पितृ गायत्री मंत्र | Pitra Gayatri Mantra Benefits, आइये जानते हैं कैसे करें पितृ गायत्री मन्त्र का जप, पितृपक्ष में कैसे करें पूजन ?
पितृ पक्ष एक ऐसा समय है जब हम सब पितरो की कृपा को आकर्षित कर सकते हैं विभिन्न प्रकार की पूजाएँ करके |
पितरो को प्रसन्न करने का एक बहुत ही अच्छा उपाय है पितृ गायत्री मंत्र का जप |
|| ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात् ||
श्राद्ध पक्ष में इस मंत्र का जप बहुत ही शुभ माना गया है और पितृ दोष को दूर करने में भी सहायक है |
Pitru Gayatri Mantra Ke Fayde in hindi |
हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की एकम तिथि से श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाता है जो की अमावस्या तक रहता है |
हमारे जो भी पूर्वज है उनको पितृ पक्ष में तिथि अनुसार भोग अर्पित किया जाता है और उनसे आशीर्वाद माँगा जाता है |
श्राद्ध पक्ष में पिंड दान भी काफी अच्छा माना जाता है जिससे की उनकी मुक्ति होती है उच्च गती होती है |
Read in english about Benefits of PITRU GAYATRI MANTRA
पितृ गायत्री मंत्र (Pitru Gayatri Mantra) 3 प्रकार से जप सकते हैं :
- ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्.
- ॐ आद्य भूताय विद्महे सर्व सेव्याय धीमहि। शिव शक्ति स्वरूपेण पितृ देव प्रचोदयात्।
- ॐ देवताभ्यरू पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च । नमरू स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमरू।
आइये जानते हैं कैसे करें पितृ गायत्री मन्त्र का जप :
- प्रातः काल जल्दी उठके नित्य क्रियाओं से मुक्त हो जाएँ |
- सफ़ेद ऊनि आसन बिछाएं |
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें सफ़ेद हो तो उत्तम है |
- पितरो के निमित्त एक धुप, दीप, भोग अर्पित करें |
- अगर केसर की धुप दे तो अति उत्तम होता है |
- अगर आप तर्पण करना जानते हैं तो वो करें |
- फिर पितृ गायत्री का अधिक से अधिक जप करें |
पितृपक्ष में कैसे करें पूजन ?
श्राद्ध पक्ष में तिथि अनुसार होता है पूजन अर्थात जिस तिथि में हमारे परिवार के सदस्य इस पृथ्वी पे देह त्यागते हैं उसी तिथि में पूजन किया जाता है उदाहरण के लिए अगर कोई ग्यारस तिथि में जाते हैं तो उनका श्राद्ध एकादशी तिथि को ही होगा | अगर किसी की तिथि ज्ञात न हो तो ऐसे में पितृ मोक्ष अमावस्या को उनका श्राद्ध कर सकते हैं |
- जिनका भी श्राद्ध करना हो उनकी तिथि पे संकल्प लेके पिंड दान, तर्पण करना चाहिए|
- फिर जितना हो सके पितृ गायत्री मन्त्र का जप भी करना चाहिए |
- गाय, कुत्ते, कौवेम चींटियो के लिए भी भोजन निकलना चाहिए
- फिर ब्राह्मण भोजन करवाना चाहिए |
इससे पितरगण प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं जिससे पितृ दोष ख़त्म होता है, परिवार में खुशियाँ आती है, अच्छी संतान उत्पन्न होती है, रोग-शोक जाते हैं, स्वास्थ्य, सम्पन्नता आती है |
POWERFUL PITRU GAYATRI MANTRA | Pitru Paksha Shradh | पितृ गायत्री मंत्र
ब्रह्मपुराण के अनुसार घर में किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्यो को करने से पहले पितृ पूजन करना चाहिए सभी को, इससे कार्यो में आने वाली बढायें ख़त्म होती है |
हिन्दुओ में पितृ पक्ष का बहुत अधिक महत्त्व है, ये समय साल में सिर्फ एक बार आता है १६ दिनों के लिए | हिन्दू पंचांग अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के १६ दिन पितरो के पूजा के लिए विशेष दिन होते हैं जब हम इस जन्म उनके कुल में पैदा होने के लिए उनका धन्यवाद करते हैं, उनके और स्वयं के उन्नति के लिए पूजाये करते हैं |
आइये जानते हैं पितृ गायत्री मंत्र जप के फायदे ?
- श्राद्ध पक्ष में pitru gayatri mantra के जप करने से पितर प्रसन्न होते हैं जिससे इस जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है |
- अगर कुंडली में पितृ दोष हो तो पितृ गायत्री मन्त्र के जप से दूर होता है |
- अगर कार्यो में बाधाएं आ रही है तो ऐसे में pitru gayatri mantra का जप फायदेमंद होता है |
- अगर संतान होने में परेशानी हो रही हो तो ऐसे में पितृ कृपा से स्वस्थ संतान होती है |
- इस मंत्र के जप से नाम और यश की प्राप्ति भी होती है |
- नौकरी या व्यापार में आने वाली बाधाएं नष्ट होती है |
तो इस प्रकार हम पितृ गायत्री मंत्र का जप करके जीवन को संवार सकते हैं | पुरे परिवार को मिलके pitru gayatri mantra जप करना चाहिए, श्राद्ध पक्ष में तो जरुर करना चाहिए पितृ गायत्री मन्त्र का जप |
पितृ गायत्री मंत्र | Pitra Gayatri Mantra Benefits, आइये जानते हैं कैसे करें पितृ गायत्री मन्त्र का जप, पितृपक्ष में कैसे करें पूजन ?
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