Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

2025 Gochar Kundli New Year Rashifal

2025 Pravesh Kundli, नए साल में प्रवेश के समय ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी , जानिए 1 january की रात्रि 12:01 pe gochar kundli ki sthiti, भविष्यवाणी. नया साल नए सपनो को लेके आता है और नई उर्जा से हमे भर देता है, हम अपने लक्ष्य की और नए जोश के साथ बढ़ने के लिए नए संकल्प लेते हैं |  ग्रहों की स्थिति भी सभी लोगो को बहुत प्रभावित करती है | तो आइये जानते हैं की इस साल के प्रवेश के समय ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी और वर्ष की शुरुआत १२ राशियों के लिए क्या ख़ास लेके आ रहा है | 2025 Gochar Kundli New Year Rashifal  आइये जानते हैं नए साल की पहली कुंडली में ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी? हिन्दू पंचांग के अनुसार नए साल 2025 की शुरुआत शुक्ल पक्ष की एकम से होगी और दिन रहेगा बुधवार इसी के साथ गोचर कुंडली में कन्या लग्न रहेगा जिसके स्वामी बुध ग्रह है जो की इस बात का संकेत है की इस साल व्यापार व्यवसाय नई उंचाइयो को छुएगा | सूर्य और चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे | मंगल अपने नीच राशि में रहेंगे | बुध ग्रह वृश्चिक राशि में रहेंगे | गुरु ग्रह अपने शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे | शुक्र अपने मित्र राशि कु...

Shani ka 12 Bhavo Mai Fal in Hindi Jyotish

Kundli Ke 12 Bhavo Mai Shani Ka prahbav, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में शनि का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में शनि का फल, shani Grah Ka Kundli ke 12 Bhavo mai Prabhav |

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह बहुत ही महत्त्वपूर्ण ग्रह होता है,ये न्याय के देवता है । जन्म कुंडली में मकर और कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। शनि तुला राशि में उच्च के होते हैं और मेष राशि में नीच के माने जाते हैं। 27 नक्षत्रो में शनि पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद के स्वामी माने जाते हैं |

 Shani की चाल सबसे धीमे होती है और इसे एक राशि से दूसरी  राशि में जानें के लिए ढ़ाई वर्ष का समय लेते हैं। शनि की दशा साढ़े सात साल की होती है जिसे शनि की साढ़ेसाती कहते हैं।

शनि ग्रह निष्पक्ष न्याय करते हैं इसीलिए इन्हें क्रूर ग्रह माना जाता है। हमारे जीवन में शुभ और अशुभ कर्मो का फल हमे शनि की दशा में प्राप्त होता है इसीलिए लोग शनि की दशा से डरते भी हैं |

इसे सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 29.5 वर्ष का समय लगता है | 

Kundli Ke 12 Bhavo Mai Shani Ka prahbav, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में शनि का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में शनि का फल
Shani ka 12 Bhavo Mai Fal in Hindi Jyotish

जन्म पत्रिका में शुभ और शक्तिशाली shani जातक को समस्त सुख प्रदान करता है, रंक से राजा बना देता है, कर्मठ बनाता है, उदार बनाता है, तो वहीं अशुभ शनि के कारण जातक को गंभीर बीमारियाँ घेर लेती है, भूमि हानि होती है, कानूनी मामलो में जातक उलझ जाता है आदि |


वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह :

Shani ग्रह को अंग्रेजी में Saturn कहा जाता है वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में शनि का सम्बन्ध बुढ़ापा, दु:ख, शोक, बीमारी, दरिद्रता, मृत्यु,  काली रंग की वस्तुएं, जमीन, चिंताएं, बदनामी, दुर्भाग्य, निराशा, कुरूपता, कर्जा, असफलता आदि से होता है |

अंक ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह का अंक 8 होता है | 

Read in English Impact Of Saturn In 12 Houses in Horoscope

शनि ग्रह का सम्बन्ध किन रोगों से होता है ?(Saturn Related Diseases):

जन्म कुंडली में ख़राब या कमजोर शनि के कारण अनेक प्रकार के शारीरिक रोग हो सकते हैं जैसे  कैंसर, पैरालाइसिस, हड्डियों के रोग, पैर, दांत, मांसपेशियों, जोड़ों, आंतों, नाखूनों से सम्बंधित रोग, कनपटी की नसों में दर्द होना, अनावश्यक चिंता, भगन्दर (Piles), गठिया रोग (Arthritis) आदि |

Watch on YouTube Shani Ka 12 bhavo Mai Prabhav

आइये अब जानते हैं कुंडली के 12 भावों में शनि ग्रह का क्या प्रभाव होता है ?

