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Shani Ka Pravesh Meen Rashi Mai kab Hoga

Shani Gochar 2025, shani kab rashi badlenge, shani ke rashi parivartan ka 12 rashiyo par Prabhav, kin rashiyo ko saawdhan rahna hoga, kinko milega fayda, किनको सावधानी रखना है. Shani ka meen rashi me gochar :  शनि अस्त रहते हुए मार्च के आखिर सप्ताह में करीब ढाई साल के बाद 29 March को रात्री में लगभग 9:38 बजे मीन राशि में प्रवेश करेंगे जिनके स्वामी बृहस्पति हैं. इस दिन शनि अमावस्या भी रहेगी . गोचर के साथ ही अनेक लोगो के जीवन में जबरदस्त बदलाव महसूस होना शुरू होंगे, कुछ लोगों को फायदा होगा तो कुछ लोगों के जीवन में संघर्ष बढेगा. कुछ लोगो के जीवन में धैया और साडेसाती शुरू होगी तो कुछ लोगो के ऊपर से हटेगी. नोट: शनि 6 अप्रैल को मीन राशि में उदय होंगे. Shani Ka Pravesh Meen Rashi Mai kab Hoga आइये जानते हैं की शनि के मीन राशि में गोचर से किन लोगों को शनि साड़े साती से राहत मिलेगी और किनके ऊपर साडेसाती शुरू होगी ? मकर राशि पर साड़े साती ख़त्म हो जायेगी.  कर्क और वृश्चिक राशि के ऊपर से शनि की धैया का असर समाप्त होगा. सिंह और धनु राशि के लोगो पर शनि के धैया का असर शुरू होगा. मेष, मीन...

Kundli ke Dwadash Bhav Mai Surya Ka Fal

Kundli ke Dwadash Bhav Mai Surya Ka Fal, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में सूर्य का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में सूर्य का फल |

ग्रहों के राजा सूर्य जब शुभ होते हैं जन्म कुंडली में तो जातक को मान-सम्मान, यश, राज योग देते हैं वहीँ अशुभ सूर्य बदनामी, पितृ दोष, अपयश, संघर्षो का कारण बनता है | वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा और पिता का कारक भी माना जाता है | 

इस ज्योतिषी लेख में हम जानेंगे की कौन से घर में सूर्य अच्छे परिणाम देता है?, सूर्य अशुभ कब होता है?, कुंडली के अलग अलग भावो में सूर्य का क्या फल होता है आदि |

सूर्य कब शुभ होते हैं ?

  • जब सूर्य मेष राशि, वृश्चिक राशि, धनु और मीन राशि में होते हैं तो शुभ परिणाम देते हैं | 
  • कुंडली का प्रथम भाव सूर्य का ही घर होता है |
  • मेष राशि के सूर्य उच्च के होते हैं |

सूर्य कब अशुभ परिणाम देते हैं ?

वृषभ राशि, मकर राशि और कुम्भ राशि के सूर्य अशुभ होते हैं और जीवन में संघर्ष पैदा करते हैं |

Kundli ke Dwadash Bhav Mai Surya Ka Fal, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में सूर्य का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में सूर्य का फल |
Kundli ke Dwadash Bhav Mai Surya Ka Fal


Read in English about Sun impacts on 12 Houses in Horoscope

आइये अब जानते हैं की जन्म कुंडली के अलग अलग भावो में सूर्य क्या प्रभाव उत्पन्न करते हैं ?

जन्म कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका का पहला भाव सूर्य का खुद का भाव है अतः यहाँ पर ये शुभ होता है | अगर सूर्य इस भाव में शुभ और शक्तिशाली होक बैठ जाए तो जातक को निश्चित ही राजा सामान सुख देता है, साहस देता है, नेतृत्त्व क्षमता देता है, धनी बनाता है| ऐसा जातक धर्म के कार्यो में भी सहयोग करता है |  कुंडली के प्रथम भाव में शुभ सूर्य जातक को सरकारी नौकरी दिलाने में भी मदद करता है |

जन्म पत्रिका के प्रथम भाव में अगर अशुभ सूर्य बैठ जाए तो जातक को फायदा तो देता है परन्तु जीवन में अपेक्षित सुख नहीं देता है, जातक को यश प्राप्ति के लिए अत्यंत संघर्षो करना पड़ता है | ऐसे जातक का अपने पिता के साथ वैचारिक मतभेद बहुत ज्यादा रह सकता है या फिर पिता के सुख में कमी लाता है |

जन्म कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के दूसरे भाव में अगर शुभ और शक्तिशाली सूर्य मौजूद हो तो जातक को धन-धान्य से संपन्न करेगा और तार्किक शक्ति देता है, जातक से बातों में जीतना मुश्किल होता है | ऐसा जातक स्वाभिमानी होता है  और छोटी छोटी बातें भी उसे चुभ जाती है | जातक सत्य बोलने वाला होता है और आत्मनिर्भर होता है | जातक अपने परिवार के लोगो की उन्नति में सहयोग करता है |

