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April Mai Kaun Se Grah Badlenge Raashi

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Kundli Ka Dasham Bhaav Vedic Jyotish

Kundli ka Dasham bhav, कुंडली का दसवां भाव क्या बताता है ज्योतिष मै,  10th House in birth chart | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के दशम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है  ? |

जब हमे अपने काम काज, करियर के बारे में अध्ययन करना होता है तो जन्म कुंडली के दसवें भाव का अध्ययन किया जाता है | इस भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है। इस भाव का अध्ययन बहुत ज्यादा महत्त्व रखता है क्यूंकि इसका सम्बन्ध रोजी रोटी से है, जिम्मेदारियों से है, कार्य स्थल में प्रभाव से है आदि | 

Kundli ka Dasham bhav, कुंडली का दसवां भाव क्या बताता है , 10th House in birth chart | कुंडली के दशम भाव पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव
Kundli Ka Dasham Bhaav Vedic Jyotish

Read in english about Importance of 10th House in Horoscope

आइए जानते हैं कुछ और महत्त्वपूर्ण बातें जन्म कुंडली के दशम भाव के बारे में :

  • जन्म पत्रिका के दशम भाव को कर्म भाव के नाम से भी जानते हैं वैदिक ज्योतिष में |
  • दशम भाव से सम्बंधित प्राकृतिक स्वामी ग्रह और राशि हैं मकर और शनि | 
  • जीवनसाथी के सुखो का अध्ययन भी इस भाव से किया जा सकता है |
  • संतान के जीवन में कष्टों का अध्ययन भी इस भाव से किया जा सकता है |
  • जन्म कुंडली के दशम भाव से जातक की सामाजिक स्थिति का भी पता किया जा सकता है | 
  • जातक को जीवन में मान प्रतिष्ठा प्राप्त होगी की नहीं इसका अध्ययन भी दशम भाव से किया जा सकता है | 
  • सरकारी नौकरी के लिए भी इस भाव का अध्ययन किया जाता है | 
  • कुंडली के 10 वें घर के गहन विश्लेषण से जातक को प्राप्त होने वाली उपलब्धियों के बारे में भी जाना जा सकता है |
  •  जन्म कुंडली के दशम भाव का सम्बन्ध अधिकारी, बॉस, नेता, शक्तिशाली लोग, पिता आदि से होता है | 


आइये अब जानते हैं की कुंडली के दशम भाव पर विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ता है ?:

जन्म कुंडली के दशम भाव पर सूर्य ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, नेतृत्त्व क्षमता देता है, अधिकारियो से सम्बन्ध बनाने में मदद करता है, एक जिम्मेदार इंसान बनाता है, अपने कर्तव्यो को करने के लिए इमानदार रहता है | सरकारी नौकरी भी मिल सकती है | जातक विद्वान् होता है जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है |

कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर सूर्य जातक को अनावश्यक जिम्मेदारियां प्रदान करता है, जातक को अपनी मेहनत का उचित लाभ नहीं मिलता है, उसे समाज में मान-प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए अत्यधिक मेहनत करना होती है | 

पढ़िए कमजोर सूर्य का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के दशम भाव पर चन्द्रमा ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली चन्द्रमा जातक को दयालु बनाता है, समस्त प्रकार की सुख सुविधा देता है, माता से अच्छे सम्बन्ध बनाने में मदद करता है| जातक अनेक प्रकार के काम कर सकता है जीवन यापन के लिए |  अपने परिवार के प्रति जातक बहुत संवेदनशील होता है |

कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर चंद्रमा जातक को चिंतित रख सकता है काम काज को लेके, जातक बार बार अपने आय के साधन बदल सकता है | 

पढ़िए कमजोर चन्द्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के दशम भाव पर मंगल ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली मंगल जातक को निडर बनाता है, महत्त्वकांक्षी बनाता है, उत्साहित बनाता है, जबरदस्त उर्जा देता है, जातक अपने लक्ष्य के प्रति जुनूनी होता है | 

कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर मंगल जातक को बीमारियों से ग्रस्त कर सकता है, क्रोधी बनाता है, झगडालू बना सकता है, जातक के कामकाजी और व्यक्तिगत सुखों में कमी लाता है |

