वास्तु में खात मुहूर्त क्या है ?, जानते हैं फायदे इसके, कैसे कर सकते हैं निर्माण बिना किसी दिक्कत के?, क्या होगा अगर इसका ध्यान ना रखा जाए?
Vastu Me Khaat Mahurth Kya Hota Hai |
क्या होता है खात मुहूर्त ?
जब भी कोई निर्माण कार्य शुरू होता है तो एक विशेष दिशा में सबसे पहले २ फीट का गड्ढा खोद के वहां पे पूजन किया जाता है और वहां पर कुछ चीजो को रखके उसपे ईंटो को चुनवा दिया जाता है उसके बाद ही उस जगह पर निर्माण कार्य शुरू होता है| इसे ही खात मुहूर्त कहा जाता है |
खात मुहूर्त वास्तव में शेष नाग से जुड़ा हुआ है, शाश्त्रो में ऐसा बताया गया है की शेषनाग जी हर ३ महीने में अपनी स्थिति बदलते हैं और जिस तरफ उनका मूंह या पूँछ हो वहां पर कभी भी खात मुहूर्त नहीं करना चाहिए अन्यथा भयंकर हानि उठानी पड़ती है |
इसीलिए ये जरुरी है की अच्छे जानकार ज्योतिष और वास्तु विद से सही तरीके से परामर्श लेके और मुहूर्त निकलवा के ही निर्माण कार्य शुरू करवाएं |
सामान्य तौर पे खात मुहूर्त में पञ्च रत्न और ताम्बे के लौटे में गंगा जल भर के फिर उनकी पूजा करके रख दिया जाता है और उसके ऊपर ईंट चुनवा दिया जाता है |
आइये जानते हैं की कौन से पांच रत्न रखने चाहिए ?
- पुखराज
- मोती
- पन्ना
- हीरा
- माणिक
ज्योतिष और वास्तुविद क्या क्या देखते हैं ख़त मुहूर्त निकालने के समय ?
जब भी निर्माण शुरू करने के लिए मुहूर्त निकलवाना हो तो ऐसे में ज्योतिष खात मुहूर्त निकालके उस समय की कुंडली भी बनाते हैं और फिर ये जानते हैं की निर्माण फलदाई होगा या नहीं , कौन कौन से समस्या उत्पन्न हो सकती है और उसके लिए क्या किया जाना चाहिए | इसीलिए निर्माण कार्य शुरू करवाने से पहले अच्छे और अनुभवी ज्योतिष और वास्तु सलाहकार से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए | लाखो करोड़ो रूपए लगते हैं किसी बड़े निर्माण कार्य को करने में ऐसे में एक गलती बहुत नुक्सान दे सकता है और एक सही परामर्श जीवन भर का फायदा दे सकता है |
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आइये अब जानते हैं की कब किस दिशा में रहता है शेषनाग का मूंह:
- फाल्गुन, चैत्र और वैशाख महीने में नाग का मुंह पश्चिम दिशा में रहता है अतः इस दिशा में खात मुहूर्त नहीं होगा |
- ज्येष्ठ, अषाढ़ और श्रावन महीने में शेषनाग का मूंह उत्तर दिशा में होता है अतः इस समय अगर निर्माण कार्य शुरू करना हो तो उत्तर दिशा में खात नहीं करना चाहिए |
- भाद्रपद, अषाढ़ और कार्तिक मास में नाग का मुंह पूर्व दिशा में होता है अतः इस दिशा से खुदाई की शुरुआत नहीं करना चाहिए |
- मार्गशीर्ष, पौष और माग महीने में शेषनाग का मूंह दक्षिण दिशा में रहता है अतः इस समय अगर निर्माण कार्य शुरू करना होतो इस दिशा से खुदाई नहीं करना चाहिए |
आइये अब जानते हैं की गलत दिशा में खात कर दिया जाए तो क्या हानि हो सकती है निर्माण करता को?
- ऐसे में निर्माणकरता को गंभीर रोग हो सकता है |
- निर्माण के कार्य में अनेक प्रकार के बाधाएं आ सकती है |
- निर्माण के दौरान दुर्घटनाएं हो सकती है जिससे बाधा उत्पन्न होगी |
- माता पिता को कष्ट हो सकता है |
- कई बार निर्माण कार्य चलते चलते आधुरे ही रुक सकता है |
- कई बार निर्माण करता के परिवार में मृत्यु भी हो जाती है |
- रोग और शौक से बाधाएं उत्पन्न होने लगती है |
आइये अब जानते हैं की खात मुहूर्त करते समय किन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए ?
निर्माण कार्य या तो रहने के लिए करवाया जाता है या फिर व्यापार करने के लिए ऐसे में हमारे शाश्त्रो में बताये गए बातो का अगर ध्यान रखा जाए तो इसमें कोई शक नहीं की हम एक सुखी और संपन्न जीवन जी सकते हैं | खात मुहूर्त के समय हमे कई बातो का ध्यान रखना चाहिए जैसे –
- अगर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जाते समय कोई अपशकुन हो जाए तो उस दिन को टाल देना चाहिए |
- सामग्री उसी सदस्य से डलवानी चाहिए जिसका चन्द्र बल अच्छा हो उस समय |
- जिस समय का मुहूर्त निकला हो उस समय की कुंडली बनवाना चाहिए फिर जाके अंतिम निर्णय लेना चाहिए की उस समय निर्माण कार्य शुरू करवाना चाहिए या नहीं |
- निर्माण कार्य शुरू करवाने से पहले ब्राह्मण का , घर के बड़ो का आशीर्वाद लेना ना भूले |
- पूजन के समय सभी संतुष्ट हो , इस बात का विशेष ध्यान रखे |
इसके अलावा भी बहुत अन्य बाते होती है जिसका निर्णय स्थान, स्थिति और समय को देखते हुए देखा जाता है अतः बड़े कार्यो से पहले अच्छे ज्योतिष और वास्तु विद से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए |
आइये जानते हैं उन फायदों को जो की होता है अगर सही मुहूर्त में निर्माण कार्य शुरू किया जाए ?
- निर्माण करता को बिना परेशानी के निर्माण पूरा करने में मदद मिलने लगती है |
- निर्माण के दौरान दुर्घटनाएं होने असार ख़त्म हो जाते हैं |
- निर्माण सामग्री की पूर्ति बिना किसी परेशानी की होती रहती है |
- निर्माण कार्य समय पर होता है या फिर समय से पहले ही हो जाता है |
- अगर कमर्शियल प्रोजेक्ट हो तो मुनाफा जल्दी और जायदा होने की सम्भावना बढ़ जाती है |
- धनागमन के रास्ते खुलते हैं |
- स्वास्थ्य और सम्पन्नता आने लगती है |
अगर आप भी मकान, दूकान, काम्प्लेक्स आदि बनाने जा रहे हैं तो वास्तु परामर्श जरुर ले और पूरा फायदा उठायें |
जानिए ज्योतिष एवं वास्तुविद से की :
- कब शुरू करना चाहिए निर्माण कार्य |
- कैसा रहेगा निर्माण कार्य |
- किन यंत्रो की स्थापना करे वास्तु में |
- कैसे बढायें उर्जा को वास्तु में ?
- कौन से रत्न जगायेंगे भाग्य को ?
- कैसे बचाएं वास्तु को बुरी शक्तियों से ?
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