नवग्रहों के 9 बीज मंत्र, जानिए कौन सा मंत्र जपें 9 ग्रहों को खुश करने के लिए, क्या फायदे होते हैं नवग्रह के बीज मंत्रो के जप से, navagraha mantra lyrics, 9 navagraha mantra in Sanskrit|
नवग्रह मन्त्र के लाभ व महत्व | Navagraha Gayatri Mantra Benefits & Significance |
वेदों में हर ग्रह से सम्बंधित मंत्रो का वर्णन है जिनके जप से जातक अपने जीवन में सफलता को आकर्षित कर सकता है |
मंत्रो को दो कारणों से जपा जा सकता है एक तो उस ग्रह को खुश करने के लिए, शक्ति प्राप्त करने के लिए या फिर उस ग्रह से सम्बंधित समस्याओ को दूर करने के लिए अर्थात ग्रह शांति के लिए |
कुंडली में जब किसी ग्रह के कारण जातक परेशां होता है तो समाधान के लिए नवग्रह से सम्बंधित शांति पूजा करवाने या करने का सुझाव दिया जाता है |
हमारा पूरा जीवन पर 9 ग्रहों का प्रभाव रहता है वैदिक ज्योतिष के अनुसार और कोई भी ज्योतिष कुंडली में इन्ही ग्रहों के अध्यन करके भविष्यवाणी करते हैं |
ग्रह शुभ और अशुभ दोनों फल देते हैं समय समय पर और कुंडली में मौजूद अपनी शक्ति और स्थिति के अनुरूप |
जब हमारे ऊपर शुभ ग्रहों की दशा चलती है तो हमारे सभी काम आसानी से होते चले जाते हैं वहीँ अशुभ ग्रह की दशा में जातक परेशां हो जाता है, हर तरफ से निराशा हाथ लगती है | तो ऐसे में ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान किये जाते है समय समय पर | उन्ही में से एक है प्रकार है नवग्रह से सम्बन्धी बीज मन्त्र का जप करना, इससे मुसीबतों से छुटकारा मिलता है, भाग्योदय होता है, रुके काम पूरे होते हैं, जातक को धन, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य, संपत्ति की प्राप्ति होती है |
Read in english about Navagrah beej Mantra
आइये जानते हैं वेदों में नवग्रहों के कौन से 9 बीज मंत्र दिए गए हैं :
1. सूर्य ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से सूर्य ग्रह का सम्बन्ध पिता, नाम, यश, यात्रा, शक्ति, रचनात्मकता से है | अगर सूर्य के कारण जीवन में परेशानी आ रही हो तो ऐसे में सूर्ये के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और सूर्य शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
2. चंद्र ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ? :
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से चन्द्रमा ग्रह का सम्बन्ध माता, मन, मानसिक स्थिति, भावनाओं, यात्रा आदि से होता है | कुंडली में चन्द्रमा के ख़राब होने से जातक को बहुत परेशानी आती है ऐसे में चन्द्रमा के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और चन्द्र शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
3. मंगल ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?:
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से मंगल ग्रह का सम्बन्ध शक्ति, छोटे भाई बहन, भूमि, रक्त, गुस्सा, पराक्रम आदि से होता है | कुंडली में अगर मंगल ख़राब हो तो जातक को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में मंगल के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और मंगल शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
4. बुध ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?:
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बुध ग्रह का सम्बन्ध दिमागी शक्ति, बोलने की शक्ति, रचनात्मकता, चालाकी, आदि से होता है | कुंडली में अगर बुध ख़राब हो तो जातक को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में बुध के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और बुध शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
5. गुरु ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?:
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से गुरु ग्रह का सम्बन्ध शिक्षा, ज्ञान, गुरु, धन-संपदा आत्मबल आदि से होता है | कुंडली में अगर गुरु ख़राब हो तो जातक को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में गुरु के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और गुरु शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
6. शुक्र ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?:
ॐद्राँ द्रीं द्रों सः शुक्राय नमः
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से शुक्र ग्रह का सम्बन्ध प्रेम, रोमांस, रिश्ते, भौतिक सुख, विपरीत लिंग के सुख आदि से होता है | कुंडली में अगर शुक्र ख़राब हो तो जातक को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में शुक्र के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और शुक्र शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
7. शनि ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?:
ॐ प्राँ प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नमः
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से शनि ग्रह का सम्बन्ध मेहनत करने की क्षमता, अनुशाशन, लोहा, तेल, गुस्सा, भूमि, हड्डी, आदि से होता है |कुंडली में अगर शनि ख़राब हो तो जातक को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में शनि के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और शनि शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
8. राहु ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?:
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से राहू ग्रह का सम्बन्ध अचानक होनेवाली घटनाओं, गुस्सा, बिजली, प्रतिष्ठा, बीमारियाँ, नजर दोष आदि से होता है | कुंडली में अगर राहु ख़राब हो तो जातक को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में राहु के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और राहु शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
9. केतु ग्रह का बीज मन्त्र कौन सा है ?:
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से केतु ग्रह का सम्बन्ध भाग्य, अचानक होने वाली घटनाओं, नजर दोष, उपरी हवा, अजीबोगरीब बीमारियाँ आदि से होता है| कुंडली में अगर केतु ख़राब हो तो जातक को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में केतु के बीज मन्त्र का जप शुभ होता है और केतु शांति पूजा भी विधिवत करवाया जाए तो भी शुभ होता है |
तो हमने देखा कि 9 ग्रहों के बीज मंत्र कौन से हैं और इन्हें क्यों जपना चाहिए । आशा है कि मेरे ब्लॉग पाठक इन मंत्रों का लाभ अवश्य लेंगे।
यदि आप अपनी कुंडली दिखाना चाहते हैं और ज्योतिष के अनुसार अपनी समस्याओं का समाधान जानना चाहते हैं तो आपका स्वागत है | आप संपर्क कर सकते हैं ।
यदि आप अपने लिए या अपनों के लिए नवग्रहों के जाप करवाना चाहते हैं तो भी संपर्क कर सकते हैं |
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