जन्म पत्रिका के दूसरे भाव में अगर अशुभ सूर्य विराजमान हो तो जातक को अहंकारी और गुस्सेल बनाता है, जातक का जीवन साथी रोगी रह सकता है, ऐसे लोगो की परिवार वालो से कम बनती है  | इस भाव में अशुभ सूर्य नेत्रों से समबन्धित समस्या देता है|  ऐसे लोग जल्दी बाजी में गलत निर्णय लेके बहुत बढ़ी धन हानि से गुजर सकते हैं |

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जन्म कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को पराक्रमी बनाता है, यात्राओं से लाभ दिलाता है, ऐसे लोग अगर ऑनलाइन काम करते हैं तो भी बहुत सफल होते हैं | जातक में चुनौतियों को स्वीकार करने की अद्भुत शक्ति होती है | ऐसे लोग अपने भाई बहनों की भी मदद करते हैं जीवन में आगे बढ़ने के लिए | बौद्धिक कार्यो में ज्यादा सफल होता है |

जन्म कुंडली के तीसरे भाव में अशुभ सूर्य जातक को अपनी क्षमता का पूरा स्तेमाल करने से वंचित करता है, संघर्षो को बढ़ाता है, भाई बहनों से सम्बन्ध बिगाड़ता है, जातक का धन अनावश्यक कार्यो में बर्बाद होता है |

जन्म कुंडली के चौथे भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म कुंडली के चौथे भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को प्रभावी व्यक्तित्त्व देता है, जातक के पास घर, वाहन और सुख सुविधाएं होती है | सबकुछ होता है पर वो स्वयं के घर का सुख नहीं उठा पाता है | जातक अपने कार्यो के कारण नाम और यश प्राप्त करता है परिवार में | ऐसे लोग अपने परिवार के लिए बहुत कुछ कर के जाते हैं इस दुनिया से |

कुंडली के चौथे भाव में अशुभ सूर्य जातक के परिवार से सम्बन्ध ख़राब करता है, माता के सुख में कमी लाता है, जीवन साथी के साथ संबंधो में भी परेशानी उतपन्न करता है |

जन्म कुंडली के पांचवे भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के पांचवे भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य विराजमान हो तो जातक बहुत बुद्धिमान होता है, जातक अपने दम पर कुछ विशेष काम कारता है और नाम करता है | ऐसे लोगो की संतान भी काफी उन्नति करती है | जातक कला जगत में, खेल में, रचनात्मक कार्यो में सफलता पाता है | जातक सबको साथ में लेके आगे बढ़ने वाला होता है, दीर्घायु होता है |  

अगर जन्म कुंडली के पंचम भाव में अशुभ सूर्य बैठ जाए तो जातक को संतान उत्पत्ति में समस्या आ सकती है या फिर संतान से सम्बन्ध ख़राब होते हैं | अशुभ सूर्य के कारण जातक को शेयर बाजार, सट्टा बाजार में नुकसान उठाना पड़ता है | जातक को विद्या प्राप्ति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है और प्राप्त विद्या का सही उपयोग करने में भी परेशानी आती है |

जन्म कुंडली के छठे भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के छठे भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य विराजमान हो तो जातक शत्रुओ को आसानी से पराजित करने वाला होता है, धन की कभी परेशानी नहीं आती है | ऐसे लोगो को मामा परिवार से भी लाभ मिलता है | जातक पूर्ण सुख सुविधा से जीने के लिए धन भी खूब खर्च करता है | 

जन्म कुंडली के छठे भाव में अशुभ सूर्य जातक को कानूनी समस्याओ में उलझता है, कर्जे में फंसाता है, स्वास्थ्य समस्याएं देता है|  ऐसे लोगो को छुपे हुए शत्रुओ से बहुत परेशानी होती रहती है जीवन में |

जन्म कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के सप्तम भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को विद्वान् लोगो के संपर्क में लाता है, व्यक्ति को अपने दोस्तों और करीबियों की मदद से जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलती है | परन्तु जीवनसाथी के साथ सम्बन्ध तनावपूर्ण रहते हैं |

कुंडली के सप्तम भाव में अशुभ सूर्य जातक के पारिवारिक जीवन को बर्बाद करता है, जातक को करीबियों से धोखा मिलता है, कुछ लोग तो अपने गृहश्थी से तंग आके घर भी छोड़ देते हैं | अशुभ सूर्य तलाक करवा सकता है या फिर जीवनसाथी को बीमार रखता है |

