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शनि देव न्याय के देवता है और इसी कारण शनि की दशा में लोगो के जीवन में काफी बदलाव होने लगते हैं | ज्योतिष के हिसाब से शनि ग्रह का सम्बन्ध हड्डी, भूमि, लोहा, तेल, काले रंग, गंभीर बीमारियों से होता है इसी कारण ज्योतिशगण शनि की शक्ति, स्थिति का विशेष रूप से अध्ययन करते हैं कुंडली विश्लेषण के समय |
जब शनि की साड़े साती चलती है या धैया चलता है तो ऐसे समय में कुछ लोगो को बहुत ज्यादा परेशानियों से गुजरना पड़ता है ऐसे में शनि के मंत्रो का जप और शनि से सम्बंधित वस्तुओ के दान करने की सलाह दी जाती है |
Shani Gayatri Mantra Ke Fayde in hindi |
Read in Benefits of Shani Gayatri Mantra in english.
Shani Gayatri Mantra/शनि गायत्री मंत्र का जप एक शक्तिशाली और आसान उपाय है जिसके द्वारा शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है | जो भी स्त्री, पुरुष शनि देव की आराधना और स्तुति के लिए श्री शनि गायत्री मंत्र का पाठ करते हैं उनपे शनि देव की विशेष कृपा होती है |
Shani gayatri mantr बहुत से हैं जो की निचे दिए जा रहे हैं :
- || ॐ भग भवाय विद्महे मृत्यु-रूपाय धीमहि तन्नो शौरीहि प्रचोदयात् ||
- ||ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात ||
- ||ॐ शनैश्चराय विद्महे छायापुत्राय धीमहि तन्नो मंद: प्रचोदयात ||
- ||ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो सौरि: प्रचोदयात ||
Shani Gayatri Mantra Lyrics in English:
||Om Bhag Bhavaay Vidmahe Mrityu Rupaay Dheemahi Tanno Shourihi Prachodayat ||
||Om Kaakdhwajaay Vidmahe Khadag hastaay Dheemahi tanno Mandah Prachodayat ||
||Om Shanescharaay Vidmahe ChayaPutraay Dheemahi Tanno Mandah Prachodayat ||
||Om Surya Putray Vidmahe Mrityu Rupaay Dheemahi Tanno Shourihi Prachodayat ||
मन्त्र का अर्थ हिंदी में :
ॐ मैं उसका ध्यान करता हूँ जिसके ध्वज में कौआ है, जिनके हाथ में तलवार है, वह मुझे उच्च बुद्धि दे, और मेरे मन को प्रकाशित करे।
मै देवी छाया के पुत्र शनि देव का ध्यान करता हूँ | वह मुझे उच्च बुद्धि दे, और मेरे मन को प्रकाशित करे|
वैदिक ज्योतिष में शनि देव को कठोर ग्रह माना जाता है क्यूंकि ये न्यायाधीश है और हमे हमारे कर्मो के अनुसार समय समय पर शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं |
जिन लोगो के कुंडली में शनि ख़राब है वे अगर श्रद्धा और भक्ति से शनि गायत्री मंत्र का जप करते हैं तो निश्चित ही लाभ होगा |
आइये जानते हैं कैसे करें शनि देव का ध्यान और मंत्र जप :
- प्रातः काल ब्रह्म महुरत में उठके नित्य कर्मो से मुक्त हो जाए और अपने पूजा स्थान में जाए |
- ऊनि आसन बिछाएं और बैठ जाए |
- सबसे पहले भगवन गणेश का पूजन करें फिर |
- भगवन शनि की मूर्ति या फोटो की पूजा करें, उन्हें दीप, धुप , नैवेद्य अर्पित करे |
- अब शनि गायत्री मंत्र का जप शुरू करें |
- आप अपनी क्षमता अनुसार जप १०८, १००८ या अधिक कर सकते हैं |
- दीपक सरसों के तेल का जलना चाहिए |
कब कब करना चाहिए shani gayatri mantra का जप :
- प्रातः काल और संध्यां के समय जप करना ज्यादा अच्छा होता है |
- अगर आप रोज नहीं कर सकते हैं तो शनिवार को अवश्य करें |
- शनि जयंती के अवसर पर भी शनि गायत्री का जप करना अच्छा होता है |
आइये जानते हैं शनि गायत्री मंत्र जपने के लाभ क्या हैं ?
- अगर जन्म कुंडली में अशुभ शनि हो, कमजोर हो तो ऐसे में इसका जप लाभ देता है |
- जिनके लोगो के ऊपर शनि साड़े साती चल रही हो या धैया चल रहा है उन्हें भी शनि गायत्री मंत्र का जप रोज करना चाहिए |
- अगर महादशा, अन्तर्दशा या प्रत्यांतार्दशा में शनि चल रहे हो तो भी इस मंत्र का जप फायदा देगा |
- अगर गंभीर बिमारी से गुजर रहे हो तो शनि गायत्री का जप करना चाहिए अपने सामर्थ्य अनुसार |
- अगर वाहन और भूमि से नुकसान हो रहा है लगातार तो ऐसे में शनि देव की पूजा करके शनि गायत्री मंत्र का जप शुभ फल देता है |
- रोग, शोक, दुःख दरिद्रता, दुर्भाग्य को दूर करता है शनि गायत्री मंत्र का जप |
अतः हम शनि गायत्री का मंत्र जपते हुए उक्त बातों का भी ध्यान रखे तो बहुत जल्दी जीवन में सकारात्मक बदलाव होने लगेंगे शनिदेव की कृपा से |
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