Kundli Ke 12 Bhavo Mai Budh Ka prahbav, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में बुध का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में Budh का फल, Budh Ke upay |
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को राजा, मंगल को सेनापति और बुध को युवराज की उपाधि प्राप्त है | जन्म कुंडली में budh मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं | बुध कन्या राशि में उच्च के होते हैं और मीन में नीच के होते हैं |
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह :
BUDH ग्रह को अंग्रेजी में mercury कहा जाता है और इसका सम्बन्ध बुद्धि, तर्क , मित्रता, विद्या, वाणी, लेखन, प्रकाशन, शिक्षण, बैंकिंग कार्य, वकालत, एकाउंटिंग, मनोरंजन, व्यापार, सलाहकारी, वाक् चातुर्यता आदि से होता है |
शुभ और शक्तिशाली बुध के कारण जातक बुद्धिमान बनता है, अच्छा वक्ता बनता है और एक सफल जीवन जीता है वहीँ ख़राब बुध जातक को चालाक और लोभी बना देता है, अनैतिक कार्यो की और प्रेरित करता है, बहन, बुआ और मौसी पर संकट लाता है, नौकरी या व्यापार में नुकसान दिलाता है | कमजोर बुध से पौरुष शक्ति भी कम होती है |
Kundli Ke 12 Bhav Mai Budh Ka Prabhav |
बुध ग्रह का सम्बन्ध किन रोगों से होता है ?
Budh ग्रह के ख़राब होने पर चर्म रोग, सांस से सम्बंधित बीमारियाँ, फेफड़े से सम्बंधित समस्या हो सकती है | गूंगापन और बहरापन भी इसके कारण हो सकता है | जातक की बोली साफ़ नहीं रहती है अर्थात तुतला के बोलता है, सूंघने की शक्ति पर असर पड़ता है, दांतों के रोग हो सकते हैं,
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आइये अब जानते हैं कुंडली के 12 भावों में बुध का क्या प्रभाव होता है ?
जन्म कुंडली के प्रथम भाव में बुध का क्या प्रभाव होता है ?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली के पहले भाव में शुभ और शक्तिशाली BUDH जातक को बुद्धिमान, चतुर और सुन्दर शरीर देता है | जातक बोलने की कला में माहिर होता है,अपनी बातो से लोगो का दिल जीत लेता है |
जन्म कुंडली के प्रथम भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक को डरपोक बना सकता है, निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, जातक की लम्बाई कम रह सकती है, जातक अपनी बोली के कारण समाज में संबंध बिगाड़ता रहता है |
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जन्म कुंडली के दूसरे भाव में बुध का क्या प्रभाव होता है ?
जन्म कुंडली के द्वितीय भाव में शुभ और शक्तिशाली Budh के होने से जातक बुद्धिमान, कुशल वक्ता होता है | जातक में दुसरो को प्रभावित करने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है | जातक कला जगत में और शेयर बाजार के कार्यो में भी सफल हो सकता है | ऐसे लोग दूसरों की मदद करने वाले होते हैं |
जन्म पत्रिका के दूसरे भाव में अशुभ बुध जातक को बचत करने में परेशानी देता है, जातक को धन हानि होती रहती है, बिना बात के बहस में फंस जाता है, जुआ-सट्टा, शेयर बजार आदि में बहुत धन हानि होती है |
जन्म कुंडली के तीसरे भाव में बुध का क्या प्रभाव होता है ?
जन्म कुंडली के तीसरे भाव में अगर शुभ और शक्तिशाली BUDH हो तो जातक यात्राओं से धन अर्जित करता है, भाई, बहनों से उसके अच्छे सम्बन्ध बनते हैं, जातक धार्मिक होता है, साहसिक होता है |
जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में अशुभ या कमजोर Budh जातक को अंधविश्वास में फंसा सकता है, रूढ़िवादि परंपरा में फंसा सकता है, जातक अपनी शक्ति और ज्ञान का सही स्तेमाल नहीं कर पाता है |
जन्म कुंडली के चौथे भाव में बुध का क्या प्रभाव होता है ?