पढ़िए कमजोर मंगल का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के दशम भाव पर बुध ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली बुध जातक को बुद्धिमान बनाता है, लेखन और बोलने की कला देता है, बदलाव को स्वीकार करने की मानसिकता देता है |  ऐसे जातक भ्रमणशील भी हो सकते हैं, ऑनलाइन कार्यो में सफल होते देखे गए हैं |

जन्म कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक को गलत तरीके से कार्यो को पूरा करने के लिए उकसा सकता है, जातक के सम्बन्ध नकारात्मक लोगो से हो सकते हैं | जातक अपने गलत निर्णय के कारण बार बार जीवन में परेशानी का सामना कर सकता है |

पढ़िए कमजोर बुध का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के दशम भाव पर बृहस्पति ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली गुरु जातक को ज्ञानी बनाता है, समाज में एक प्रभावी छवि देता है| जातक को कार्य स्थल और परिवार में एक अलग पहचान मिलती है |  जातक पराक्रमी होता है और अपने जीवन में भूमि लाभ भी खूब करता है | 

जन्म कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर गुरु जातक के ज्ञान का पूरा उपयोग नहीं होने देता है, भूमि में धन बर्बाद करा सकता है, काम काज में अड़चने पैदा करता रहता है, अधिकारियो से सम्बन्ध ख़राब करा सकता है | 

पढ़िए कमजोर गुरु का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के दशम भाव पर शुक्र ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली शुक्र जातक को बहुत बड़ा नेटवर्क बनाने में मदद करता है, जातक को एक सम्मोहक व्यक्तित्त्व देता है | जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं की कमी नहीं रहती है | जातक कला जगत से जुड़ा हो तो बहुत नाम कमाता है | 

जन्म कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर शुक्र जातक को काम वासना के कारण परेशानी दे सकता है | जातक अलास्यता के कारण बहुत कुछ खो सकता है | जातक का वैवाहिक जीवन भी प्रभावित होता है | जातक को दूसरो से अच्छे सम्बन्ध बनाने के लिए बहुत अधिक मेहनत करना पड़ती है |

पढ़िए कमजोर शुक्र का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय कर सकते हैं ?

जन्म कुंडली के दशम भाव पर शनि ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली शनि जातक को ईमानदारऔर  मेहनती बनाता है | सरकारी नौकरी दिलाने में भी मदद करता है | जातक को सफलता मिलती जरुर है परन्तु समय ज्यादा लग सकता है | जातक को भूमि और वाहन लाभ भी दिलाता है |

जन्म कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक को भूमि और वाहन से नुकसान दिला सकता है, नौकरी या व्यापार में स्थिरता में परेशानी उत्पन्न करता है | जातक के हर काम में कोई न कोई अड़चन आती रहती है जिसके कारण जातक अवसाद से भी गुजरता रहता है |

पढ़िए अशुभ शनि के उपाय ज्योतिष में |

जन्म कुंडली के दशम भाव पर राहु ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली राहु जातक को नेतृत्त्व क्षमता देता है, महत्त्वकांक्षी बनाता है, जातक में सफलता प्राप्त करने का एक जूनून होता है | जातक समाज और कार्य स्थल में एक अलग ही छवि बनाता है | 

कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर राहु जातक को झगडालू बना सकता है, अनैतिक तरीके से कार्यो को करने के लिए प्रेरित कर सकता है | पारिवारिक खुशियों में कमी ला सकता है |

पढ़िए अशुभ राहु और केतु के उपाय 

जन्म कुंडली के दशम भाव पर केतु ग्रह का प्रभाव :

10 वें भाव में शुभ और शक्तिशाली केतु जातक को मान-प्रतिष्ठा दिलाता है, जातक के अन्दर एक अलग पहचान बनाने की उत्कंठा होती है | ऐसे जातक बहुमुखी प्रतिभा के धनि होते हैं | 

जन्म कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर केतु जातक को नकारात्मक विचार देता है, क्रोधी बनाता है, गैरजिम्मेदार बना सकता है |

तो इस प्रकार हमने देखा की जन्म पत्रिका के दसवें भाव का वैदिक ज्योतिष में क्या महत्त्व है और विभिन्न ग्रहों का इस भाव पर क्या प्रभाव पड़ता है |

अगर आप अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं तो ज्योतिष से संपर्क करें |

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  • शुभ और अशुभ ग्रहों का जीवन पर प्रभाव आदि |

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