कलर ब्लाइंडनेस क्या है ?, जानिए लक्षण, ज्योतिष के कारण, कलर ब्लाइंडनेस का इलाज, ज्योतिष के माध्यम से उपचार, पुरानी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए कुंडली पढ़ने के लिए ज्योतिष ।
रंग अंधापन का शिकार कुछ विशिष्ट रंगों की पहचान करने में समस्या का सामना करते है। इसके कारण रोगी कुछ विशिष्ट रंगों में अंतर नहीं कर पाता है।
यह आँखों में संवेदनशील पिगमेंट की अनुपलब्धता के कारण होता है। ये पिगमेंट आंखों के शंकु में मौजूद होते हैं जो नेत्रगोलक के ठीक पीछे मौजूद होते हैं।
रंग अंधापन के लक्षण:
- इस बीमारी में व्यक्ति कुछ विशिष्ट रंगों का पता लगाने में असमर्थ होता है। यह संभव हो सकता है कि व्यक्ति लाल रंग या हरे रंग या पीले रंग आदि की पहचान न करे।
- कुछ रोगी रंगों के कुछ विशिष्ट रंगों की पहचान करने में असमर्थ होते हैं।
- कुछ विशेष मामलों में रोगी केवल काले और सफेद रंग को पहचानते हैं ।
रंग अंधापन के प्रकार:
लाल रंग का अंधापन, हरे रंग का अंधापन, नीले रंग का अंधापन सामान्य रूप से पाए जाते है। इसमें व्यक्ति इन 3 रंगों को पहचानने में असमर्थ होते है।
तो 3 प्रकार के कलर ब्लाइंडनेस पाए जाते हैं:
- मोनोक्रोमैटिक: इस अवस्था में व्यक्ति केवल 1 प्रकार का रंग देख सकता है।
- Di-Chromatic: इसमें व्यक्ति केवल 2 रंग देख पाता है।
- Anomalous Tri-Chromaticism: इसमें व्यक्ति 3 रंग देख सकता है।
कैसे पहचानें कि एक रंग का अंधापन है?
कभी-कभी कलर ब्लाइंडनेस का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन इस बीमारी को खोजने के लिए कई तरह की प्रक्रियाएं हैं जैसे कि-
- इशिहारा टेस्ट
- लालटेन टेस्ट।
रंग अंधापन का उपचार:
इस कलर ब्लाइंडनेस के इलाज के लिए लाइट फिल्टरिंग लेंस का उपयोग किया जाता है।
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आइये अब जानते हैं रंग अंधापन के लिए ज्योतिष कारण:
ज्योतिष एक विज्ञान है जिसके माध्यम से रंग अंधापन के कारणों का पता लगाना भी संभव है। आइए ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से कलर ब्लाइंडनेस कारणों के बारे में जानने के कुछ तरीके देखें।
- कुंडली का दूसरा और बारहवां घर आंखों का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए यदि ये 2 घर ख़राब प्रभाव पैदा कर रहे हैं तो व्यक्ति किसी भी प्रकार के आंखों के रोगों से पीड़ित हो सकता है।
- यदि दुसरे और बारहवें घर में किसी भी प्रकार के ग्रहण योग बन रहा हो, तो भी संभव है कि व्यक्ति रंग अंधापन से पीड़ित हो।
- यदि शुक्र इनमे से किसी घर में ख़राब प्रभाव पैदा कर रहा है, तो यह भी संभव है कि व्यक्ति कलर ब्लाइंडनेस से पीड़ित हो।
- यदि सूर्य या चंद्रमा कुंडली में ख़राब अवस्था में हो तो भी यह भी संभव है कि व्यक्ति रंग अंधापन से पीड़ित हो।
- यदि कुंडली में 6 वें घर के साथ दूसरा और बारहवां घर किसी भी प्रकार का बुरा संबंध बना रहा है तो आंखों से संबंधित समस्या भी बढ़ सकती है।
- यदि दोनों घरों के स्वामी जन्म कुंडली में अशुभ अवस्था में हैं तो यह आंखों से संबंधित समस्या की संभावना को भी बढ़ाता है।
आइये अब जानते है ज्योतिष उपचार रंग अंधापन को ठीक करने के लिए:
हालाँकि इस बीमारी को ठीक करना संभव नहीं है लेकिन अगर हम ज्योतिष के तरीकों को अपनाते हैं तो बहुत से लाभ दिखाई पड़ सकते हैं |
- जिस अशुभ ग्रह के कारण जातक आँखों की समस्या से ग्रस्त हो रहा है उसकी शान्ति पूजा समय समय पर करवाते रहने से समस्या गंभीर नहीं हो पाती है |
- जन्म पत्रिका के अनुसार विशेष प्रकार के रत्न भी स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं |
- विशेष मंत्र जप भी शक्ति बढ़ाने का एक तरीका है।
- आत्म सम्मोहन तकनीक भी एक शानदार तरीका है शक्ति बढाने के लिए ।
मनोगत विज्ञान में कहा गया है कि इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। इसलिए अपने जीवन को ऊपर उठाने के लिए सर्वोत्तम संभव प्रयास करें।
अगर आप भी किसी प्रकार के स्वास्थ्य समस्या से गुजर रहे हैं तो ज्योतिषीय मार्गदर्शन भी आपके लिए काफी लाब्दायक रहेगा. जानिए आपके लिए कौन सी पूजा श्रेष्ठ रहेगी, कौन से दान से लाभ होगा, कौन सा रत्न भाग्य जागायेगा आदि |
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