Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

April Mai Kaun Se Grah Badlenge Raashi

April 2025 Grah Gochar,  अप्रैल 2025 मे कौन से ग्रह बदलेंगे राशि, which  planets will change zodiac in april 2025, जानिए राशिफल और महत्त्वपूर्ण बदलाव ज्योतिष अनुसार. April 2025 Grah Gochar:   एक अद्भुत महिना होने वाला है क्यूंकि इस बार अप्रैल मे बहुत से महत्वपूर्ण त्यौहार आयेंगे साथ ही गोचर कुंडली में बहुत बड़े बदलाव होने वाले हैं.  April Mai Kaun Se Grah Badlenge Raashi आइये जानते हैं क्या बदलाव होंगे गोचर कुंडली में इस महीने :  April 2025 Grah Gochar 1 अप्रैल मंगलवार को प्रातः 6:05 पे शुक्र ग्रह गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में प्रवेश करेंगे और २६ अप्रैल तक इसी में रहेंगे.  3 अप्रैल 2025 को शाम 6 बजकर 41 मिनट पर बुध ग्रह गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में गोचर करेंगे। 03 अप्रैल को लगभग 1:31 AM पे मंगल ग्रह चन्द्रमा की राशि कर्क में गोचर करेंगे और 06 जून तक इसी में रहेंगे. Read Rashifal Here   April 2025 Grah Gochar 6 April को शनि उदय होंगे. 7 April को बुध शाम को लगभग 4:01 बजे मार्गी होंगे.  11 april को गुरु ग्रह मंगल के नक्षत्र मृगशिरा में प्रव...

Kundli ka shashtham bhaav kya batata hai

कुंडली का छष्ठ भाव, Kundli ka shashtham bhaav, 6th House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के छष्ठम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? |

हमारी जन्म कुंडली में छठा भाव अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण है | ये जीवन के अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों से जुड़ा हुआ है जैसे की हमारे शत्रु, चिंता, रोग, ऋण, मुक़दमे बाजी, शोक, दुःख, अपयश आदि | कुंडली का छठा भाव हमारे अन्दर की भावनाओं को भी व्यक्त करता है  |

कुंडली का छष्ठ भाव, Kundli ka shashtham bhaav, 6th House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के छष्ठम भाव पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव
Kundli ka shashtham bhaav kya batata hai

Read in english about 6th house in Horoscope

आइये अब और जानते हैं विस्तार से जन्म पत्रिका के छठे भाव के बारे में :

  1. कुंडली के छष्ठम भाव को शत्रु भाव के नाम से भी जाना जाता है |
  2. इस घर से सम्बंधित प्राकृतिक ग्रह और राशि बुध और कन्या है |
  3. कानूनी मामलो में, षड़यंत्र में फंसने के योग भी इसी भाव के अध्ययन से पता चलता है |
  4. इस भाव से शत्रु, चिंता, रोग, ऋण, मुक़दमे बाजी, शोक, दुःख, अपयश आदि का पता चलता है |
  5. माता के छोटे भाई बहन की स्थिति का पता इस भाव से लगता है |
  6. जीवनसाथी के खर्चे यात्राओं और रोग का अध्ययन भी इस भाव से किया जा सकता है |

आइये जानते हैं की जन्म कुंडली के छठे भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ता है ?

सूर्य का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म कुंडली के षष्टम घर में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को अनुशाशनप्रिय बनाता है | जातक शत्रुओं का दमन करनेवाला होता है | जातक की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है |

कुंडली के छठे भाव में अशुभ या कमजोर सूर्य जातक के जीवन में अनेक प्रकार के मुसीबतों को उतपन्न करता है, कानूनी मामलो में उलझाता है, मामा परिवार से जातक का सम्बन्ध ख़राब हो सकता है | गलत संगत के कारण जातक धन बर्बाद कर सकता है और कर्जे में जीवन जी सकता है, बदनामी हो सकती है |

पढ़िए कमजोर सूर्य का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

चंद्रमा का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म  कुंडली के षष्ठ भाव में शुभ और शक्तिशाली चंद्रमा जातक को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है, अच्छे लोगो की संगत देता है, जो लोग व्यापार में हैं उन्हें अच्छे सहयोगी प्राप्त होते हैं, 

षष्ठम भाव अशुभ या कमजोर चंद्रमा जातक को रोगी बनाता है, शत्रुओं से परेशानी देता है, विभिन्न प्रकार की चिंताएं और तनाव देता है | 

