यम अष्टक स्तोत्र, यमाष्टकम्, Yama Ashtkam with lyrics, Way To worship God of Death.
बड़े से बड़े पाप और परेशानियों से बचने के लिए यम अष्टकम का पाठ किया जा सकता है | ये एक दिव्य अष्टक है जो मृत्यु के देवता यम की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है |
जो मनुष्य नित्य प्रात: काल yamashtkam के श्लोकों का पाठ करता है, वह पापों से मुक्त हो जाता है और मृत्यु के भय से भी मुक्त हो जाता है।
यमराज सूर्य के पुत्र हैं और शनिदेव के भाई हैं । ये मृत्यु के देवता है इसीलिए लोग इनसे भयभीत रहते हैं |
Yamashtkam Ke Fayde aur Lyrics |
Lyrics Of Yamashtkam in Sanskrit:
||यमाष्टकम् ||
सावित्री उवाच
तपसा धर्ममाराध्य पुष्करे भास्करः पुरा |
धर्मं सूर्यः सुतं प्राप धर्मराजं नमाम्यहम् ||१||
समता सर्वभूतेषु यस्य सर्वस्य साक्षिणः |
अतो यन्नाम शमनं इति तं प्रणमाम्यहम् ||२||
येनान्तश्च कृतो विश्वे सर्वेषां जीविनां परम् |
कर्मानुरूपं कालेन तं कृतान्तं नमाम्यहम् ||३||
भिभर्ति दण्डं दण्डाय पापिनां शुद्धिहेतवे |
नमामि तं दण्डधरं यश्शास्ता सर्वजीविनाम् ||४||
विश्वं च कलयत्येव यस्सर्वेषु च सन्ततम् |
अतीव दुर्निवार्यं च तं कालं प्रणमाम्यहम् ||५||
तपस्वी ब्रह्मनिष्टो यः सम्यमी सन् जितेन्द्रियः |
जीवानां कर्मफलदः तं यमं प्रणमाम्यहम् ||६||
स्वात्मारमश्च सर्वज्ञो मित्रं पुण्यकृतां भवेत् |
पापिनां क्लेशदो नित्यं पुण्यमित्रं नमाम्यहम् ||७||
यज्जन्म ब्रह्मणोंशेन ज्वलन्तं ब्रह्मतेजसा |
यो ध्यायति परं ब्रह्म तमीशं प्रणमाम्यहम् ||८||
इत्युक्त्वा सा च सावित्री प्राणनाम यमं मुने |
यामस्ताम शक्तिभजनम कर्मपाकं उवाच ह ||९||
इदं यमाष्टकमिदं नित्यं प्रातरुत्ताय यः पठेत् |
यमात् तस्य भयं नास्ति सर्वपापात् विमुच्यते ||१०||
महापापी यदि पठेत् नित्यं भक्तिसमन्वितः |
यमः करोति संशुद्धम काय व्यूहेन निश्चितं ||११||
||इति श्री देवी भागवत महापुराणे यमाष्टकम सम्पूर्णं ||
यदि यमराज के इस अष्टक को रोज प्रात:काल उठते ही पढ़ा जाए तो उसे मृत्यु का भय नहीं रहता है और वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है ।
अगर किसी ने महा पाप किया हो और वो इस अष्टक का पाठ करें तो निश्चित ही मृत्यु के समय यमराज उसे शुद्ध कर देते हैं अर्थात पापों से मुक्त कर देते हैं | यमाष्टक पाठ करने से मनुष्य बड़े बड़े संकटों से बचकर सौभाग्य को प्राप्त करता है।
यम अष्टक स्तोत्र, यमाष्टकम्, Yamastakam with lyrics, Way To worship God of Death.
Comments
Post a Comment