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Guru Grah Ka Mrigshira Nakshatra Mai Gochar Ka Fal in Hindi

Guru Grah Ka Mrigshira Nakshatra Mai Gochar Ka Fal in Hindi , guru ka mrigshira nakshatr me pravesh kya prabhav dikhayega, rashifal,  Jupiter in Mrigshira Nakshatra Transit 2024. 20 अगस्त 2024 मंगलवार को ज्ञान, बुद्धि, अध्यात्म, धर्म, दर्शन और संतान आदि से सम्बंधित ग्रह गुरु, मंगल के नक्षत्र मृगशिरा में प्रवेश करेंगे और 28 नवम्बर 2024 तक इसी में रहेंगे |  Mrighsira Nakshatra : मृगशिरा नक्षत्र के देवता सोम अर्थात चन्द्रमा हैं और नक्षत्र स्वामी मंगल है। मृगशिरा नक्षत्र का सम्बन्ध वृषभ और मिथुन राशि से भी होता है जिसके कारण शुक्र और बुध का प्रभाव भी इस नक्षत्र पर देखा जाता है |  मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक कार्यो को करने में कुशल होता है, बलवान होता है, परिश्रमी, धनी होता है और संतुष्टि की तलाश में रहता है |  मृगशिरा नक्षत्र से सम्बंधित अक्षर हैं वे, वो, का, की | जब गुरु मंगल के नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तो शक्ति और ज्ञान का संगम होगा जिससे कुछ लोगो के जीवन में जबरदस्त परिवर्तन देखने को मिलेगा | कुछ लोगो को आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा |  Guru Grah Ka Mrigshira

Vedic ghadi Ka rahasya kya hai

 वैदिक घड़ी क्या है, vedic ghadi mai likhe shabdo ka arth, vedic ghadi ka maahttw|

वैदिक घड़ी और दूसरे घड़ी में अंतर सिर्फ इतना है की वैदिक घड़ी में हमे समय हमारे प्राचीन भाषा संस्कृत में मिलते हैं जिसका अपना ही महत्त्व है और ये शब्द अपने अन्दर गहरे अर्थ समाये हुए हैं | 

वैदिक घड़ी क्या है, vedic ghadi mai likhe shabdo ka arth, vedic ghadi ka maahttw||
Vedic ghadi Ka rahasya kya hai 
Read in english about Mystery of vedic watch

आइये जानते हैं इस घड़ी में समय को कैसे दर्शाया गया है :

समय वैदिक समय
1:00 ब्रह्म
2:00 अश्विनौ
3:00 त्रिगुणा:
4:00 चतुर्वेदा:
5:00 पंचप्राणा:
6:00 षड्र्सा:
7:00 सप्तर्षय:
8:00 अष्टसिद्धिय:
9:00 नवद्रव्याणि
10:00 दशदिशः
11:00 रुद्रा:
12:00 आदित्या:

वैदिक घड़ी में संस्कृत भाषा में समय को दर्शाया गया है जिसके अपने गहरे अर्थ है | 

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आइये जानते हैं वैदिक घड़ी में प्रयोग हुए शब्दों के अर्थ :

  1. ब्रह्म 1 के स्थान पे लिखा हुआ है जिसका अर्थ है की इश्वर एक है |
  2. अश्विनौ 2 बजे के स्थान पे लिखा है अर्थात अश्विनी कुमार दो हैं। नासत्य और द्स्त्र |
  3. त्रिगुणा: 3 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका मतलब है की गुण 3 होते हैं सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण
  4. चतुर्वेदा: 4 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका मतलब है वेद 4 होते हैं ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
  5. पंचप्राणा: 5 बजे के स्थान पर लिखा है जिसका अर्थ है प्राण 5 प्रकार के होते हैं प्राण, अपान, समान, उदान और व्यान।
  6. षड्र्सा: 6 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका अर्थ है रस 6 प्रकार के होते हैं-  मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय |
  7. सप्तर्षय: 7 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका अर्थ है सप्तऋषि 7 हुए हैं - कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ।
  8. अष्टसिद्धिय: 8 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका अर्थ है सिद्धियां आठ प्रकार की होती है - अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व।
  9. नवद्रव्याणि 9 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका अर्थ है 9 प्रकार की निधियां होती हैं। पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व।
  10. दशदिशः 10 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका अर्थ है दिशाएं 10 होती है- पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल।
  11. रुद्रा: 11 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका अर्थ है रूद्र 11 प्रकार के हैं – कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड और भव।
  12. आदित्या: 12 बजे के स्थान पे लिखा है जिसका अर्थ है सूर्य 12 प्रकार के होते हैं -अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु।

तो ये है हमारा सनातन धर्म जिसमे जो भी बताया गया है वो हमे अद्भुत शिक्षा देता है |

सिर्फ वैदिक घड़ी को अगर हम सभी समझे तो हमे वेद के सार को समझ सकते हैं |


vedic ghadi animation
vedic watch animation


पढ़िए वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रहों के बारे में 

वैदिक घड़ी क्या है, vedic ghadi mai likhe shabdo ka arth, vedic ghadi ka maahttw||

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