MRITYUNJAY SANJEEVANI MANTRA, मृत्युंजय संजीवनी मन्त्र, रोग, अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला मन्त्र |
किसी भी प्रकार के रोग और शोक से बचाता है ये शक्तिशाली मंत्र |
रोग, बुढ़ापा, शारीरिक कष्ट से कोई नहीं बचा है परन्तु जो महादेव के भक्त है और जिन्होंने उनके मृत्युंजय मंत्र को जागृत कर लिए है वे सहज में ही जरा, रोग, अकाल मृत्यु से बच जाते हैं |
आइये जानते हैं mrityunjaysanjeevani mantra :
ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।।
Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah ||
मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का हिंदी अर्थ इस प्रकार है :
है कि हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव मैं आपकी शरण में आया हूं, मेरी रक्षा करें। मुझे मृत्यु, वृद्धावस्था, बीमारियों जैसे दुख देने वाले कर्मों के बंधन से मुक्त करें।
Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde |
आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के क्या क्या फायदे हैं :
भोलेनाथ दयालु है कृपालु है, महाकाल है अर्थात काल को भी नियंत्रित करते हैं इसीलिए शिवजी के भक्तो के लिए कुछ भी दुष्कर नहीं रहता |
- जब ख़राब ग्रहों के कारण स्वास्थ्य परेशानी से कोई गुजर रहा हो और कोई रास्ता न दिख रहा हो तो ऐसे में मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का जप करें |
- भौतिक और अध्यात्मिक पीड़ा से भी मुक्ति दिलाता है ये mrityunjay sanjeevani mantra.
- शनि की साढ़ेसाती और ढैया के परेशानियों से भी बचाता है इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप |
- अगर कुंडली में दुर्घटना के योग हो या फिर गंभीर बिमारी के योग हो तो ऐसे में इस शक्तिशाली शिव मंत्र का जप बचा लेता है |
आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र को कब से जपना शुरू करना चाहिए शीघ्र परिणाम के लिए ?
वैसे तो जरुरत पड़ने पर कभी भी तुरंत शुरू कर सकते हैं जप परन्तु कुछ विशेष दिन भी होते हैं जैसे -
- सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि का योग तो शुरू कर सकते हैं |
- शिव चतुर्दशी से मन्त्र जाप शुरू कर सकते हैं |
- सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण को तो जरुर जपना चाहिए |
- होली और दिवाली की रात्री से भी जाप शुरू कर सकते हैं |
- नवरात्री से मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का जाप शुरू कर सकते हैं |
- शिव रात्री से शुरू कर सकते हैं mrityunjay sanjeevani mantra का जप |
अगर स्वास्थ्य समस्या बहुत ज्यादा गंभीर हो तो ऐसे में मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का सवा लाख जाप करके, हवन, तर्पण, मार्जन, ब्राह्मण भोज करवाने से शीघ्र लाभ मिलता है |
तो आइये करते हैं mrityunjay sanjeevani mantra का जप |
ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।।
Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah ||
अगर आप स्वयं अनुष्ठान करने में असमर्थ है तो जानकार से करवा भी सकते हैं |
पढ़िए शिवलिंग पूजा द्वारा कैसे करें मनोरथ सिद्धि ?
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