कुंडली का नवां भाव, Kundli ka navam bhaav, 9th House in birth chart | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नवम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है ? |
जन्म पत्रिका का नवां भाव धर्म से सम्बन्ध रखता है, पिता से जुड़ा हुआ है, भाग्य से सम्बन्ध रखता है, गुरु कृपा को बताता है | इस जीवन में भाग्य का क्या प्रभाव रहेगा इसकी जानकारी नवम भाव के अध्ययन से पता चलता है | जीवन में संघर्ष का स्तर क्या रहेगा इसका पता चलता है | जातक की प्रवृत्ति धर्म की तरफ कितनी रहेगी ये भी इसी भाव से पता चलता है | जीवन में शिक्षा –दीक्षा के बारे में भी जाना जाता है | जातक को पिता से क्या लाभ हो सकता है इसका अध्ययन भी कुंडली के नवम भाव से किया जाता है |
Janm Kundli ka NAVAM BHAV Kya Batata Hai |
आइए जानते हैं कुछ और महत्त्वपूर्ण बातें जन्म कुंडली के नवं भाव के बारे में :
- जन्म पत्रिका के नवें भाव को भाग्य भाव या पितृ भाव या धर्म भाव के नाम से भी जानते हैं वैदिक ज्योतिष में |
- नवम भाव से सम्बंधित प्राकृतिक स्वामी ग्रह और राशि हैं बृहस्पति और धनु|
- जातक के शिक्षा का स्तर, ज्ञान का स्तर,अध्यात्म में रूचि और सफलता का अध्ययन जन्म कुंडली के नवम भाव से किया जा सकता है |
- जीवनसाथी के पराक्रम के बारे में भी जाना जाता है इस भाव से |
आइये अब जानते हैं की कुंडली के नवम भाव में विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ता है ?:
जन्म कुंडली के नवम भाव में सूर्य ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को अपार सफलता देता है, विद्वान् बनाता है, जातक तीर्थ यात्रायां करता है, ज्ञानी लोगो के साथ उसके अच्छे सम्बन्ध बनते हैं, पैतृक संपत्ति प्राप्त होती है | धर्म और शिक्षण के क्षेत्र में अगर काम करें तो अपार सफलता प्राप्त होती है |
कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर सूर्य जातक को हर कदम में संघर्ष देता है, पिता से मन मुटाव करा सकता है, जातक झूठी शान दिखाने में धन व्यय कर सक
ता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में चन्द्रमा ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली चंद्रमा जातक को देवी कृपा दिलवाता है, अच्छी काल्पनिक शक्ति देता है | ऐसे जातक भावुक भी होते हैं और धर्म के प्रति भी विशेष समझ रखते हैं |
कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर चंद्रमा जातक को संबंधो में धोखा दिला सकता है, जातक अन्धविश्वासी हो सकता है | सुख पाने की लालसा में इधर उधर भटकता रहता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में मंगल ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली मंगल जातक को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए दृड़ ईच्छा शक्ति देता है | समाज में क्रान्ति लाने की शक्ति ऐसे लोगो में होती है |
कुंडली के नवं भाव में अशुभ या कमजोर मंगल के कारण जातक रूडिवादी परंपरा शिकार हो सकता है | जातक अपने पराक्रम का सही स्तेमाल करने से वंचित रह सकता है जिसके कारण अवसाद से भी गुजरता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में बुध ग्रह का प्रभाव :
जन्म कुंडली के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली बुध जातक को विद्वान् बनाता है, अच्छा सलाहकार बनने में मदद करता है, जातक अच्छा प्रेरक बन सकता है |
कुंडली के नवम भाव में अशुभ और कमजोर बुध जातक को विद्या प्राप्त करने में परेशानी दे सकता है और समाज में अच्छा नेटवर्क बनाने में भी परेशानी उत्पन्न करता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में बृहस्पति ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली गुरु जातक को अद्भुत शक्तियां प्रदान करता है, जातक समाज में एक आदर्श बन सकता है, शिक्षण के क्षेत्र में अद्भुत सफलता प्राप्त कर सकता है, अध्यात्म जगत में नाम कर सकता है |
कुंडली के नवें भाव में अशुभ या कमजोर बृहस्पति जातक को अपने विद्या का पूरा लाभ नहीं लेने देता है, जातक को सफलता देर से मिलती है जिसके कारण अवसाद भी होता रहता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली शुक्र जातक के व्यक्तित्त्व में आकर्षण शक्ति देता है जिससे वो समाज में बहुत अच्छे सम्बन्ध बना पाता है | कला जगत के साथ अगर जातक काम करें तो अपार सफलता प्राप्त करता है | संगीत, नृत्य, एक्टिंग आदि में विशेष रूचि देखि जाती है |
कुंडली के नवें भाव में अशुभ या कमजोर शुक्र जातक की मुश्किलें बढ़ा सकता है| प्रेम संबंधो में धोखा हो सकता है, समाज में नाम और यश प्राप्त करने में समस्या दे सकता है, व्यक्तिगत सुखो में कमी ला सकता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में शनि ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली शनि जातक को नैतिकता देता है, सिद्धांतवादी बनाता है, अनुशाशन प्रिय बनाता है, धार्मिक बनाता है,भूमि से लाभ दिलवाता है |
कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक को कानूनी समस्या में फंसा सकता है, पैतृक संपत्ति प्राप्त करने में परेशानी दे सकता है, जातक अपने पराक्रम का सही स्तेमाल नहीं कर पाता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में राहु ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली राहु जातक को विशेष प्रकार का जुनून देता है अपने लक्ष्य के प्रति | ऐसे जातक जीवन में कुछ विशेष जरुर करते हैं जिसके कारण उन्हें जाना जाता है लम्बे समय तक | ऐसे लोगो का व्यक्तित्त्व थोडा रहस्यमय भी होता है |
कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर राहु जातक को आलसी बना सकता है, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गलत तरीके भी जातक स्तेमाल कर सकता है | जातक काली शक्तियों को भी सिद्ध करने में उलझ सकता है | जातक नशे में भी बर्बाद हो सकता है |
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जन्म कुंडली के नवम भाव में केतु ग्रह का प्रभाव :
जन्म पत्रिका के नवें भाव में शुभ और शक्तिशाली केतु जातक को अध्यात्म जगत में विशेष सफलता दिला सकता है, धर्म और दर्शन शाश्त्र का ज्ञान जातक को होता है | जातक सत्य को जानने के लिए विशेष प्रयत्न करता है |
कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर केतु जातक को अलसी बना सकता है, धन हानि करा सकता है, पिता से बैर करा सकता है, जीवन में हर क्षेत्र में संघर्ष दे सकता है |
तो इस प्रकार हमने जाना की वैदिक ज्योतिष में कुंडली का नवम भाव क्या महत्त्व रखता है इस भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ता है |
अगर आप अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं तो ज्योतिष से संपर्क करें |
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कुंडली का नवां भाव, Kundli ka navam bhaav, 9th House in birth chart | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नवम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है ? |
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