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Mangal Aur Shani Ka Shadashtak Yog Kya Prabhav Dega

Mangal Aur Shani Ka Shadashtak Yog Kya Prabhav Dega, Mangal kyu kar rahe hain amangal, Mangal Gochar kab badlega, mangal ka 12 rashiyo par kya prabhav hoga. मंगल ग्रह 20 october से कर्क राशि में हैं जो की इनकी नीच राशि है, वैसे तो मंगल लगभग 45 दिन में राशि परिवर्तन करते हैं पर इस बार ये काफी लम्बे समय तक इसी राशि में रहेंगे और साथ ही शनि के साथ इनका षडाष्टक योग बना रहेगा जो कुछ लोग के लिए बहुत ही हानिकारक रहेगा | आईये जानते हैं मंगल की चाल कैसी रहेगी आनेवाले समय में : मंगल कर्क राशि में 6 दिसंबर को वक्री होंगे | और फिर 2025 में 21 जनवरी को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे | और फिर 24 फ़रवरी को मिथुन राशि में मंगल मार्गी होंगे | और फिर 4 फ़रवरी को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे | मंगल का सम्बन्ध शक्ति से है, उग्रता से है इसीलिए मंगल का अमंगल प्रभाव हमे लोगो के जीवन में और मौसम पर भी देखने को मिलेगा | दुर्घटनाओं, युद्ध, मन मुटाव, मौसम में असामान्य बदलाव को बढ़ा रहा है मंगल.  Mangal Aur Shani Ka Shadashtak Yog Kya Prabhav Dega Watch Video Here आइये जानते हैं मंगल इस समय कर्क राशि में रहके शन

Budh grah shanti puja ke fayde in hindi jyotish

बुध ग्रह शांति पूजा के फायदे, kab karwana chahiye budh Shanti pooja, कैसे प्रभावित करता है जीवन को, अशुभ बुध ग्रह के उपाय ज्योतिष मे |

बुध एक ऐसा ग्रह है जो संचार शक्ति, मन की शक्ति, अध्ययन, व्यवसाय को संभालने के गुर, चतुराई आदि का प्रतिनिधित्व करता है। एक सफल व्यवसायी और लेखक बनने के लिए कुंडली में बुध का शक्तिशाली होना जरुरी होता है ।

बुध पूजा उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है, जिनके कुंडली में बुध कमजोर होता है, जिन लोगों को बात करने, व्यापार करने, निर्णय लेने में समस्या आ रही है |

Budh grah shanti puja ke fayde in hindi jyotish
Budh grah shanti puja ke fayde in hindi jyotish

आइये जानते हैं बुध ग्रह से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण बाते वैदिक ज्योतिष के हिसाब से :

  • कांसा  का सम्बन्ध बुध ग्रह से है ।
  • बुध का रत्न पन्ना होता है।
  • अंक ज्योतिष के हिसाब से बुध से संबंधित अंक है 5 | पढ़िए मूलांक 5 वाले कैसे जगा सकते हैं भाग्य |
  • बुध की दिशा उत्तर है और दिन बुधवार है।
  • बुध मिथुन और कन्यारा शी का स्वामी है।
  • कन्या राशि में बैठा बुध उच्च का होता है और मीन राशि में बैठा हो तो नीच का होता है ।
  • अगर जन्म कुंडली में बुध और सूर्य साथ में बैठे तो बुधादित्य राज योग का निर्माण करता है |

आइये जानते हैं बुध के नकारात्मक प्रभाव:

यदि कुंडली में बुध अशुभ हो या कमजोर हो तो यह कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करता है जैसे -
  1. स्मृति हानि, मानसिक समस्याएं, बुद्धि की कमी ।
  2. संवेदनशीलता की कमी भी बुध ग्रह के कारण देखा गया है।
  3. बुध कमजोर होने से बातचित करने में दिक्कत होती है।
  4. अशुभ बुध के कारण सूंघने की शक्ति भी प्रभावित होती है।
  5. व्यापार में भी हानि भी होता है, जातक सफलता के लिए सही कूटनीति नहीं बना पाता  ।
  6. अशुभ बुध के कारण नर्वस सिस्टम भी प्रभावित होता है।
  7. बुध वात से सम्बन्ध रखता है जिसके कारण यह श्वास संबंधी बीमारियों जैसे अस्थमा आदि के लिए भी जिम्मेदार है।
  8. यह व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन में भी प्रभाव डालता है और पौरुष शक्ति को भी प्रभावित करता है ।
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बुध ग्रह की शांति विभिन्न तरीकों से की जा सकती है:

  • बुध ग्रह के मंत्र का जाप और बुध की चीजों का दान करने से बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
  • अनुभवी ज्योतिष से या पंडित से आप बुध का शांति प्रयोग भी करवा सकते हैं |
  • भगवान गणेश की पूजा करना भी बुद्ध की समस्याओं से छुटकारा पाने का एक अच्छा तरीका है।
  • माँ दुर्गा की पूजा भी ऐसे में बहुत लाभ देती है |
  • बुधवार का व्रत भी शुभता लता है जीवन में |
  • अगर कुंडली में बुध शुभ हो परन्तु कमजोर हो तो ऐसे में बुध का रत्न पन्ना धारण करना शुभ होता है |
  • बुध का यंत्र सिद्ध करवा के स्थापित करके रोज उसके सामने बुध का मन्त्र जपना भी जीवन में शक्ति को बढ़ाता है |

आइये जानते हैं कब करवाना चाहिए बुध शांति पूजा ?

जीवन में बुध से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए बुध शांति पूजा, बुद्ध उपासना, बुध का व्रत आदि करना चाहिए । यह पूजा व्यक्ति को बुध के कारण उत्पन्न होने वाली अनेक जटिल समस्याओं से बचाता है ।

बुध की शक्ति से जातक का मन स्थिर होता है और वो हाजिर जवाब भी बनता है।

  • अगर कुंडली में बुध अशुभ हो तो ऐसे में समय समय पर शांति पूजा करवाते रहना चाहिए |
  • अगर महादशा या अन्तर्दशा में बुध चल रहा हो और कुंडली में ये ग्रह अशुभ हो तो ऐसे में भी बुध-शांति पूजा बहुत जरुरी होता है |
  • अगर गोचर कुंडली में mercury planet अशुभ हो जाये तो ऐसे में उन लोगो को बहुत परेशानी आती है जिनके कुंडली में बुध अशुभ हो या कमजोर हो तो ऐसे में भी बुध शांति का प्रयोग जरुरी होता है |
  • अगर बोलने में परेशानी आ रही हो, निर्णय लेने में समस्या आ रही हो, व्यापर में लगातार हानि हो रही हो तो ऐसे में कुंडली दिखवा के बुध की स्थिति को जानना चाहिए |

तो वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बुध ग्रह एक अती महत्त्वपूर्ण ग्रह है जो की जातक के व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक जीवन और कामकाजी जीवन को प्रभावित करता है | 

ये अगर जन्म कुंडली में ख़राब हो तो शांति पूजा और अन्य उपाय करने चाहिए|

अगर आप भी जानना चाहते हैं की आपकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति कैसी है तो आप ज्योतिष से संपर्क कर सकते हैं |

  • जानिए ग्रहों की स्थिति और शक्ति कैसी है आपके कुंडली में |
  • कौन सा रत्न धारण करना चाहिए ?
  • कौन सा दान आपके लिए उचित है |
  • कौन सी पूजा करनी चाहिए ?
  • कब होगा विवाह?
  • कैसे करे भ्ग्योदय ?

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Surya grah shanti pooja ke fayde in hindi

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