Surya Dwadash Naam Stotra, सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र, सूर्य देव के 12 नाम का जप सफलता के लिए |
सूर्यदेव ग्रहों के राजा है और सबसे ज्यादा तेजस्वी है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में अगर सूर्य बलवान हो तो जातक को राज सम्मान प्राप्त होता है, समाज में यश प्राप्त होता है, विद्या प्राप्त होता है, पैतृक संपत्ति प्राप्त होती है आदि |
सूर्य ग्रह की कृपा को प्राप्त करने के लिए जो सबसे आसान तरीका है वो है उनके 12 नामो का जप | सूर्य द्वादश नाम स्तोत्रम् के प्रभाव से जातक के अन्दर ऊर्जा का संचार होता है।
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Surya Dwadasnam Strotram Lyrics |
जो भी सूर्यदेव के इन 12 नमो का जप करता है प्रातः काल उसे बुरे स्वप्नों से छुटकारा मिलता है, सारे दुःख दूर होते हैं | जातक को सभी प्रकार के सुखो की प्राप्ति होती है और सारे कार्य सिद्ध होते हैं |
सूर्य देव की उपासना से रोग दूर होते हैं।
इस स्तोत्र के फलस्वरूप सामाजिक समाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
नेत्र से जुड़े रोगों में भी इस स्तोत्र के पाठ से लाभ होता है।
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आइये जानते हैं सूर्य भगवान के द्वादश नाम / Lyrics of Surya Dwadasa Nama Stotram
ॐ सूं सूर्याय नमः ।
आदित्यः प्रथमं नाम द्वितीयं तु दिवाकरः ।
तृतीयं भास्करः प्रोक्तं चतुर्थं तु प्रभाकरः ॥
पञ्चमं तु सहस्रांशुः षष्ठं त्रैलोक्यलोचनः ।
सप्तमं हरिदश्वश्च अष्टमं च विभावसुः ॥
नवमं दिनकरं प्रोक्तो दशमं द्वादशात्मकः ।
एकादशं त्रयोमूर्तिः द्वादशं सूर्य एव च ॥
|| इति सूर्यद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ||
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सूर्य के 12 नामो के जप का फल निम्न प्रकार से बताया गया है :
द्वादशादित्यनामानि प्रातः काले पठेन्नरः।
दुःस्वप्ननाशनं चैव सर्वदुःखं च नश्यति ॥
दह्रकुष्ठहरं चैव चैव दारिद्र्यं हरते ध्रुवम् ।
सर्वतीर्थप्रदं चैव सर्वकार्यप्रवर्द्धनम् ॥
यः पठेत् प्रातरुत्थाय भक्त्या नित्यमिदं नरः ।
सौख्यमायुस्तथारोग्यं लभते मोक्षमेव च ॥
|| इति सूर्यद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ||
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Surya Dwadash Naam Stotra, सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र, सूर्य देव के 12 नाम का जप सफलता के लिए |
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