पढ़िए कमजोर चन्द्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

मंगल का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म कुंडली के छठे भाव में शक्तिशाली और शुभ मंगल जातक को पराक्रमी बनाता है, जातक के जीवन साथी को भूमि से लाभ करवाता है, शत्रुओ पर जीत हासिल करवाता है, चुनौतियाँ जातक के जीवन का हिस्सा होती है 

इस घर में अशुभ या कमजोर मंगल जातक को झगडालू बना सकता है, कर्ज में डुबो सकता है, कानूनी परेशानियों में फंसा सकता है, भयंकर शारीरिक परेशानियाँ दे सकता है |

पढ़िए कमजोर मंगल का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

बुध का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

कुंडली के छठे भाव में शुभ और शक्तिशाली बुध जातक को बचत करने वाला बनाता है, निवेशक बनाता है| जातक का जीवनसाथी मनोरंजन और मेल जोल में काफी खर्चा करनेवाला होता है | 

छठे भाव में अशुभ और कमजोर बुध जातक को गलत संगत देता है, जातक अपना धन अनैतिक कार्यो में बर्बाद कर सकता है | बैचिनी, तनाव जातक के जीवन का अंग हो जाता है |

पढ़िए कमजोर बुध का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

गुरु का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म कुंडली के षष्टम भाव में शुभ और शक्तिशाली बृहस्पति जातक को आर्थिक रूप से सक्षम बनाता है, जातक शत्रुओ का दमन करने वाला होता है, जातक का जीवनसाथी और संतान भी बुद्धिमान होती है |

कुंडली के षष्ठ भाव में अशुभ या कमजोर बृहस्पति जातक को रोगी, कर्जदार, असफल व्यापारी बना सकता है |

पढ़िए कमजोर गुरु का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

शुक्र का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म कुंडली के छठे भाव में शुभ और शक्तिशाली शुक्र जातक को स्वास्थ्य और सम्पन्नता देगा | विपरीत लिंग से अच्छे सम्बन्ध बनाने में मदद करेगा, सुख सुविधापूर्ण जीवन जीने में मदद करेगा |

अगर षष्ठ भाव में अशुभ या कमजोर शुक्र बैठ जाए तो जातक गुप्त रोगों से ग्रस्त हो सकता है, विपरीत लिंग के कारण धन बर्बाद कर सकता है, अनैतिक संबंधो में फंस सकता है, काम वासना जातक को परेशान कर सकती है |

पढ़िए कमजोर शुक्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

शनि का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म कुंडली के छठे भाव में शुभ और शक्तिशाली शनि जातक को कर्तव्यनिष्ठ बनाता है, अनुशाषित बनाता है, ऐसा जातक अगर कानूनी कार्यो से जुड़ा हो तो बहुत तरक्की करता है | जातक एक अच्छा वकील बन सकता है, अच्छा जज बन सकता है, समाज सेवा के कार्यो से जुड़  सकता है आदि |

कुंडली के छठे घर में अशुभ या कमजोर शनि जातक को कर्जदार बना सकता है, कानूनी कार्यो में उलझा सकता है, रोगों से ग्रस्त कर सकता है, जीवनसाथी को रोगी बना सकता है, अवसादग्रस्त कर सकता है आदि |

पढ़िए अशुभ शनि के उपाय ज्योतिष में |

राहू का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म कुंडली के षष्ठ भाव में शुभ और शक्तिशाली राहु जातक को बहुत शक्तिशाली बनाता है, अहंकारी भी बनाता है, ताकतवर लोगो के साथ सम्बन्ध बनवाने में मदद करता है, 

जन्म पत्रिका के छठे भाव में अगर अशुभ या कमजोर राहु बैठ जाय तो जातक को संबंधो को बनाये रखने में परेशानी देता है, ऋण से ग्रस्त कर सकता है, नशेडी बना सकता है आदि | 

पढ़िए अशुभ राहु और केतु के उपाय 

केतु का छठे भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

जन्म कुंडली के षष्ठ भाव में शुभ और शक्तिशाली केतु जातक को अद्यात्म से जोड़ता है, समाज सेवा के कार्यो से जोड़ता है, जातक परा-विज्ञान के विषयो पर भी रूचि रखता है, जातक में नेतृत्त्व क्षमता का विकास होता है, आदि |

जन्म कुंडली के छठे भाव में अशुभ या कमजोर केतु जातक को उलझन भरी जिन्दगी दे सकता है, जातक के जीवन साथी को भ्रमित जीवन दे सकता है  |


तो इस प्रकार हमने जाना की जन्म पत्रिका का छठा भाव क्या बताता है और विभिन्न ग्रहों का इस घर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