जन्म कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के अष्टम भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को अच्छा चिन्तक बनाता है, धन लाभ करवाता है, बड़ी बड़ी यात्राएं करवाता है, गूढ़ विद्याओं की जानकारी दिलवाता है| ऐसे जातक धर्म के कार्यो को गुप्त रूप से करके खूब पुण्य अर्जित करते हैं | 

कुंडली के अष्टम भाव में अशुभ सूर्य जातक को क्रोधी, धैर्यहीन, रोगी बनाता है| ऐसे लोगो को गुप्त रोग भी हो सकते हैं | गलत संगती के कारण धन हानि भी होती रहती है |

जन्म कुंडली के नवम भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के नवम भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को धार्मिक बनाता है, प्रेरक बनाता है, समाज सेवा से जोड़ता है | जातक अपने परोपकारी प्रकृति के कारण समाज में अलग नाम करता है | जातक भाग्यवान होता है और पैतृक संपत्ति प्राप्त करता है और साथ ही उसे बढाता भी है |

कुंडली के नवम भाव में अशुभ सूर्य जातक के जीवन में संघर्षो को जन्म देता है, जातक को अपनी इच्छाओ को पूरा करने के लिए बहुत अधिक मेहनत करना होती है, जातक अंधविश्वास का शिकार होता है और बहुत धन बर्बाद कर सकता है | 

जन्म कुंडली के दशम भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के दशम भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य जातक को अधिकारी बनाने में मदद करता है, प्रभावी व्यक्तित्त्व देता है, शक्तिशाली लोगो से सम्बन्ध बनवाता है, जातक अपने परिवार में और काम काज के स्थान में प्रभुत्व रखता है | ऐसे लोगो के ऊपर बड़ी बड़ी जिम्मेदारियां रहती है |

कुंडली के दशम भाव में अशुभ सूर्य जातक को बदनामी दे सकता है, आमदनी के स्त्रोत अस्थिर रह सकते हैं | जरुरत से ज्यादा जिम्मेदारी जातक को हमेशा दबाव में रखते हैं | जातक को जीवन में बहुत त्याग करना पड़ता है | पिता का प्रेम कम मिल पाता है |

जन्म कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के ग्यारहवें भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य विराजमान हो तो जातक की समस्त इच्छाओ की पूर्ति करने में मदद करता है | जातक के आय के स्त्रोत मजबूत होते हैं | ऐसे लोग बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं | 

कुंडली के एकादश भाव में अशुभ सूर्य जातक के जीवन में बहुत परेशानी उतपन्न करता है, बड़े भाई से सम्बन्ध ख़राब कर सकता है, मेहनत का पूरा प्रतिफल नहीं देता है, संतान से सम्बन्ध ख़राब करता है, जातक को विद्या प्राप्ति में समस्या आती है या फिर वो अपने ज्ञान का पूरा स्तेमाल नहीं कर पाता है जिससे अवसादग्रस्त रहता है |

जन्म कुंडली के बारहवें भाव में सूर्य का क्या फल होता है ?

जन्म पत्रिका के बारहवें भाव में शुभ और शक्तिशाली सूर्य विराजमान हो तो जातक को धनवान बनाता है पर उसे अपने जन्म स्थान को छोड़ना पड़ता है | जातक को यात्राओं से लाभ होता है | जातक खर्चालू भी बहुत होता है |

कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ सूर्य जातक को रोगी बनाता है, तनाव देता है, दिमागी परेशानी देता है, नींद से सम्बंधित परेशानी देता है | जातक के पारिवारिक जीवन को ख़राब करता है, नेत्रों से सम्बंधित परेशानी भी देता है | 

तो इस प्रकार हमने देखा की सूर्य का द्वादश भावो में क्या प्रभाव होता है | 

अगर आप अपनी कुंडली से अपने भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं तो ज्योतिष सेवा प्राप्त करें ऑनलाइन |

जानिए विवाह कब होगा, कैसा रहेगा जीवन साथी, कामकाज में उन्नति के लिए क्या करें, लव लाइफ में कैसे सफलता पायें, भाग्यशाली रत्न कौन सा है, कौन सी पूजा करनी चाहिए आदि |

अब आइये जानते हैं की ख़राब सूर्य के लिए कौन कौन से उपाय कर सकते हैं ?

  • सूर्य शांति पूजा समय समय पर करवाते रहना चाहिए |
  • सूर्य को नियमित अर्ध्य देना चाहिए |
  • बुजुर्गो का आशीर्वाद हमेशा लेते रहें |
  • झूठी गवाही कभी न दे |
  • बंदरो को गुड और चना खिलाएं |
  • बहती नदी में गुड बहायें ४० दिनों तक |
  • मांस मदिरा या अन्य परकार के नशे से बचे |
  • सूर्य गायत्री मंत्र का जप फायदेमंद होता है 

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