परन्तु वापस आने से पहले तीनो ने अपनी शक्ति एक पुत्र में डाल दिया जो की दत्तात्रेय बने.
दत्तात्रेय जी ने प्रकृति में मौजूद २४ गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी, आइये जानते हैं उनके नाम:
जब तीनो भगवान् वापस नहीं लौटे अपने लोको में तो तीनो देवियों को चिंता हुई और वे अनुसियाई जी से मिलने गए और अपने पतियों को वापस करने के लिए प्रार्थना की. और अनुसिया जी ने ऐसा ही किया परन्तु वापस आने से पहले तीनो ने अपनी शक्ति एक पुत्र में डाल दिया जो की दत्तात्रेय बने.
दत्तात्रेय जी ने प्रकृति में मौजूद २४ गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी, आइये जानते हैं उनके नाम:
भगवान दत्तात्रेय से एक बार राजा यदु ने उनके गुरु का नाम पूछा,भगवान दत्तात्रेय ने कहा : "आत्मा ही मेरा गुरु है,तथापि मैंने चौबीस चीजों को गुरु मानकर शिक्षा ग्रहण की है।"
उन्होंने कहा मेरे चौबीस गुरुओं के नाम है :
- पृथ्वी
- जल
- वायु
- अग्नि
- आकाश
- सूर्य
- चन्द्रमा
- समुद्र
- अजगर
- कपोत
- पतंगा
- मछली
- हिरण
- हाथी
- मधुमक्खी
- शहद निकालने वाला
- कुरर पक्षी
- कुमारी कन्या
- सर्प
- बालक
- पिंगला वैश्या
- बाण बनाने वाला
- मकड़ी
- भृंगी कीट
आइये अब जानते हैं की भक्त दत्त जयंती में क्या विशेष करते हैं?
- ऐसा माना जाता है की सिर्फ उनका नाम जप की काफी है. अतः १००८ नामो का जप भक्त करते हैं उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए और जीवन से समस्याओं को समाप्त करने के लिए.
- दत्त पूर्णिमा को भक्त जल्दी उठते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पुरे दिन उपवास करने का संकल्प भी लेते हैं.
- भक्त पंचोपचार पूजा करके गुरु चरित्र का पाठ करते हैं.
- गुरु दत्त की परिक्रमायें भी करते हैं.
- मंदिरों में और आस पड़ोस में प्रसाद बांटते हैं.
आइये जानते हैं एक आसान मंत्र दत्त पूजा के लिए:
Om Guru dattatreyay namah(ॐ गुरु दत्तात्रेयाय नमः )
दत्ता गायत्री मंत्र का जप भी बहुत शुभ होता है :
ॐ दिगम्बराय विद्महे |
अत्री पुत्राय धीमहि तन्नोि दत: प्रचोदयात् ||
ॐ दत्तात्रेया विद्महे ,दिगंबराय धीमही
तन्नो दत: प्रचोदयात् ||
इस दिव्य मंत्र का जप कोई भी कर सकते हैं और गुरु दत्त की कृपा का आवाहन कर सकते हैं |
आइये अब जानते हैं भगवान दत्त के बारे में कुछ माहत्त्व्पूर्ण बाते :
इस बात का ध्यान जरुर रखे की अगर आप कोई भी तंत्र साधना करते हैं तो किसी जानकार के निर्देशन में ही करे.
दत्त जयंती का महत्त्व हिंदी में, गुरु दत्तात्रय जन्मदिन, when is dutt poornima, दत्त पूर्णिमा को क्या करते हैं भक्त सफलता के लिए.
- भगवान् दत्तात्रेय नाथ सम्प्रदाय में भी बहुत माने जाते हैं और आदि गुरु कहलाते हैं. इसी कारन नाथ योगी उनकी विशेष पूजा अर्चना करते हैं.
- जुनागढ़ में गिरनार पर्वत में उनका विशेष निवास स्थान माना जाता है जहाँ आज भी लोगो को उनके होने की अनुभूति होती है.
- तांत्रिक लोग इस दिन तांत्रिक पूजाएँ भी करते हैं. ऐसी मान्यता है की दत्त भगवान् बहुत आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं.
- चूँकि दत्त जी में ३ देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश )की शक्ति है अतः उनको पूजने मात्र से भक्तो को तीनो देवताओं के पूजन का फल प्राप्त होता है.
- अगर कोई जीवन में बहुत परेशान हो तो उन्हें गुरु दत्तात्रेय की शरण में जाना चाहिए.
- भगवान दत्त की कृपा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है |
इस बात का ध्यान जरुर रखे की अगर आप कोई भी तंत्र साधना करते हैं तो किसी जानकार के निर्देशन में ही करे.
अपने सांसारिक और अध्यात्मिक, दोनों इच्छाओं की पूर्ति करते हैं गुरु दत्तात्रेय.
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