जन्म कुंडली के चौथे भाव में अगर शुभ और शक्तिशाली Budh हो तो जातक को सम्पत्तिवान बनाता है, जातक अपनी मेहनत और माता की कृपा से जीवन में खूब नाम और सम्पत्ती कमाता है | जातक को अपने कार्य स्थल पर अलग ही पहचान मिलती है, जातक का जीवनसाथी भी बहुत नाम कमाता है अपनी मेहनत से |
जन्म पत्रिका के चौथे भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक के पारिवारिक सुखो में कमी लाता है, पारिवारिक क्लेश के कारण जातक परेशां रहता है | जातक को अपनी मेहनत का सही फल प्राप्त नहीं होता है |
जन्म कुंडली के पांचवे भाव में बुध का क्या फल होता है ?
जन्म कुंडली के पंचम भाव अगर शुभ और शक्तिशाली Budh बैठ जाए तो जातक को कला जगत में सफलता देता है जैसे गायन, संगीत, हास्य कवी आदि | ऐसे लोग बहुत विद्वान होते हैं और अपनी असाधारण प्रदर्शन के कारण समाज में अलग ही नाम करते हैं |
जन्म पत्रिका के पंचम भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक को जुए, सट्टे से हानि देता है, जातक को शिक्षा प्राप्त करने में परेशानी आ सकती है, जातक के प्रेम जीवन में असंतोष रहता है |
Results of Mercury in 12 houses
जन्म कुंडली के छठे भाव में बुध का क्या फल होता है ?
जन्म कुंडली के छठे भाव में अगर शुभ और शक्तिशाली Budh हो तो जातक विदेश में जाके धन कमा सकता है, जातक शत्रुओ को पराजित करता है, जातक अपने ऐशो आराम में बहुत खर्चा करता है | कानूनी कार्यो में सफलता मिलती है |
जन्म पत्रिका के छठे भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक को गुप्त शत्रुओ से परेशान करता है, बीमारियों से परेशां करता है | कानूनी मामलो में फंसाता है | जातक अनैतिक कार्यो में खूब धन बर्बाद करता है |
जन्म कुंडली के सप्तम भाव में बुध का क्या फल होता है ?
अगर जन्म पत्रिका के सप्तम भाव में शुभ और शक्तिशाली Budh मौजूद हो तो जातक को मनपसंद जीवन साथी दिलाने में मदद करता है, व्यापार में सफलता देता है, सुखी वैवाहिक जीवन देता है, जातक के मित्र भी बहुत होते हैं |
जन्म कुंडली के सप्तम भाव में अशुभ और कमजोर बुध हो तो जातक के वैवाहिक जीवन को ख़राब करता है, करीबियों से धोखा मिलता है, व्यापार में हानि होती है, पेट से सम्बंधित परेशानियाँ बनी रह सकती है |
जन्म कुंडली के अष्टम भाव में बुध का क्या फल होता है ?
अगर जन्म पत्रिका के अष्टम भाव में शुभ और शक्तिशाली Budh हो तो जातक को आकस्मिक रूप से जीवन में धन प्राप्ति होती रहती है, जातक शोध कार्यो में बहुत नाम कमा सकता है, जासूसी के कामो में सफलता मिलती है, विदेश में भी ऐसे लोग नाम कमाते हैं |
जन्म कुंडली के अष्टम भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक को स्वास्थ्य हानि देता है, अनावश्यक कार्यो में धन बर्बाद होता है, जीवन साथी के साथ सम्बन्ध ख़राब होते हैं |
जन्म कुंडली के नवम भाव में बुध का क्या फल होता है ?
