अगहन अमावस्या कब है, aghan amavasya 2024 की तिथि और मुहूर्त, जीवन की परेशानियां दूर करने के लिए क्या करें, सफल जीवन के ज्योतिष उपाय, ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ।
अगहन अमावस्या भी का बहुत अधिक महत्त्व है हिन्दू धर्म में, ये वो दिन है जब हम पितरो की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा अर्चना कर सकते हैं |
2024 Aghan Amavasya Date and Timings:
अगहन महीने की अमावस्या 30 नवम्बर को दिन में लगभग 10:31 बजे शुरू होगी और 1 दिसम्बर को दीन में लगभग 11:51 बजे तक रहेगी |
उदय तिथि के अनुसार अमावस्या का व्रत 1 दिसम्बर को किया जाएगा पर अमावस्या की रात्री 30 तारीख की रात्री रहेगी |
Aghan Amavasya Kab hai |
शाश्त्रो के अनुसार पितरो के लिए धुप ध्यान करने का सबसे अच्छा समय दोपहर का माना जाता है अतः 30 तारीख अर्थात शनिवार को पितरो के निमित्त दोपहर में धुप, ध्यान, तर्पण, पिंड दान आदि करना चाहिए |
1 दिसम्बर यानि रविवार को पवित्र नदी में स्नान करके दान, धर्म, ब्राहमण भोज आदि करना चाहिए |
Read in english about when is Aghan Amavasya?
आइये जानते हैं क्या कर सकते हैं अगहन अमावस्या को ?:
हम इस दिन निम्न प्रयोग कर सकते हैं –
- अगर कुंडली में कालसर्प योग हो तो उसके लिए पूजा कर सकते हैं |
- अगर कुंडली में पितृ दोष हो तो इस दिन शांति पूजा कर सकते हैं |
- जो लोग किसी प्रकार के प्रेत दोष से ग्रस्त है, वे लोग भी शांति पूजा करवा सकते हैं |
- जिनके कुंडली में शनि ग्रह ख़राब हैं वे भी इस दिन शनि शान्ति के उपाय कर सकते हैं |
आइये जानते हैं Aghan Amavasya के लिए कुछ आसान उपाय :
- अपनी क्षमता अनुसार इस दिन अन्न, धन, वस्त्र का दान करें जरुरत मंदों को | इससे अनेक दोषों और पापों से मुक्ति मिलती है |
- इस दिन पीपल के पेड़ की सेवा करनी चाहिए और वहां पर दीपक और भोग रखना चाहिये |
- अगर घर में नकारात्मक उर्जाव का असर है तो ऐसे में अमावस्या को राई की धुप दीजिये पुरे घर में |
- पितरो को प्रसन्न करने के लिए केसर की धुप दीजिये घर में |
- इस दिन पिंड दान और तर्पण करने से जीवन में आने वाले अदृश्य बाधाएं नष्ट होती है और पितरो की कृपा से जीवन में सुख बढ़ता है |
- हम भगवान शिव और विष्णुजी के मंत्रो का जप भी कर सकते हैं |
आइये जानते हैं की ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी Aghan amavasya ko :
- गोचर कुंडली में सूर्य मित्र राशि वृश्चिक में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने नीच राशी वृश्चिक में रहेंगे |
- मंगल अपने नीच राशी कर्क में रहेंगे |
- बुध अपने सम राशी वृश्चिक में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशी वृषभ में रहेंगे |
- शुक्र अपने मित्र राशि धनु में रहेंगे |
- शनि स्व राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहु और केतु अपने मित्र राशि में रहेंगे |
- बुधादित्य राजयोग भी बना रहेगा गोचर कुंडली में |
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