अगर आप अपनी कुंडली को समझना चाहते हैं, अपने शुभ और अशुभ ग्रहों के बारे में जानना चाहते हैं, अपने लिए सही पूजा, सही दान, सही रत्न के बारे में जानना चाहते हैं तो ज्योतिष सेवा के लिए संपर्क करें |


और महत्त्वपूर्ण लेख पढ़िए : 


कुंडली का छष्ठ भाव, Kundli ka shashtham bhaav, 6th House in Kundli | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के छष्ठम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? |

Comments

Popular posts from this blog

Kuldevi Strotram Lyrics

Kuldevi Strotram Lyrics, कुलदेवी स्त्रोत्रम पाठ के फायदे, कुलदेवी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें, कुलदेवी को प्रसन्न करने का शक्तिशाली उपाय | हिन्दुओं में कुलदेवी या कुलदेवता किसी भी परिवार के मुख्य देवी या देवता के रूप में पूजे जाते हैं और ये उस परिवार के मुख्य रक्षक भी होते हैं | किसी भी विशेष कार्य को करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता को पूजने की मान्यता है |  आज के समय में बहुत से परिवारों को उनके कुलदेवी या कुलदेवता का पता नहीं होता है अतः ऐसे में चिंता की बात नहीं है| कुलदेवी स्त्रोत्रम का पाठ करके और सुनके हम अपने कुलदेवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं |  Kuldevi Strotram Lyrics सुनिए YouTube में कुलदेवी स्त्रोत्रम  Lyrics of Kuldevi Strotram:  ॐ नमस्ते श्री  शिवाय  कुलाराध्या कुलेश्वरी।   कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।1   वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।   वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।2   आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।   विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम् शरणागत:।।3   त्रैलोक...

Bank Account kab khole jyotish anusar

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैंक खाता कब खोलें, बैंक खाता खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनकर सौभाग्य कैसे बढ़ाएं,  when to open bank account as per astrology ,  ज्योतिष के अनुसार बैंक खाता खोलने का शुभ दिन, नक्षत्र और समय, ज्योतिष के अनुसार बचत कैसे बढ़ाएं? बैंक खाता खोलने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और इसलिए इसे खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन, सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र, सर्वश्रेष्ठ महुरत चुनना अच्छा होता है । शुभ समय पर खोला गया बैंक खाता व्यक्ति को आसानी से संपन्न बना देता है |  बिना प्रयास के सफलता नहीं मिलती है अतः अगर हमे सफल होना है ,धनाढ्य बनना है, अमीर बनना है तो हमे सभी तरफ से प्रयास करना होगा, हमे स्मार्ट तरीके से काम करना होगा |  प्रत्येक व्यवसाय या कार्य में बैंक खाता आवश्यक है। चाहे आप एक कर्मचारी या उद्यमी हों चाहे आप एक व्यवसायी हों या एक गैर-कामकाजी व्यक्ति, बैंक खाता आमतौर पर हर एक के पास होता है। बैंक खाता हर एक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस पर अपनी बचत रखते हैं, यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन बैंक खाते के माध्यम...

Mahakal Kawacham || महाकाल कवच

महाकाल कवच के बोल, महाकाल कवचम के क्या फायदे हैं। Mahakal Kavacham || Mahakaal Kavach || महाकाल कवच || इस लेख में अति गोपनीय, दुर्लभ, शक्तिशाली कवच के बारे में बता रहे हैं जिसे की विश्वमंगल कवच भी कहते हैं। कवच शब्द का शाब्दिक अर्थ है सुरक्षा करने वाला | जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में जाने से पहले ढाल या कवच धारण करता है, उसी प्रकार रोज हमारे जीवन में नकारात्मक्क शक्तियों से सुरक्षा के लिए महाकाल कवच ढाल बना देता है | जब भी कवच का पाठ किया जाता है तो देविक शक्ति दिन भर हमारी रक्षा करती है |  कवच के पाठ करने वाले को अनैतिक कार्यो से बचना चाहिए, मांसाहार नहीं करना चाहिए, किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए | Mahakal Kavach का विवरण रुद्रयामल तंत्र में दिया गया है और ये अमोघ रक्षा कवच है | Mahakal Kawacham || महाकाल कवच  किसी भी प्रकार के रोग, शोक, परेशानी आदि से छुटकारा दिला सकता है महाकाल कवच का पाठ | इस शक्तिशाली कवच के पाठ से हम बुरी शक्तीयो से बच सकते हैं, भूत बाधा, प्रेत बाधा आदि से बच सकते हैं | बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए ये एक बहुत ही फायदेमंद है | बाबा महाकाल ...