जन्म कुंडली के प्रथम भाव में shani का क्या प्रभाव होता है ?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली के पहले भाव में शुभ और शक्तिशाली Shani के होने से जातक को राजा के समान जीवन देता है| ऐसे लोग न्यायप्रिय, एकांतवासी, शोध करने वाले होते हैं |

कुंडली के पहले भाव में अशुभ या कमजोर शनि के कारण जातक रोगी, गरीब और अनैतिक कार्य करने वाला हो सकता है |

जन्म कुंडली के दूसरे भाव में शनि का क्या प्रभाव होता है ?

जन्म कुंडली के द्वितीय भाव में शुभ और शक्तिशाली shani के होने से जातक को शनि से सम्बंधित कार्यो से लाभ होता है जैसे लकड़ी संबंधी व्यापार ,कोयला एवं लोहे के व्यापार, भूमि के कार्य आदि |जातक धार्मिक होता है और ऐसे लोगो के जीवन साथी भी काफी गंभीर होते हैं | 

जन्म पत्रिका के द्वितीय भाव में अशुभ या कमजोर शनि होने पर जातक के जीवन साथी को रोगी बनाता है, पारिवारिक सुखो में कमी लाता है, नेत्र सम्बंधित परेशानी देता है|  ऐसे लोग झूट बोलने के कारण बदनामी से भी गुजर सकते हैं |

जन्म कुंडली के तीसरे भाव में shani का क्या प्रभाव होता है ?

जन्म कुंडली के तीसरे भाव में अगर शुभ और शक्तिशाली शनि हो तो जातक को पराक्रमी, समाज सेवा करने वाला बनाता है, जातक को भाइयो से भी फायदा होता है |

जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक को आलसी बनाता है, भाइयो के साथ सम्बन्ध ख़राब करता है, जातक का धन अंधविश्वास में बर्बाद होता है | 

जन्म कुंडली के चौथे भाव में shani का क्या प्रभाव होता है ?

जन्म कुंडली के चौथे भाव में अगर शुभ और शक्तिशाली shani जातक को पूर्वजों की संपत्ति दिलाता है | वाहन की कमी नहीं रहती है | जातक के ऊपर परिवार की जिम्मादारियां रहती हैजिसे वो सफलता पूर्वक निभाता है |

जन्म पत्रिका के चौथे भाव में अशुभ या कमजोर शनि के कारण जातक का जीवन संघर्षो से भर जाता है, माता रोगी रहती है या फिर माता से सम्बन्ध ख़राब रहते हैं | जातक को भूमि और वाहन से हानि होती है |

जन्म कुंडली के पांचवे भाव में शनि का क्या फल होता है ?

जन्म कुंडली के पंचम भाव अगर शुभ और शक्तिशाली shani  बैठ जाए तो जातक को डिफेन्स सर्विसेज में सफलता देता है, जोखिम भरे कार्यो को करने के लिए प्रेरित करता है |

जन्म कुंडली के पांचवे भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक के प्रेम सम्बन्ध ख़राब होते हैं, जातक को विद्या प्राप्ति में बाधा आती है, शेयर बाजार या सट्टा बाजार में जातक बर्बाद हो सकता है, गलत सांगत में आके खूब धन बर्बाद करता है |

जन्म कुंडली के छठे भाव में शनि का क्या फल होता है ?

जन्म कुंडली के छठे भाव में अगर शुभ और शक्तिशाली shani  हो तो जातक शत्रुओ को पराजित करने वाला होता है, कानूनी कार्यो में सफलता प्राप्त करता है, साहसी होता है, अपने इच्छाओं को पूरा करने वाला होता है, काम वासना भी बहुत होती है |

जन्म पत्रिका के छठे भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक को अनैतिक कार्यो की और धकेलता है, कानूनी मामलो में उलझाता है, कर्जे में फंसा देता है, किसी न किसी रोग से जातक परेशां रहता है |

जन्म कुंडली के सप्तम भाव में शनि का क्या फल होता है ?

