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Bhariav Ashtmi Ka Mahattw

कौन है भैरव जी, काल भैरव की पूजा से क्या फायदे होते हैं, उज्जैन में मौजूद अष्ट-भैरव, भैरव अष्टमी का महत्त्व, उज्जैन में कैसे मनता है काल भैरव अष्टमी, भैरव पूजा से समस्या समाधान, kab hai kalbhairav ashtm i 2024. साल 2024 में 22 November, Shukrwar को भैरव अष्टमी मनाई जाएगी | अष्टमी तिथि 22 तारीख को शाम में लगभग 6:10  बजे से शुरू होगी और 23 तारीख को शाम को लगभग 7:58 तक रहेगी | Bhariav Ashtmi  2024: हिन्दू पंचाग के अनुसार अगहन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिन भैरव जी का जन्म हुआ था. उज्जैन में भैरव अष्टमी बहुत ही हर्षोल्लास से मनता है. इस दिन काल भैरव मंदिर और अष्ट भैरव मंदिरों को खूब सजाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना होती है. अर्ध रात्री को बाबा की आरती की जाती है.  कौन है काल भैरव ? भगवन शिव के रूद्र अवतार के रूप में काल भैरव को पूजा जाता है | ये शिवजी का प्रचंड रूप है  और इनकी पूजा से हर प्रकार के डर से जातक को निजात मिलती है |  जो लोग तंत्र में प्रवेश करना चाहते हैं वे भी इनकी पूजा से जल्द से जल्द सफलता प्राप्त करते ह

Hanuman Ashtak lyrics with hindi meaning

Sankatmochan Hanuman Ashtak | संकट मोचन हनुमानाष्टक lyrics meaning in hindi, क्या फायदे है हनुमान अष्टक को पढने के ?|

अगर जीवन में शत्रु बाधा हो, अनचाहा भय परेशां कर रहा हो, किसी से बात करने में झिझकते हो, किसी ने कुछ कर दिया हो, नकरात्मक शक्तियों के कारण रोग और शोक ने घेर लिया हो तो ऐसे में हनुमान जी की पूजा से बहुत फायदा होता है |संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है।

Sankatmochan Hanuman Ashtak | संकट मोचन हनुमानाष्टक lyrics meaning in hindi, क्या फायदे है हनुमान अष्टक को पढने के ?|
Hanuman Ashtak lyrics with hindi meaning

॥ हनुमानाष्टक ॥

बाल समय रवि भक्षी लियो तब,

तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।

ताहि सों त्रास भयो जग को,

यह संकट काहु सों जात न टारो ।

देवन आनि करी बिनती तब,

छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥

Hanuman ashtak lyrics


बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,

जात महाप्रभु पंथ निहारो ।

चौंकि महामुनि साप दियो तब,

चाहिए कौन बिचार बिचारो ।

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,

सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥

Hanuman ashtak lyrics


अंगद के संग लेन गए सिय,

खोज कपीस यह बैन उचारो ।

जीवत ना बचिहौ हम सो जु,

बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।

हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,

लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥

Hanuman ashtak lyrics


रावण त्रास दई सिय को सब,

राक्षसी सों कही सोक निवारो ।

ताहि समय हनुमान महाप्रभु,

जाए महा रजनीचर मरो ।

चाहत सीय असोक सों आगि सु,

दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥

Hanuman ashtak lyrics


बान लाग्यो उर लछिमन के तब,

प्राण तजे सूत रावन मारो ।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत,

तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।

आनि सजीवन हाथ दिए तब,

लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥

Hanuman ashtak lyrics


रावन जुध अजान कियो तब,

नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,

मोह भयो यह संकट भारो I

आनि खगेस तबै हनुमान जु,

बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥

Hanuman ashtak lyrics


बंधू समेत जबै अहिरावन,

लै रघुनाथ पताल सिधारो ।

देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,

देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।

जाये सहाए भयो तब ही,

अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥

Hanuman ashtak lyrics


काज किये बड़ देवन के तुम,

बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।

कौन सो संकट मोर गरीब को,

जो तुमसे नहिं जात है टारो ।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,

जो कछु संकट होए हमारो ॥ ८ ॥


॥ दोहा ॥

लाल देह लाली लसे,

अरु धरि लाल लंगूर ।

वज्र देह दानव दलन,

जय जय जय कपि सूर ॥

पढ़िए हनुमानजी के हवन से क्या फायदे होते हैं ?