अगर जन्म पत्रिका के नवम भाव में शुभ और शक्तिशाली Budh हो तो जातक धार्मिक होता है, भाग्यशाली होता है, समाज सेवा के कार्यो से जुड़ा रहता है, जातक दूसरो के लिए प्रेरक बनता है | ऐसे लोग धार्मिक ग्रंथो के प्रकाशन के काम में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं |
जन्म कुंडली के नवम भाव में अशुभ और कमजोर बुध जातक को अंधविश्वास में फंसा सकता है, जातक पाखंडियो के चक्कर में आके खूब धन बर्बाद कर सकता है, जातक को अपनी मेहनत के बल पर ही आगे बढ़ना होता है | जातक गलत काली विद्याओं को सीखने में भी बर्बाद हो सकता है |
जन्म कुंडली के दशम भाव में बुध का क्या फल होता है ?
अगर जन्म पत्रिका के दशम भाव में शुभ और शक्तिशाली Budh हो तो जातक प्रभावशाली व्यक्तित्त्व रखता है, कुशल प्रशाशक होता है, अपनी मेहनत से नाम और यश प्राप्त करता है | ऐसे लोग किसी भी प्रकार के साहसिक निर्णय लेने में माहिर होते हैं | ऐसे लोग के पास किसी भी प्रकार की भौतिक सुख सुविधाओं की कमी नहीं रहती है |
अगर जन्म कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर बुध बैठ जाए तो जातक को अनावश्यक जिम्मेदारियों में फंसा सकता है, जातक को बदनामी मिलती है, अपनी मेहनत का सही फल नहीं मिलता है |
जन्म कुंडली के एकादश भाव में बुध का क्या फल होता है ?
अगर जन्म पत्रिका के ग्यारहवें भाव में शुभ और शक्तिशाली Budh हो तो जातक बहुमुखी प्रतिभा का धनी होता है । एक से अधिक आय के स्त्रोत होते हैं | ऐसे लोग दिमागी कार्यो से खूब धन अर्जित करते हैं | अच्छे सलाहकार बन सकते हैं, अच्छे वक्ता हो सकते हैं | ऐसे लोग अपनी हर ईच्छा को पूरा कर पाते हैं |
जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक को अस्थिर आय स्त्रोत देता है, संतान से परेशां उत्पन्न करता है, बड़े भाई और बहन से रिश्ते ख़राब करवाता है, जातक को अपनी इच्छाओ को पूरा करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है |
जन्म कुंडली के बारहवें भाव में बुध का क्या फल होता है ?
अगर जन्म पत्रिका के बारहवें भाव में शुभ और शक्तिशाली Budh हो तो जातक को घुम्मकड़ बना सकता है, ऐसे लोग खाली बैठना पसंद नहीं करते हैं | अपने बुद्धि बल से कुछ न कुछ नया सोचते रहते हैं और नए नए प्रयोग करते रहते हैं | ऐसे लोग विदेश में जाके भी सेटल हो सकते हैं | ऐसे लोग गुप्त विद्याओं को भी सीखने में रूचि लेते हैं |
जन्म कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ या कमजोर बुध जातक को स्वास्थ्य हानि देता है, मानसिक रूप से कमजोर कर सकता है, बचत करने में बहुत परेशानी आती है, जातक अनैतिक कार्यो में धन बर्बाद कर सकता है |
तो इस प्रकार हमने जाना की 12 भावों में बुध का क्या फल हो सकता है | अगर आप अपनी कुंडली से अपने भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं तो ज्योतिष सेवा प्राप्त करें ऑनलाइन |
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अब आइये जानते हैं की ख़राब बुध के लिए कौन कौन से उपाय कर सकते हैं ?
- बुध शांति पूजा समय समय पर करवाते रहना चाहिए |
- भगवान गणेश की पूजा नियमित करें |
- जो लोग माता पंथी हैं वो माँ दुर्गा की पूजा भी नियमित कर सकते हैं |
- बेटी, बहन, बुआ और साली को कुछ न कुछ उपहार समय समय पर देते रहें |
- बुधवार को चिडियों को हरी मूंग की दाल खिलाएं |
- गाय को हरी घास खिलाएं |
- किन्नरों का आशीर्वाद लेते रहिये समय समय पर |
Kundli Ke 12 Bhavo Mai Budh Ka prahbav, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में बुध का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में Budh का फल |
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