अगर जन्म पत्रिका के सप्तम भाव में शुभ और शक्तिशाली shani मौजूद हो तो जातक को शनि से सम्बंधित व्यापार में लाभ होता है जैसे लोहा, चमड़ा, मशीनरी आदि | जातक को अच्छी और ईमानदार जीवन साथी और अच्छे दोस्त प्राप्त होता है |

जन्म कुंडली के सातवें भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक को अनैतिक संबंधो की और धकेलता है, जातक का वैवाहिक जीवन बर्बाद होता है, करीबियों से धोखा मिलता है | व्यापार में खूब हानि होती है |

पढ़िए शनि दोष के लक्षण क्या होते हैं 

जन्म कुंडली के अष्टम भाव में shani का क्या फल होता है ?

अगर जन्म पत्रिका के अष्टम भाव में शुभ और शक्तिशाली shani हो तो जातक दीर्घायु होता है, गंभीर होता है, शोध कार्यो में सफल होता है, गुप्त विद्याओं को सीखने में रूचि रखता है | 

जन्म कुंडली के अष्टम भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक की सेहत पर बुरा असर डालता है, जातक का जीवनसाथी कड़वा बोलने वाला होता है, जातक नशे में बर्बाद हो सकता है |

जन्म कुंडली के नवम भाव में shani का क्या फल होता है ?

अगर जन्म पत्रिका के नवम भाव में शुभ और शक्तिशाली shani हो तो जातक को पैतृक सम्पत्ती का लाभ होता है, एक से अधिक मकान होते हैं, जातक धार्मिक होता है और साथ ही समाज सेवा के कार्यो से जुड़कर काफी नाम कमाता है | 

जन्म कुंडली के नवम भाव में अशुभ या कमजोर शनि के होने से जातक के जीवन में संघर्ष बढाता है, पिता से सम्बन्ध ख़राब करवाता है, भाइयो से सम्बन्ध ख़राब करवाता है, अंधविश्वास में फंस के बहुत धन गंवाता है | दुर्भाग्य पीछा नहीं छोड़ता है |

जन्म कुंडली के दशम भाव में शनि का क्या फल होता है ?

अगर जन्म पत्रिका के दशम भाव में शुभ और शक्तिशाली Shani हो तो जातक को सरकारी नौकरी मिल सकती है, जातक का समाज में और कार्य स्थल में अलग ही नाम होता है | दशम भाव का शनि जातक को धनी, धार्मिक बनाता है, कार्य स्थल पर उच्चपद देता है | ऐसे लोग न्याय के कार्यो में भी सफल होते हैं जैसे वकालत, न्यायाधीश आदि |

जन्म कुंडली के दशम भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक को अनावश्यक जिम्मेदारियों में फंसा के रखता है, जातक को अपने कार्य में सफलता के लिए दूसरो की अपेक्षा ज्यादा मेहनत करना होती है | जातक के सम्बन्ध अधिकारी वर्ग से ख़राब हो सकते हैं | ऐसे लोगो सरकारी नौकरी में हो या फिर प्राइवेट पर ये अधिक जिम्मेदारी के कारण हमेशा परेशां ही नजर आते हैं | 

जन्म कुंडली के एकादश भाव में शनि का क्या फल होता है ?

अगर जन्म पत्रिका के ग्यारहवें भाव में शुभ और शक्तिशाली shani हो तो जातक धनी होता है, उसके एक से अधिक आय के स्त्रोत होते हैं, सभी प्रकार के सुखो को वो प्राप्त करता है, जातक की आयु लम्बी होती है |

जन्म कुंडली के ग्यारहवे भाव में अशुभ या कमजोर शनि जातक के संतान के साथ सम्बन्ध ख़राब करता है, आय से अधिक खर्चे होते हैं | जातक को अपनी इच्छाओ को पूरा करने के लिए बहुत अधिक मेहनत करना होता है | रोजगार के साधन स्थिर नहीं रहते हैं |

जन्म कुंडली के बारहवें भाव में शनि का क्या फल होता है ?

अगर जन्म पत्रिका के बारहवें भाव में शुभ और शक्तिशाली शनि हो तो जातक बड़े बड़े निवेश करता है लम्बे समय के लिए | जातक के एक से अधिक मकान हो सकते हैं |

कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ या कमजोर शनि के कारण जातक गंभीर रोगों से ग्रस्त हो सकता है | भूमि के कार्यो में धन फंस जाता है | जातक अनैतिक लोगो के साथ सम्बन्ध रखता है और खूब धन बर्बाद करता है | 

तो इस प्रकार हमने जाना की 12 भावों में शनि का क्या फल हो सकता है | अगर आप अपनी कुंडली से अपने भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं तो ज्योतिष सेवा प्राप्त करें ऑनलाइन |

जानिए विवाह कब होगा, कैसा रहेगा जीवन साथी, कामकाज में उन्नति के लिए क्या करें, लव लाइफ में कैसे सफलता पायें, भाग्यशाली रत्न कौन सा है, कौन सी पूजा करनी चाहिए आदि |

अब आइये जानते हैं की ख़राब शनि के लिए कौन कौन से उपाय कर सकते हैं ?