हनुमान अष्टक का अर्थ हिंदी में :

  1. हे हनुमान जी ! आपने बचपन में ही सूर्य को निगल लिया था, जिससे तीनों लोकों में अन्धकार फैल गया और सारे जगत में भय व्याप्त हो गया। इस संकट का कोई समाधान नहीं था। तब देवताओं ने आपसे प्रार्थना की और आपने सूर्य को मुक्त कर दिया और इस प्रकार सभी की जान बच गई। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 1॥
  2. सुग्रीव बाली के भय से ऋष्यमूक पर्वत पर निवास करते थे। एक दिन जब सुग्रीव ने राम और लक्ष्मण को देखा, तो वह उन्हें बाली द्वारा भेजे गए योद्धा के रूप में देखकर भयभीत हो गया। तब हे हनुमान जी ! ब्राह्मण का वेश बनाकर आपने भगवान श्री राम का रहस्य जान लिया और उन्हें सुग्रीव का मित्र बना लिया। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 2॥
  3. जब सुग्रीव ने आपको सीता माता की खोज में अंगद, जामवंत आदि के साथ भेजा, तो उन्होंने कहा कि जो कोई भी सीता को खोजे बिना यहां आएगा, मैं उसे दंड दूंगा। जब सीता की खोज में सारे वानर थके-हारे समुद्र तट पर बैठे थे, तब तूने लंका जाकर सीता माता को पाया और सबकी जान बचाई। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 3॥
  4. जब माता सीता, जो रावण द्वारा दिए गए कष्टों से बहुत दुखी थीं और अपना जीवन समाप्त करना चाहती थीं, तब हे हनुमान जी! आपने महान और बहादुर राक्षसों को मार डाला। अशोक वाटिका में बैठी सीता दुखी होकर अशोक वृक्ष से चिता के लिए अग्नि मांग रही थी तो आपने श्रीराम की अंगूठी देकर माता सीता के दुखों का समाधान किया। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 4॥
  5. जब मेघनाद ने अपने शक्ति बाण से लक्ष्मण पर आक्रमण किया और लक्ष्मण मूर्छित हो गए तब हे हनुमान जी! आपने लंका से सुषेना नाम का एक वेद अपने पूरे घर सहित उठाया और उनकी सलाह पर द्रोण पर्वत को उखाड़कर संजीवनी बूटी ले आए और लक्ष्मण की जान बचाई। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 5॥
  6. युद्ध में, रावण ने राम और लक्ष्मण को नाग-पाशा से एक दिव्य हथियार बांध दिया। इससे श्रीराम की सेना पर घोर संकट आ गया। तब हे हनुमान जी ! आपने गरुड़ (पक्षियों के राजा) को बुलाया और राम और लक्ष्मण को नाग-पाशा के बंधन से मुक्त किया और श्री राम की सेना पर आए संकट को दूर किया। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 6॥
  7. लंका युद्ध में रावण के कहने पर जब अहिरावण ने धोखे से राम-लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक में ले जाकर अपने देवता के सामने बलि देने की तैयारी की थी। तब हे हनुमान जी ! आपने राम की मदद की और पूरी सेना के साथ अहिरावण का वध किया। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 7॥
  8. हे हनुमान जी ! तुमने देवताओं के लिए बड़े बड़े काम किए हैं। मेरी हर समस्या का समाधान आपके पास है। हे हनुमान जी ! कृपया मेरे सभी कष्टों को शीघ्र दूर करें। दुनिया में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम यानी विघ्नों को दूर करने वाला नहीं जानता। 8॥
हे हनुमान जी ! आपका लाल शरीर सिंदूर से सुशोभित है। आपका शरीर वज्र के समान है जो राक्षसों का नाश करता है। आपकी जय हो, जय हो, जय हो।

हनुमान अष्टक के पाठ के अनेक फायदे हैं ?

  1. अगर जीवन में शत्रु बाधा हो तो रोज इसका पाठ करना चाहिए |
  2. अगर किसी प्रकार के अनचाहे भय से आप परेशान है तो ऐसे में रोज 3 समय hanuman ashtak का पाठ करें |
  3. अगर अगर आपको लगता है की आपके ऊपर किसी ने कुछ कर दिया है तो ऐसे में आपको इसका पाठ नियमित पाठ करना चाहिए |
  4. कैसी भी गंभीर समस्या हो अगर हनुमान अष्टकम का पाठ नियमित किया जाए तो इसमें कोई शक नहीं की हम एक सफल जीवन जी सकते हैं |

जानिए वैदिक ज्योतिष के माध्यम से -
  • जीवन में परेशानी के क्या कारण है ?
  • प्रेम जीवन कैसा रहेगा ?
  • वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा ?
  • करियर में तरक्की के लिए क्या करना चाहिए कुंडली अनुसार ?
  • कौन सा रत्न धारण करना चाहिए भाग्योदय के लिए ?

Sankatmochan Hanuman Ashtak | संकट मोचन हनुमानाष्टक lyrics meaning in hindi, क्या फायदे है हनुमान अष्टक को पढने के ?|

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