  1. शनि ग्रह शांति पूजा समय समय पर करवाते रहना चाहिए |
  2. शनिवार का व्रत रखना शुरू करें और काली चीजो का दान करें जैसे लोहा, काली गाय, जूते आदि |
  3. घर की पश्चिम दिशा को कभी गंदा न रहने दे |
  4. शनि गायत्री मंत्र का जप रोज करें |
  5. शराब और मांसाहार का प्रयोग न करें | 
  6. शनिवार  को तेल का दान करें | 
  7. हनुमान जी की पूजा भी लाभदयक होती है | 
  8. शनिवार के दिन किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोली बनाकर खिलाएं।
  9. प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करें | 
  10. हर शनिवार को काली गाय को रोटी खिलाएं
  11. कभी झूठ ना बोले| 

Kundli Ke 12 Bhavo Mai Shani Ka prahbav, जानिए कुंडली के अलग-अलग भावों में शनि का शुभ और अशुभ प्रभाव, द्वादश भाव में शनि का फल, shani Grah Ka Kundli ke 12 Bhavo mai Prabhav |

Comments

Popular posts from this blog

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमज...

Tantroktam Devi suktam Ke Fayde aur lyrics

तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ ॥ Tantroktam Devi Suktam ,  Meaning of Tantroktam Devi Suktam Lyrics in Hindi. देवी सूक्त का पाठ रोज करने से मिलती है महाशक्ति की कृपा | माँ दुर्गा जो की आदि शक्ति हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूरी करने में सक्षम हैं | देवी सूक्तं के पाठ से माता को प्रसन्न किया जा सकता है | इसमें हम प्रार्थना करते हैं की विश्व की हर वास्तु में जगदम्बा आप ही हैं इसीलिए आपको बारम्बार प्रणाम है| नवरात्री में विशेष रूप से इसका पाठ जरुर करना चाहिए | Tantroktam Devi suktam  Ke Fayde aur lyrics आइये जानते हैं क्या फायदे होते हैं दुर्गा शप्तशती तंत्रोक्त देवी सूक्तं के पाठ से : इसके पाठ से भय का नाश होता है | जीवन में स्वास्थ्य  और सम्पन्नता आती है | बुरी शक्तियों से माँ रक्षा करती हैं, काले जादू का नाश होता है | कमजोर को शक्ति प्राप्त होती है | जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उनके आय के स्त्रोत खुलते हैं | जो लोग शांति की तलाश में हैं उन्हें माता की कृपा से शांति मिलती है | जो ज्ञान मार्गी है उन्हें सत्य के दर्शन होते हैं | जो बुद्धि चाहते हैं उन्हें मिलता ह...

Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde

कर्ज मुक्ति के लिए महादेव का शक्तिशाली मंत्र |  Rin Mukteshwar Mahadev Mantra | spell to overcome from debt, कहाँ पर है ऋण मुक्तेश्वर मंदिर ?, कर्ज बढ़ने के ज्योतिषीय कारण | ये मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार है, किसी भी प्रकार के ऋण से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, भगवान् शिव की कृपा को आकर्षित करने का बहुत ही सशक्त और सरल माध्यम है | अगर आपके ऊपर कर्जा बढ़ता जा रहा हो तो ऐसे में ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा बहुत लाभदायक है |  Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde Read in english about Benefits Of RINMUKTESHWAR MANTRA हर महीने जब लेनदार पैसे मांगने आते हैं तो अच्छा नहीं लगता है , स्थिति तब और ख़राब होती है जब की देने के लिए धन नहीं होता है | कर्जा सिर्फ उस व्यक्ति को ही परेशां नहीं करता है जिसने लिया है अपितु पुरे परिवार को शर्मनाक स्थिति से गुजरने के लिए मजबूर करता है अतः जितना जल्दी हो सके कर्जे से बाहर आने की कोशिश करना चाहिए |  आज के इस युग में हर व्यक्ति दिखावटी जीवन जीना चाहता है और इसी कारण एक अंधी दौड़ में शामिल हो गया है | सुख सुविधाओं को एकत्...